ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

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ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

सोमवार, 18 सितंबर 2023

जनवरी और माघ मास नाम कैसे पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ


 

 

 

जनवरी और माघ मास नाम कैसे पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ


ज्योतिष विद्या देव विद्या है -और ज्योतिष को समझने के लिए अंग्रजी को भी समझना पड़ेगा । भाषा कोई भी हो देवता को सभी मानते हैं ------ अस्तु ----रोमन एवं अंग्रेजी भाषा साहित्य में ही नहीं संप्रदाय में भी उग्र संक्रांतियां {संघर्ष }हुई है । देवताओं को वहां भी महत्व दिया गया है और साथ ही उसी आधार पर अंग्रेजी मासों की भी रचना हुई हैं । ----जनवरी ----जेनस नामक एक रोमन देवता के नाम पर वर्ष के प्रथम मास का नाम रखा गया । इस देवता के सम्बन्ध में यह प्रसिद्ध है कि इसके दो मुख थे । एक सामने की ओर तथा दूसरा पीछे की ओर --इस बात में यह विशेषता है कि जब हम बीते हुए साल सफलताओं और असफलताओं पर विचार करते हैं ,तो हमें आगे आने वाले नववर्ष की नई योजनाओं का भी आकलन करना पड़ेगा । भाव यह है कि जेनस देवता आदि और अंत का देवता समझा जाता है-इसलिए साल का पहला नाम जनवरी इनके नाम से प्रारम्भ हुआ । ---ज्योतिष की बात करें तो माह {माघ } मास की रचना नक्षत्र मघा के नाम से पड़ा ,मघा नक्षत्र के देवता =पितर हैं । भारतीय संस्कृति में व्यक्ति अपनी समस्त वस्तुओं को सबसे पहले अपने पितरों को ही अर्पित करता हैं -अर्थात किसी भी व्यक्ति को लाभ या हानि ,सुख या समृद्धि पितरों की कृपा से ही सम्भव होता है -जिसका प्रमाण किसी भी शुभ कार्य में सर्वप्रथम पूजा पितरों की ही होती है -नांदी श्राद्ध से । ज्योतिष के मासों में माघ मास का स्थान 11 वां है । इस माह में तमाम देवतों की सिद्धि भी प्राप्ति की जाती है शिक्षा की देवी -माँ सरस्वती की पूजा इसी माह में होती है । अर्थात भारतीय संस्कृति में भी मासों का चयन देवताओं के अधिकार के ऊपर रखा गया है । ------दोस्तों ज्योतिष एक विशाल सागर है -हमें केवल लग्न का ही फलादेश नहीं समझना चाहिए --उसकी बारीकी को ठीक से जानना चाहिए तभी हम सही ज्योतिषाचार्य हो सकते हैं ।---ज्योतिष या कर्मकाण्ड विषय से सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज में https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut- उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|खगोलशास्त्री" ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई "

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