ॐ --बांग्लादेश की स्थापना की कुण्डली में गुरु ,बुध और चंद्र -वृष्चिक राशि में स्थित है | इन पर शनि और केतु की दृष्टि पड़ रही है | --पाठकों को स्मरण होगा गत वर्ष-2024 के आलेख में लिखने का प्रयास किया था कि भारतीय उप महाद्वीप के मानचित्र में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं | आगे --उक्त संकेतों को शुभ फल में परिणित करने के लिए शासक वर्ग समयोचित निर्णय क्रियान्वित करें | आगे लिखा था -भारतीय कूटनीति एवं राजनीति में शुक्रनीति के शुभ लक्षण दिखाई देंगें | पड़ौसी देशों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भारत कार्यशील रहेगा | आगे यह भी लिखा था --भारत के सन्दर्भ में यह लिखा था कि पड़ौसी देशों में सैनिक टकराव "करेले का नीम चढ़ा होने की उक्ति " को चरितार्थ करेगा ,समाधान हेतु सैनिक विकल्प ,कठोर सैनिक अनुशासन तथा कड़े प्रशासनिक कदमों का उठाया जाना अपरिहार्य होगा | उप -महाद्वीप में उत्पन्न किसी भी प्रकार की जन -पलायन की स्थिति में संवैधानिक ,प्रशासनिक और कूटनीति तैयारी कर लेनी चाहिए | अगस्त से अक्टूबर -2024 में बांगलादेश में प्रजातान्त्रिक सरकार को कट्टरवादियों ने गिरा दिया | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री जी को भारत में सुरक्षा और संरक्षण प्राप्त हुआ | बांग्लादेश में कट्टरवादी आतंकवादियों द्वारा हिन्दुओं पर व्यापक अत्याचार एवं हिंसा की गई | बांग्लादेश में एकाएक उपस्थित हुई परिस्थिति गत वर्ष में किये भविष्यफल कथन की श्रंखला में देखी जा सकती है | कुछ इसी प्रकार की परिस्थिति म्यांमार में भी हो रही है | इस वर्ष युद्ध भय के कारण बांग्लादेश और म्यांमार में कट्टरवादी कांप उठेंगें | जनता को व्यापक स्तर पर पीड़ा अनुभव होगी | भुखमरी और युधाग्नि के कारण जन धन हानि के व्यापक संकेत है | हम सब का जीवन हमारा कर्मफल ही है | ज्योतिष तो मात्र भविष्य में सटीकता से देखने का गणितीय वैदिक सूत्र है |
----बांग्लादेश के सत्तारूढ़ नेताओं के लिए उपयुक्त यही होगा कि वह अपनी जातीय और अनुवांशिक परम्परा को ध्यान में रखकर सहिष्णुता और समभाव को अपनाते हुए शासन सूत्र का सञ्चालन करें --अन्यथा उनका सत्ता सिहासन डोलता हुआ दिखाई देने की संभावनाएं बलवती है | हिंसा और युद्ध भय अल्पकाल में समाप्त होता नहीं दिख रहा है | इस संवत में भूतपूर्व पूर्वी पाकिस्तान में पुनः अंग विच्छेदन संभव है | ----ज्योतिष के प्रिय पाठक -ध्यान दें --कि यही संकेत म्यांमार -{पूर्व बर्मा }में भी उत्पन्न हो रहे हैं | वर्तमान म्यांमार एक एकीकृत देश के रूप में अपना अस्तिव खो चूका है तथा निकट भविष्य में भी उसके लिए संभालना तथा पूर्व स्थिति को प्राप्त करना संभव नहीं प्रतीत हो रहा है | कदाचित --इसी दशक में हम अवैध -अप्रवासियों -घुसपैठियों की नदी का प्रवाह उल्टा बहते देखेंगें | आज ---के बांग्लादेश के निवासी प्रवास के लिए रोहिन्या राष्ट्र को ही श्रेष्ठ विकल्प माने अब यह मनोवृत्ति पनपने की पृष्ठभूमि बनती प्रतीत हो रही है | यह --भारत के आज के युग की सबसे बड़ी समस्या समाधान का बीजारोपण भी हो सकता है | यदि राष्ट्रनायक उचित रणनीति का अनुशरण करें तो विजय श्री भारतीय सेना को ही प्राप्त होगी | -- --भवदीय --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com
