ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
शनिवार, 30 अगस्त 2025
मेरी कुण्डली का प्रथम भाव -आत्मकथा पढ़ें -भाग -115 - ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों -आत्मकथा के कुछ भाग शेष रह गए हैं | जब हम आत्मकथा लिखने लगे तो सोच केवल मेरी यह थी -मुझसे गलती कहाँ हुई -क्या अब कुछ ठीक कर सकते हैं | -2017 से चलते -चलते अब यह समझ में आया है --केवल गुरु का मागदर्शन ही किसी व्यक्ति को सही जगह आसीन कर सकता है | इसके सिवा भटकाव से बचने का कोई मार्ग नहीं हो सकता होता है | ---अस्तु --दोस्तों ज्योतिष की खोज केवल मानव के लिए हुई थी | इसका सही लाभ राजा -महराजा ही ले पाए | आज भले ही ज्योतिष सर्वमान्य है --किन्तु मार्गदर्शन शून्य है | आज भले ही घर -घर ज्योतिष है किन्तु भरोसा शून्य है | क्योंकि ज्योतिष वैदिक कर्मकाण्ड विहीन हो रहा है साथ ही संस्कृत भाषा से भी बहुत दूर हो चूका है | इसकी वजह से गुप्त शून्य है -जब सबकुछ उजागर हो जाता है तो फिर --व्यक्ति को कल का फिक्र नहीं होता है --इसकी आर में अधर्म एवं गलत राह से भी चिंता मुक्त रहता है | अतः हो सके तो अपनी ज्योतिष खुद न पढ़ें -गुरु जनों का सान्निध्य प्राप्त करें -इसमें ही किसी व्यक्ति का कल्याण हो सकता है | --मेरा जन्म निम्न परिवार में हुआ किन्तु गुरुजनों के सान्निध्य से वैदिक और ज्योतिषी भी बनें | कम उम्र में पलायन धन के लिए हुआ | दर -दर भटकता रहा | कुण्डली भी थी ,एक शास्त्री भी थे पर उपचार का सामर्थ नहीं था, न ही गुरु जनों का सान्निध्य | कुण्डली में राजयोग ,धन ,संपत्ति ,वाहन ,भवन को तो ढूंढते रहे पर सही गुरु जनों का मार्ग दर्शन नहीं होने के कारण --दुनिया की सभी वस्तुओं को प्राप्त करने के बाद भी दुःखी रहा | जब पहलीबार अपनी कुण्डली में ज्ञात हुआ --सिंह लग्न का हूँ --तो किताब के अनुसार अपने आप को राजा समझा | जब यह ज्ञात हुआ कि सूर्य के साथ मंगल भी लग्न में दो -दो त्रिकोण का स्वामी होकर बैठे हैं --तो अपने आपको प्रधानमंत्री से कम नहीं रहेंगें --किताबों के अनुसार और ऐसा हुआ भी | ---जीवन भर यह सुख मिला --राजा की तरह जीये ,कभी झुके नहीं ,तनिक सी गड़बड़ बात पसंद नहीं ,तनिक सी असभ्यता पसंद नहीं ,अपनी शान में कोई कमी न रहे ,जैसा मैं चाहू वही हो ,सभी मेरी बातों को अमल करें ,सबको बेहतर जीवन मिले ,सभी सुखी से रहें ,नित्य परोपकार करें ,एक सुन्दर समाज की रचना करें ,सत्य पथ पर सभी चलें ,सभी कर्मठ हों ,सबके घर में राम राज्य हो --इतने तमाम गुण मेरी कुण्डली के प्रथम भाव में थे ---ध्यान दें --समाज में धर्म है तो अधर्म भी हैं ,सत्य है तो असत्य भी है --अतः इतने गुण होने के बाद भी अपने घर को नहीं संभाल पाए ---क्यों ? क्योंकि जो व्यक्ति केवल किताब के आधार पर चलता है --वो ज्ञानी होते हुए भी अधूरा रहता है --अतः हर व्यक्ति को किताबों का ज्ञान अवश्य होना चाहिए --पर मार्गदर्शन किताबों से संभव नहीं है --अध्यात्म की दुनिया के लिए तो किताब सही है पर जीवंत दुनिया के लिए -एक मार्ग दर्शन दाता की जरुरत होती है --जो दोनों ज्ञान से जीने की कला सिखाये --इस मामले में मैं अधूरा रहा ,गुरु का सान्निध्य बाल्यकाल में समाप्त हो गया --अतः केवल किताबी ज्ञान पर चला --जो अहंकार से भरा था --अतः अधूरा रहा | हो सके तो सभी श्रोताओं से अनुरोध करना चाहता हूँ --एक सफल व्यक्ति बनना है --तो खूब ज्योतिष को मानें पर मार्ग दर्शन के बिना न चलें हमारी तरह अधूरा रह जायेंगें | --अगले भाग में अपनी कुण्डली के द्वितीय भाव क पर प्रकाश डालेंगें ---भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogs
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ
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