शुभ कार्य गणपतिजी से क्यों -पढ़ें --ज्योतिषी झा "मेरठ"
- हिन्दू संस्कृति प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है। देवता भी अपने कार्यों की बिना किसी विघ्न से पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं।श्वेतार्क वृक्ष को गणपति का स्वरूप माना जाता है। इसकी जड़ में गणेशजी का वास होता है। भगवान गणेश के श्वेतार्क रूप की घर वयापार स्थान मे पूजा करने से अक्षय लक्ष्मी, विद्या बुद्धि, और ऋण नाश और ऊपरी बाधाओं, नजर दोष से मुक्ति मिलती हैं।श्वेतार्क गणपति पर गणेश जी के मंत्रो का जाप करना चाहिए...........ॐ गं गणपतये नमः - गं से युक्त मंत्र का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए। ऊँ वक्रतुंडाय हुम - किसी के द्वारा अनिष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए।॥ हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा ॥ - आलस्य, निराशा, पारिवारिक कलह दूर करने के लिए।ऊँ गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: - कार्यो मे विघ्न को दूर करने धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए।ऊँ गूं नम: - रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक समृध्दि की पूर्ति के लिए ।ऊँ श्री गं सौभाग्य गणपत्ये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा - विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने के लिए | ----ॐ |--ज्योतिष सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज मे -----https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut------ उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई

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