मिथुन राशि --यह राशि एकता ,बुद्धिमता ,साहस तथा उत्साह की प्रतीक मानी जाती है | इसका स्थान विषुवत रेखा से 24 डिग्री पर है | यह सम राशि है और यह पश्चिम दिखा में निवास करती है | इसकी अवस्था बाल्य है | सत्वगुण है ,वायु तत्व है ,विषम है और जाति इसकी वैश्य है |
---इसका स्थान वक्षस्थल है | इससे स्तन ,कंधे ,भुजा ,हाथ और फेफड़े प्रभावित रहते हैं | यह स्पन्दन और श्वासों पर अपना शासन करती है | यह राशि पुरुष आकार की है | इसका रंग हरा हरित है |
--मुख्यतः इस राशि का संचरण ऐसे व्यक्तियों में देखा गया है ,जो नृत्य ,गायन ,वाद्य ,शिल्प ,अनुसंधान तथा वाग्विधता में अपना सानी नहीं रखते ,मृगशिरा के दो चरण ,आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण इस राशि में व्याप्त हैं | इसी कारण इस राशि के व्यक्तियों का स्वभाव शांत होता है | ये सुखी ,अत्यन्त भोगी ,सुभग ,सब जनों के प्रेमी और पुत्र ,मित्र आदि से युक्त होते हैं | ------" शांत सुखी च सुभगो जनवल्ल्भः , पुत्र मित्रादि भिरयुक्तो जायते च पुनर्वसौ "----इसके अपवाद में ऐसा भी कथन है ---अहंकारी एरद्वेषी मृगे भवति मानवः ---और ----कृतघ्नः कोय युक्तश्च नरः पाप रतः शठः ,आर्द्रा नक्षत्र सम्भूतो धनधान्य विवर्जितः "---किन्तु इसके प्रतिकूल भी कहा है --मिथुन राशि वाला व्यक्ति --शास्त्री ,पंडित ,वक्ता ,कवि ,ग्रंथकार ,प्रियभाषी ,प्रेमालु स्वभाव ,कला -सम्पन्न ,सत्यवादी ,रूपवान ,स्त्री अभिलाषी ,अधिवक्ता ,सुरागरसा ,{जासूस } -संवाददाता होता है | ऐसा व्यक्ति अधिक पुत्रों वाला मेधावी और तर्कशील होता है | तथा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है | ---अगले भाग में कर्कराशि पर विवेचन करेंगें | -भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com
