अंग्रेजी मास अगस्त और भारतीय श्रावण मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ
--अंग्रेजी मास अगस्त का नाम रोमन जगत में आक्टेवियस के आधार पर रखा गया जिसका सही शब्द अगस्त ही होता है । यह नाम जूलियस के पोते का था जिनकी विशेषता थी -वो साहित्य और कला में विशेष निपुन {प्रख्यात } थे । ------ज्योतिष संवत मास श्रावण का नाम श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है । इस श्रवण नक्षत्र के देवता स्वयं पालन कर्ता श्री हरि {विष्णु }हैं । यह मास वैसे जुलाई +अगस्त के मध्य आता है । इस मास की सबसे बड़ी बात यह है कि पालनकर्ता क्षीर सागर में सुसुप्त अवस्था में रहते हैं और संहारकर्ता भोलेनाठ स्वयं जगत कल्याण में तत्पर हो जाते हैं । अतः समस्त जीव शिव के समीप {शिवमय } आ जाते हैं । नोट -ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह श्रावण मास यद्यपि विष्णु के अधीन है किन्तु देखभाल भोलेनाथ करते हैं । रोमन जगत में साम्राज्य जूलियस का था किन्तु अधिकार पोते को मिला । अभिप्राय -विश्व की संस्कृति का मेल निःसंदेह भारतीय संस्कृति के इर्द -गिर्द ही है । सभीने अपने -अपने नूतन कार्य की शुरुआत में दैवीय शक्ति को प्रथम स्थान अवश्य दिया है । -----"खगोलशास्त्री" ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई " -- ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज में उपलब्ध हैं कृपया पधारें और अपने -अपने योग्य ज्योतिष का लाभ उठायें ,आपका लाभ ही हमारी दक्षिणा होती है --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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