ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शुक्रवार, 29 अगस्त 2025

तीसरी कुण्डली का मेरा अनुभव -आत्मकथा --पढ़ें भाग -114 - ज्योतिषी झा मेरठ


हमारे प्रिय आत्मकथा के पाठकगण -मेरी कुण्डली में शनि नीच का भाग्य क्षेत्र में विराजमान है साथ ही गुरु तृतीय भाव में विराजमान हैं --यह जो मेरा तृतीय भाव कुण्डली का है -इसकी सबसे बड़ी विशेषता है --मेरा भाग्य -शनि और गुरु की वजह से सर्वोत्तम है --किन्तु --तृतीय भाव सबसे गड़बड़ है --इसकी वजह से मेरा प्रभाव क्षेत्र उत्तम होने के बाद भी धूमिल हो जाता है एवं सगे -सम्बन्धियों के हम सबसे शत्रु बन जाते हैं | --अस्तु -जिस मित्र यजमान से दोस्ती -2017 में हुई थी -वो देखने में तो धनाढ्य था किन्तु --जड़ खोखला था जो मुझे ज्ञात नहीं था | हमने एक यज्ञ किया  भलाई के लिए किन्तु यज्ञ के प्रभाव से वो सात्विक व्यक्ति बन गया ,जब धर्म के पथ पर चलता है व्यक्ति तो कष्ट भी सहने होते हैं -- आज के समय में धार्मिक दोस्त कम मिलेंगें ,अधर्म पथ पर बहुत सारे मित्र बन जाते हैं | सो उस व्यक्ति के सभी मित्र वास्तव में शत्रु थे और सभी दूर हो गए | हमने धर्म की स्थापना एवं सुखद और संतोष जनक जीवन जीने की सलाह दी साथ ही रास्ते की  हर बाधा को दूर कर चलना सिखाया | यह कार्य इतना सरल भी नहीं था -उसके परिजनों का सबसे बड़ा शत्रु बना फिर भी आगे बढ़ाता रहा | सारे अपयश अपने ऊपर लिया --और एक सही पति ,सही पिता ,सही व्यापारी ,सही व्यक्ति सही जीवन देने का प्रयास किया | किन्तु ज्ञान नहीं दिया क्योंकि ज्ञान के योग्य वो पात्र नहीं था न ही कभी ज्ञानी बनने की याचना की | अब आते हैं उसकी कुण्डली पर --उसकी कुण्डली में मंगल एवं राहु की युति लग्न में थी --इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह होता है --ऐसा व्यक्ति किसी का नहीं होता है ,ऐसा व्यक्ति किसी के कहने पर कुछ भी कर सकता है --क्योंकि उसका अपना कुछ होता ही नहीं है --वो भले ही ज्योतिषी न हो किन्तु सबसे उत्तम वो अपने आप को ज्योतिषी भी मानता है | उस व्यक्ति को भले ही विवेक न हो पर  सबसे बड़ा धार्मिक अपने आप को मानता है | --मेरी कुण्डली में सूर्य और मंगल मित्र होकर स्वराशि का सूर्य लग्न में विराजमान हैं --मेरे जीवन में एक बहुत बड़ी बात रही है -अगर मन में मैल थोड़ा भी आ गया तो कदपि उस व्यक्ति के साथ नहीं रह सकता | मुझे जीवन में भाग्य का बहुत ही लाभ मिला है --व्यक्ति और परिस्थिति कैसी भी हो हमने ठान लिया इसे ठीक करना है तो ठीक वो व्यक्ति अवश्य होगा | दूसरा स्वभाव मेरा स्वभाव ऐसा रहा है --दाग अपने जीवन में लगने नहीं देता हूँ साथ ही अगर पता चल जाये --यह राह गलत है तो तत्काल वो राह छोड़कर चल देता हूँ --चाहे इसमें कितना ही घाटा हो | और होता भी यही है --चाहे घर हो, शिक्षा हो ,संतान हो ,सगे -सम्बन्धी हों ,धन हो या फिर संसार की कोई वस्तु --इनसे हम बहुत ही स्नेह करते हैं किन्तु --परित्याग करने में सोचते नहीं हैं --बेफिक्र होकर वहां से चल देते हैं | जब इस व्यक्ति को सब प्रकार से ठीक कर दिया --और हम दोनों के बीच थोड़ा विचार में मैल आ गया तो अपना सबकुछ छोड़कर चल दिया --यहाँ तक की किताब ,सौन्दर्यता की चीजें साथ में नगद पचास हजार रूपये भी | पर उस व्यक्ति ने कभी नहीं पूछा --हिसाब तो कर लो --अगर जीवन की सारी संपत्ति होती तो भी छोड़कर चल देता --कभी घूमकर देखता भी नहीं ---किन्तु ईस्वर की मेरे ऊपर कितनी बड़ी कृपा ---सप्तक भाव पर गुरु की दृष्टि और सप्तक का स्वामी भाग्य क्षेत्र में है --अतः अगर यह योग मेरी कुण्डली में नहीं होता तो सबकुछ बर्बाद हो जाता --क्योंकि आज के समय में सबकुछ संभव है --त्याग करना संभव नहीं है | जो मैं त्याग करता हूँ --मानों भार्या का आंचल रक्षा हेतु तैयार रहता है | इसको कहते हैं धर्मो रक्षति रक्षकः --अगर आप धर्म के पथ पर चलेंगें --तो धर्म आपकी रक्षा अवश्य करेगा | --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogs


खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...