मेष राशि का स्वभाव और प्रभाव की बात करें --ठीक से अनुभव करें --
यह राशि मानव शरीर के शीश पर निवास करती है | यह अदम्य साहस ,शौर्य और बल -विक्रम का प्रतीक बनकर बलिदान और ओज की सृष्टि करके पुरुष को निर्भीकता और दृढ़ता की ओर ले जाती है | इसका रक्तवर्ण है ,तरुण अवस्था है ,यह पूर्व दिशा में निवास करती है | इसके मधुर स्पर्शन से धातु व अन्न का सर्जन होता है | यह अग्नितत्व के लिए विख्यात है | यह रात्रि में बली रहती है | इसकी जाति क्षत्रिय है | गुण रजोगुण है | विषम होने के कारण यह स्वभाव से क्रूर ,चपल और अटूट है |
---विषुवत रेखा सन्निकट उत्तर में 12 डिग्री पर स्थित होने के कारण इसके प्रभाव में आने वाला मानव तेजपुंज और बलिष्ठ होता है | वह आतंकित और भयावह वातावरण से भयभीत नहीं होता | मनोबल बटोर कर समाज का प्रतिनिधित्व करता है |
---भरणी और कृतिका नक्षत्र के आधारभूत यह राशि मस्तिष्क में प्रभुता की भावना प्रादुर्भाव करती है और उच्च गति की ओर जाने का सतत प्रयत्न करती है | यह राशि नववर्ष की प्रेरक शक्ति को सृष्ट करके अपने कृतित्व और व्यक्तित्व को गतिवान बनाती है | इसका अनुगामी उच्चपद और शासन का आकांक्षी और क्रांतिकारी अग्रदूत होता है |
---नराशय ,पराभव और अभावों से उठकर मध्यान्ह सूर्य के समान अंगराई लेता है और विश्व का अभिनंदनीय पुरुष बनकर अंगारों से खेलता है | संघर्षों से पल्ल्वित होता है | इसका अनुयायी अड़ियल और दुराग्रही होता है | --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com
