ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शनिवार, 20 जनवरी 2024

ज्योतिष कक्षा भाग -3 -युग किसे कहते हैं --पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


ज्योतिष के पाठकगण -अब मैं ज्योतिष की ऐसी किताब लिखने का प्रयास करने जा रहा हूँ --जो हम रहें या न रहें -यह ज्योतिष की लिखित मेरे द्वारा किताब किसी भी ज्योतिष जिज्ञासु व्यक्ति को लाभ देगी | बहुत ही सरल भाषा में 


ब्लॉग पोस्ट पर उपलब्ध रहेगी --इसे निःशुल्क कोई भी पढ़कर लाभ ले सकता है | -आज ज्योतिष ज्ञान का तृतीय दिवस है --आज जानें --युग शब्द का अर्थ क्या है एवं ज्योतिष में इसकी क्या जरुरत है | 

---कलि शयनो भवति सज्जीहानस्तु द्वापर ,उतिष्ठ स्त्रेता भवति कृतं सम्पद्यते चरंश्चरै वेति चरैवेति "--

{1  }-सोने वाला युग -कलियुग 

{2 }-बैठने वाला युग --द्वापर युग 

{3 }-उठने वाला युग --त्रेता युग 

{4 }--धूमने वाला युग -कृत युग 

---काल मान के अर्थ में युग शब्द वेदों में अनेको बार आया है | युग कितने हैं ? --इस पर विद्वानों में थोड़ा मतभेद अवश्य है | कहीं 5 कहीं 6 कहीं 4 और कहीं 3 का विवेचन है | सायणाचार्य का त्रियुगं शब्द का अर्थ -कृत ,त्रेता ,द्वापर तीन युगों का द्योतक हैं  | स्तोमों में चार और पांच की संख्या बतलायी है | वास्तविकता कुछ भी हो --युग ही काल के परिमाण दर्शक हैं और वह क्रमशः चार हैं ---

{1 }--सतयुग --17 लाख 28 हजार वर्ष 

{2 }-त्रेतायुग --12 लाख 96 हजार वर्ष 

{3 }-द्वापरयुग --8 लाख 64 हजार वर्ष 

{4 }--कलियुग --4 लाख 32 हजार वर्ष 

--आर्य ग्रंथों में इन युगों की आरम्भ --सृष्टि का उल्लेख भी मिलता है | -----ज्योतिष ज्ञान में पहला ज्योतिष परिचय जाना ,दूसरा सूर्यदेव का वैभव को जाना इसके बाद --युग को जाना --आगे संवत्सर की चर्चा करेंगें | --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -पधारें --khagolshastri.blogspot.com

खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...