ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024

खगोलशास्त्री कैसे बनें -सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ



 खगोलशास्त्री कैसे बनें -सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ

प्रिय ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के श्रोता और पाठकगण -----मेरी आत्मकथा और ज्योतिष की अचूक और सटिक किताब को लिखने का अन्तिम प्रयास करने की कोशिश कर रहा हूँ | --यह दोनों किताब शीघ्र पूर्ण हो आप सभी का स्नेह और आशीष चाहिए ----इसके बाद नेट की दुनिया से अवकाश लेना चाहता हूँ | 2010 से चलने का प्रयास किया था | अब मेरी उम्र वैराग की ओर ईशारा कर रही है | मुझे अपने जीवन में अनुभव यह हुआ है --व्यक्ति कैसा भी हो सही मार्गदर्शन से उच्च शिखर पर आसीन सकता है | ---- भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

ज्योतिष कक्षा पाठ -27 -नक्षत्रों के चरणाक्षर जानें -पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 ज्योतिषशास्त्र ने सूक्ष्मता से समझने के लिए प्रत्येक नक्षत्र के चार -चार भाग किये हैं ,जिन्हें पथम चरण ,द्वितीय चरण ,तृतीय चरण ,चतुर्थ चरण कहा जाता है | प्रत्येक नक्षत्र के जो चार -चार चरण होते हैं ,उनमें प्रत्येक नक्षत्र के चरण का एकेक "अक्षर " निर्धारित कर दिया है | जिस नक्षत्र के जिस चरण में जिस व्यक्ति का जन्म होता है ,उसका नाम उसी जमकालीन नक्षत्र के चरणाक्षर पर रखा जाता है |  उदहारण के लिए यदि किसी व्यक्ति का जन्म सतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरनाक्षर सू से प्रारम्भ करके सुरेश ,शुशील ,सुमित ,सुखीलाल ,और स्त्रिओं में सुरेखा ,इत्यादि रखा जायेगा | किस नक्षत्र के कौन -कौन से चरणाक्षर होते हैं ,इसे निम्न तालिका के द्वारा सहज ही समझा जा सकता है | 

----नक्षत्र -----   प्रथम चरण --------- द्वितीय चरण ----  तृतीय चरण ------  चतुर्थ चरण 

--अश्विनी ------ ------------चू ,----------------चे ,---------------चो ,-----------------ला 

---भरणी ------------------ली-----------------,लू, ----------------ले, -----------------लो 

--कृतिका------------------अ -----------------,इ ,--------------उ ,-------------------ए 

--रोहिणी -----------------ओ ----------------,बा , -------------बी ,------------------बू 

--मृगशिरा ----------------बे ------------------,बो ,---------क ,-------------------की 

----आर्द्रा -----------------कू ------------------,घ ,---------ड ---------------------,छ 

--पुनर्वसु ------------------के ,-----------------को ---------,ह --------------------,ही 

--पुष्य ----------------------हू ,-------------हे ,------------------हो------------------,ड 

--आश्लेषा ----------------- डी----------- ,डु ,-------------डे ---------------------,डो 

--मघा ----------------------म ----------,मी--------------- ,मु ---------------------,में 

---पूर्वाफाल्गुनी -----------मो -----------,ट ----------------,टी ---------------------,टू 

--उत्तराफाल्गुनी ----------टे ,-----------टो -----------------,प-------------------- ,पी 

---हस्त -------------------पू ,------------ष ,------------------ण -------------------,ठ 

--चित्रा --------------------पे ,------------पो -------------------,र -----------------,री 

--स्वाति --------------------रु ,------------रे ,------------------रो------------------- ,त 

---विशाखा ----------------ती --------------,तू -------------,ते ,-----------------------तो 

---अनुराधा ----------------न ,------------नी ,---------------नू ------------------------,ने 

---ज्येष्ठा ---------------------नो ,------------या ,--------------यी ,---------------------यूं 

-----मूल ------------------ये ,--------------यो ,------------भ ------------------==-,भी 

---पूर्वाषाढ़ा --------------भू ,---------------ध ,------------फा ,------------------ढा 

---उत्तराषाढ़ा -------------भे ,---------------भो ----------,ज -------------------,जी 

--अभिजीत ---------------जू ---------------,जे ,---------जो ,-------------------ख 

--श्रवण -------------------खी -----------,खू ------------,खे -------------------,खो 

---धनिष्ठा -----------------गा ,----------गी ,-------------गू---------------------,गे 

---शतभिषा -------------गो ,----------स ,--------------सी -------------------,सू 

---पूर्वाभाद्रपद ---------से ,---------सो ,---------------दा ,--------------------दी 

---उत्तराभाद्रपद ------दू ,----------थ ,-----------------झ --------------------,यं 

-------रेवती ----------दे ----------,दो ,-----------------च ,---------------------ची 

---- अगले भाग में पंचाग किसे कहते हैं पर परिचर्चा करेंगें ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com


खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...