आकाश के स्थिर तेजोगोल को तारे और अस्थिर अर्थात सूर्य की परिक्रमा करने वाले तेजोगोल को "ग्रह"कहते हैं । ग्रहों की संख्या -9 हैं -इस प्रकार से -सूर्य ,चन्द्र ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,शनि ,राहु और केतु । -----अस्तु ----ज्योतिष और ज्योतिषियों के मत के अनुसार विधाता "ब्रह्मा "के मन में जब संसार की रचना की कामना हुई तो सर्वप्रथम उनके मन से चन्द्रमा और आकाश ,नेत्रों से सूर्य ,आकाश से वायु ,वायु से अग्नि ,ध्वनि ,स्पर्श ,रंग एवं गुण ,अग्नि से जल ,स्वाद आदि ,जल से भूमि ,सुगंध ,स्पर्श ,ध्वनि आदि ,इसी क्रम से दो ग्रह और पंचतत्व निर्मित हुए । इसके उपरांत अग्नि से मंगल ,भूमि से बुध ,जल से शुक्र ,वायु से शनि और आकाश से गुरु ऐसे पांच ग्रहों को जन्म दिया । ----भारतीय ज्योतिष में जिन्हें नक्षत्र या ग्रह कहकर पुकारा जाता है -उनमें एक नक्षत्र यानि सूर्य ,एक उपग्रह यानि चन्द्रमा ,पांच ग्रह यानि -मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,शनि एवं दो अमूर्त अस्तित्व यानि राहु +केतु सम्मिलित हैं । राहु +केतु नाम से पुकारे जाने वाले अमूर्त स्थल वो स्थान है -जहाँ सूर्य के चहुं ओर पृथ्वी का दीर्घवृत्त और चन्द्रमा के दीर्घवृत्त को काटता है ।-अर्थात --एक छड़ी के दो छोरों की भांति दोनों दीर्घवृत्तों के ये संघर्ष स्थल सदैव एक दूसरे के आमने -सामने रहते हैं --इसलिए प्रत्येक जातक की जन्मकुण्डली में राहु और केतु परस्पर आमने -सामने घर में ही देखने को मिलते हैं । -----------दोस्तों ---विद्यमान ग्रहों के अलावा पाश्चात्य देश के धुरंधर आचार्य संशोधकों ने सन -1887 में हर्षल एवं सन 1846 में नेपच्युन और बाद में प्लूटो नामक ग्रहों की खोज की और इनका भी यथाबत स्थान दिया किन्तु प्राचीन भारतीय ज्योतिषीगणों नें ज्योतिषी गणना में इन ग्रहों को कोई स्थान नहीं दिया । भारतीय आचार्यों ने केवल पांच ग्रह ,एक नक्षत्र यानि सूर्य ,एक उपग्रह यानि चन्द्रमा और दो अमूर्त स्थलों राहु +केतु के अतिरिक्त अन्य किसी भी आकाशीय पिण्ड को मान्यता नहीं दी ।--ॐ -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ--आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -khagolshastri.blogspot.com
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
मंगलवार, 16 जनवरी 2024
ज्योतिष के मत से ग्रहों की उत्पत्ति कैसे हुई -पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
आकाश के स्थिर तेजोगोल को तारे और अस्थिर अर्थात सूर्य की परिक्रमा करने वाले तेजोगोल को "ग्रह"कहते हैं । ग्रहों की संख्या -9 हैं -इस प्रकार से -सूर्य ,चन्द्र ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,शनि ,राहु और केतु । -----अस्तु ----ज्योतिष और ज्योतिषियों के मत के अनुसार विधाता "ब्रह्मा "के मन में जब संसार की रचना की कामना हुई तो सर्वप्रथम उनके मन से चन्द्रमा और आकाश ,नेत्रों से सूर्य ,आकाश से वायु ,वायु से अग्नि ,ध्वनि ,स्पर्श ,रंग एवं गुण ,अग्नि से जल ,स्वाद आदि ,जल से भूमि ,सुगंध ,स्पर्श ,ध्वनि आदि ,इसी क्रम से दो ग्रह और पंचतत्व निर्मित हुए । इसके उपरांत अग्नि से मंगल ,भूमि से बुध ,जल से शुक्र ,वायु से शनि और आकाश से गुरु ऐसे पांच ग्रहों को जन्म दिया । ----भारतीय ज्योतिष में जिन्हें नक्षत्र या ग्रह कहकर पुकारा जाता है -उनमें एक नक्षत्र यानि सूर्य ,एक उपग्रह यानि चन्द्रमा ,पांच ग्रह यानि -मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,शनि एवं दो अमूर्त अस्तित्व यानि राहु +केतु सम्मिलित हैं । राहु +केतु नाम से पुकारे जाने वाले अमूर्त स्थल वो स्थान है -जहाँ सूर्य के चहुं ओर पृथ्वी का दीर्घवृत्त और चन्द्रमा के दीर्घवृत्त को काटता है ।-अर्थात --एक छड़ी के दो छोरों की भांति दोनों दीर्घवृत्तों के ये संघर्ष स्थल सदैव एक दूसरे के आमने -सामने रहते हैं --इसलिए प्रत्येक जातक की जन्मकुण्डली में राहु और केतु परस्पर आमने -सामने घर में ही देखने को मिलते हैं । -----------दोस्तों ---विद्यमान ग्रहों के अलावा पाश्चात्य देश के धुरंधर आचार्य संशोधकों ने सन -1887 में हर्षल एवं सन 1846 में नेपच्युन और बाद में प्लूटो नामक ग्रहों की खोज की और इनका भी यथाबत स्थान दिया किन्तु प्राचीन भारतीय ज्योतिषीगणों नें ज्योतिषी गणना में इन ग्रहों को कोई स्थान नहीं दिया । भारतीय आचार्यों ने केवल पांच ग्रह ,एक नक्षत्र यानि सूर्य ,एक उपग्रह यानि चन्द्रमा और दो अमूर्त स्थलों राहु +केतु के अतिरिक्त अन्य किसी भी आकाशीय पिण्ड को मान्यता नहीं दी ।--ॐ -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ--आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -khagolshastri.blogspot.com
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
khagolshastri.blogspot.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)
खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ
जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...
-
ॐ --इस वर्ष यानि -2024 +25 ----13 /04 /2024 शनिवार चैत्र शुल्कपक्ष पंचमी तिथि -09 /05 रात्रि पर वृश्चिक लग्न से सौर वर्ष की शुरुआत हो रही ह...
-
ॐ श्रीसंवत -2082 --शाके -1947 आश्विन शुक्लपक्ष -तदनुसार दिनांक -22 /09 /2025 से 07 /10 / 2025 तक देश -विदेश भविष्यवाणी की बात करें --नवरात्...
-
ॐ इस वर्ष 2024 +25 में ग्रहपरिषदों के चुनाव में राजा का पद मंगल ,मन्त्री का पद शनि को मिला है | राजा मंगल युद्धप्रिय होने से किन्हीं देशो...
-
ॐ आषाढ़ शुक्ल गुरुवार ,26 जून 2025 को 1447 को हिजरी सन प्रारम्भ होगा | भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लिम वर्ग की प्रवित्तियों के अध्ययन के लिए दै...
-
ॐ -श्रीसंवत 2081 -का शुभारम्भ -08 /04 /2024 सोमवार को रात्रि 11 -50 पर धनु लग्न से हो रहा है | लग्न का स्वामी गुरु पंचम भाव में शुभ ग्रह बु...
-
ॐ -हिजरी सन 1946 का आरम्भ मुहर्रम मास के प्रथम दिवस दिनांक -08 /07 /2024 की शाम को धनु लगन से होगा | उक्त कुण्डली के अनुसार लग्नेश रोग ,ऋण ...
-
ॐ नववर्ष -2025 ,संवत -2082 का आगमन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिनांक -29 /03 /2025 को मीन के चन्द्रमा के समय होगा | नववर्ष प्रवेश के समय देश की रा...
-
ॐ दोस्तों -ज्योतिष जगत में लेखन का कार्य 2010 से शुरू किया था --कुछ महान विभूतियों के बारे में लिखने का सौभाग्य मिला -जैसे श्री प्रणवदा ,डॉक...
-
ॐ --पाकिस्तान --की कुण्डली में मेष लग्न उदित है | अप्रैल से सितम्बर -2025 में पाकिस्तान अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति असमंजस्य और आतंरिक ,राजनैतिक ...
-
ॐ --संवत -2082 ब्रिटेन के समाज और ब्रिटिश राजनीति के लिए अशुभ संकेत है | जुलाई -2025 -के उपरान्त अंग्रेजी राजनीति एवं कूटनीति में बदलाव प्रक...
