भारतीय मास अगहन और अंग्रेजी मास दिसंबर की रचना कैसे हुई -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
भारतीय मास अगहन की रचना की बात करें तो -अभिजीत नक्षत्र पर आधारित यह मास है | अभिजीत नक्षत्र का स्वामी स्वयं ब्रह्मा है | इस सृष्टि के निर्माणकर्ता ब्रह्माजी ही हैं | अगहन मास वास्तव में सुसुप्त अवस्था में चला जाता है --इसके बाद पूस मास आता है अतः इस मास शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं | नई आशा और नई उम्मीद में सभी जीव नए कार्य करने सोचने के बिचार -विमर्श में लगे रहते हैं | स्वयं ब्रह्माजी के मन में भी अनन्त जिज्ञासा -उत्सुकता रहती है --सृजन के लिए --अतः इस अगहन मास का नामकरण ब्रह्माजी के नाम पर पड़ा | ----------अंग्रेजी मास दिसंबर की रचना की बात करें तो --लैटिन भाषा के इस शब्द का अर्थ होता है दसवां | जूलियस ने मासक्रम में इसका स्थान बारहवां रखा है | ईशामसीह का जन्म भी इसी मास में हुआ | ----दोस्तों -इस पेज -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut- में ज्योतिष से सम्बंधित नवीन{शास्त्र सम्मत } बातों का हलचल रोज होता है -जो आपको ज्योतिष और ज्योतिषियों के प्रति कुभाव को मिटाकर -श्रद्धा ,स्नेह और आस्था तो जगाता है ही -आप इस भारतीय सत्य धरोहर "ज्योतिष "से विमुख नहीं हो सकेंगें । आप चाहे बालक हों ,युवा हों ,अभिभावक हों या फिर ज्योतिषाचार्य सबके योग्य है ---यकीं नहीं आता तो इस पेज को अपनाकर देखें|

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