ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

बुधवार, 15 जनवरी 2025

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -106 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 हमारी आत्मकथा के पाठकगण -प्रत्येक व्यक्ति का लेखा -जोखा जन्मपत्री होती है | यह ज्योतिष राज विद्या और राजपरिवार की धरोहर है | इस धरोहर को सच्ची निष्ठां से राजा -महराजाओं ने आगे बढ़ाया है | भूदेवों ने भी सच्ची निष्ठा से संस्कारयुक्त होकर सदियों से इस ज्योतिष शास्त्र को आगे प्रेरणादायी बनाने का सार्थक प्रयास किया है | यह ज्योतिष  देवभाषा और देववाणी पर आधारित है | सम्प्रति यह ज्योतिष हिन्दी करण और आधुनिक वेष  -भूशा  पर आधारित हो गयी है | ज्योतिष शास्त्र में -नक्षत्र ,लग्न ,राशि ,मुहूर्त  तो मायने रखते ही हैं किन्तु -सबसे बड़ी चीज योग हैं  --जिनका   बिरले ज्योतिषी के मुखारविन्द से ही सटिक प्रभाव संभव है | आज के समय अंग्रेजी भाषा और आधुनिकता के आगे - ज्योतिष ज्ञान सीमित हो रहा है या ये कहें --प्राचीनता विलुप्त होने के कगार पर है | --यहाँ मेरा एकहि आग्रह है --प्रत्येक स्कूल की वेष -भूषा हो सकती है --तो ज्योतिष की भी भेष -भूषा को ज्योतिषी होने के नाते अवश्य अमल करें | मुझे बाल्यकाल में अंग्रेजी की शिक्षा थोड़ -बहुत मिली थी | हमने उनीसवीं शदी में पंचांग से ही ज्योतिषी सीखी थीऔर की थी जिसमें समय बहुत लगता था  किन्तु बिशवी शदी   में अंग्रेजी यंत्र पर भले ही कार्य कर रहे हैं किन्तु --फलादेश हमारा व्यक्तिगत एवं शास्त्रसम्मत ही होता है | आज ज्योतिष के कई ऐसे ग्रन्थ हैं --जो बहुत ही उपयोगी हैं किन्तु संस्कृत में हैं --इन ग्रंथों को केवल ज्योतिष विषय के छात्र ही समझ सकते हैं -मुहूर्तचिन्तामणि ,ताजिक नीलकण्ठी ,वृहत्पराशत ,सांख्यकारिका ,जातकाभरणं ,जातकतत्वम -इत्यादि ----आज ज्योतिषी बहुत हैं किन्तु आधुनिक ग्रन्थों के सहारे ,आज मानने वाले भी बहुत हैं किन्तु अल्पज्ञानी हैं या फिर प्राचीनता को नहीं मानने वाले | यही हाल कर्मकाण्ड जगत में भी हो रहा है --जो वैदिक पद्धति है -वो अपना तो कल्याण करती ही है पड़ोसी का भी उतना ही कल्याण करती है | किन्तु --तंत्र और यंत्र ने अपना अस्तित्व इतना बढ़ा दिया है --जो खुद का विनाश करते हैं साथ ही पडोसी का भी --ध्यान दें --जब पड़ोसी नहीं होंगें तो हम कहाँ होंगें ,जब पड़ौसी सुखी नहीं होंगें तो हम कहाँ से सुखी होंगें | -यह यंत्र और तंत्र इसलिए आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि इनमें मेहनत कम करनी पड़ती है ,धन कम खर्च होता है साथ ही सफलता शीघ्र मिलती है --किन्तु भविष्य सुखद नहीं होता है --पर हर व्यक्ति भविष्य की कामना नहीं करता है --वो केवल वर्तमान पर आधारित हैं --इसलिए हर व्यक्ति तत्काल प्रभाव चाहता है --जो मिलता भी है | वैदिक पद्धति महंगी है ,समय लगता है एवं सबको लाभ देती है --जो कतई बर्दास्त नहीं है --हम केवल एकही बात कहना चाहते हैं -जो आज मेरा है -वो कल मेरे बालक का होगा --बालक कैसे सुखी रहे इस ओर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए --क्योंकि हर व्यक्ति अपने लिए नहीं बच्चों के लिए ही तो जीते हैं --बच्चों के सुख में ही हर अभिभावक सुखी होते हैं | अतः ज्योतिष शब्द गरिमामयी है --इसकी गरिमा का ध्यान रखना हम सबका के कर्तव्य हैं --उम्मीद करता हूँ -वैदिक पद्धति को आत्मसात अवश्य करेंगें | --आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com


मार्गी और वक्री ग्रह -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -65 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


कौन -सा ग्रह मार्गी और कौन -सा ग्रह वक्री है ,इसका ज्ञान भी पंचांग देखने पर ही हो जाता है | जातक के जन्म के समय जो ग्रह मार्गी होता है ,वो उसे जीवन भर मार्गी ग्रह के रूप में ही अपना फल देता है और जो ग्रह वक्री होता है ,वो जीवन भर वक्री ग्रह के रूप में ही अपना फल प्रदान करता है | 

---इसके अतिरिक्त पंचांग की दैनिक गोचर गति के अनुसार जो ग्रह मार्गी अथवा वक्री होते रहते हैं ,वो जातक के जीवन पर अपनी उसी गति के अनुसार अलग से प्रभाव डालते हैं | मार्गी ---अर्थात ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलता रहे | यानि यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे सिंह राशि पर अपने भोग का समय पूरा करने के बाद ,सिंह से आगे कन्या राशि पर ,तत्पश्चात क्रमशः तुला ,वृश्चिक ,धनु ,मकर ,कुंभ आदि राशियों पर सीधे चलते जाना चाहिए | ऐसी सीधी चाल को "मार्गी ग्रह " कहा जाता है | 

-----वक्री का अर्थ है ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलने के बजाय पीछे की ओर लौट जाता है ,अर्थात --यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे कन्या राशि पर जाना चाहिए ,किन्तु वो कन्या राशि पर न जाकर यदि पीछे कर्क राशि पर लौट जाए ,तो उसे "वक्री ग्रह " कहा जायेगा | 

-----अगले भाग में -पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध पर चर्चा करेंगें | - -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  



खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...