ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

बुधवार, 13 दिसंबर 2023

मेरी आत्मकथा -पढ़ें भाग -81 ज्योतिषी झा मेरठ


 -1999 -जब जीवन में धन से सम्बन्ध जुड़ने लगे तो  व्यक्ति को सजग हो जाना चाहिए अन्यथा मेरे जैसा हाल ही होगा --सुनें - आपकी उस कथा को आगे बताने की कोशिश करूँगा --पहले यह प्रेरणादायी बातों को सुनें --अपनी ममता और दया के कारण अनुज के साथ रह रहा था ,कमाई उत्तम थी ,सारा धन माता पिता को जाता था ,परन्तु हम सोचते थे -हमारा धर्म घर को ठीक करने का है अतः सारा धन माता पिता को समर्पित कर रहे थे | माता पिता अनपढ़ थे ,समाज अनपढ़ था तो भला सचिव कैसे बढ़िया मिलता सो मामा + जीजा ही सचिव थे | धन पर राज इन लोगों ने खूब किया साथ ही घर को तोड़ने का भी काम किया --मेरी पतनी +पुत्री माता पिता के साथ रहती थी ,सभी लोग तिरस्कार करते थे , माँ और दीदी -व्रत के दिन फलाहार दूसरे के आंगन में करती थी ताकि मेरी पतनी और बेटी को देना न पड़ें --ये बातें मुझे मालूम नहीं थी अगर मालूम होती तो भी कुछ नहीं करते क्योंकि --भारत में मातृदेवो भव ,पितृ देवो भव से सभी बालक ओत -प्रोत रहते हैं --भारतीय बालकों को इन सूत्रों से ऊपर अपनी सोच होती ही नहीं है --इसलिए कई घर बिखर जाते हैं | माता पिता अनुज का विवाह बढ़िया कैसे हो ,अनुज धनिक कैसे हो यही सोच से आगे बढ़ रहे थे | मेरी पतनी और बेटी बोझ सा दिख  रही थी | इन तमाम बातों से मैं अनभिज्ञ था --हमारी एक ही सोच थी --अनुज को पढ़ना ,धन कमाना ,घर को गरीबी से हटाना ---इसके बदले सभीने मुझे ही हटा दिया | घर से मेरठ पतनी +बेटी आ गयी --अनुज ने निवास से निकाल दिया ,किसी और व्यक्ति ने पनाह दी | अब मैं उस कथा में ले चलना चाहता हूँ --जो  व्यक्ति शिव मन्दिर,शिव चौक बागपत गेट मेरठ  में मिला था - वो यजमान तो था ही साथ ही दुनिया की नजर में उत्तम कार्य करने वाला भले ही नहीं था -पर मेरी मदद बहुत की साथ ही मुझसे उनका सम्बन्ध पिता पुत्र की तरह था --उस व्यक्ति ने इतना धन दिया, मान -सम्मान दिया जिसका मैं जितना वर्णन करू कम है | यद्पि एक शास्त्री को अधर्म करने वाले व्यक्ति का साथ नहीं देना चाहिए --पर जब यह बात मुझे ज्ञात हुई तब तक मेरी रोम -रोम में वो धन समा चूका था --जिसका प्रायश्चित एक ही था --उस व्यक्ति को सही पथ पर लाना --यही सोच से हम जुड़े रहे | -1999 -जब अनुज ने निकाल दिया निवास से तब हमारी सहायता -माता पिता ,परिजन या अपनों ने नहीं की बल्कि पराया व्यक्ति ने किया | एक किराये का मकान दिलाया -मलियाना फाटक चंद्रलोक मेरठ में -निवास तो मिल गया किन्तु रोजगार की तलाश में भटक रहा था --तो वही व्यक्ति मिला -जिनका विस्वास हमने जीता था --बोलै --महराज आपको मैं ठंढ रहा था ,हमने कहा -कार्य बताएं --बोले एक लड़की खो गयी है | हमने कहा मिल जाएगी --बोले खच बताएं --हमने कहा 11000 दक्षिणा काम होने के बाद --पर जो सिद्धि मैं करूँगा -उसमें सहायता धन से तन से और मन से करनी होगी | बोले ठीक है | यह बात कहने का अभिप्राय था --कभी बाल्यकाल - लगमा आश्रम दरभंगा में शिक्षा के समय  गुरूजी किसी को एक बात कही थी -कोई व्यक्ति खो जाय तो किस विधि का प्रयोग करना चाहिए --उस समय मेरी उम्र -14 वर्ष थी --ठीक से ध्यान नहीं दिया ,अब जब हम 29 वर्ष के हुए ,धन की जरुरत थी तो इसका प्रयोग करके देखना चाहते थे --क्या सच में इस प्रक्रिया से जाना जा सकता है |  अतः हमने यजमान से यह बात कही --दक्षिणा काम होने के बाद किन्तु पूजा में जितना खर्च होगा --वो आपको करना होगा | यजमान ने विधिवत यज्ञ संपादन किया --यज्ञ के प्रभाव से कन्या मिली बहुत दूर मुम्बई में | अब हम उनके बहुत ही प्रिय आचार्य हो गए | | -- -आगे का --उल्लेख आगे के भाग में करेंगें ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


शादी की बात नहीं बनती है -पढ़ें -"ज्योतिषी झा "मेरठ “


 बालक के विवाह का कारक ग्रह "शुक्र "और कारक सप्तम भाव होता है 1यदि बालक की कुण्डली में "शुक्र "कमजोर ,नीच ,पापी ग्रहके प्रभाव में होगा तो निश्चित विवाह में बिलम्ब के साथ -साथ बाधा भी उत्पन्न होगी ! -------यदि "शुक्र "बालक की कुण्डली में बलवान ,मित्र या उच्च राशिमें है ,किन्तु सप्तम अथवा सप्तमेश पर पापी ग्रहों का प्रभाव है ,अथवा सप्तमेश नीच का है तो भी विवाह होने में देर होगी -अथवा विवाह में बाधा होगी !------इसी प्रकार बालिका की कुण्डली में "गुरु "पतिकारक ग्रह तथा सप्तमभाव व सप्तमेश विवाह कारकहोता है !---बालिका की कुण्डली में "गुरु "शत्रुराशि ,नीच ,अस्त या पापी ग्रह के प्रभाव में होगा तो बालिका के विवाह में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा !-----बालिका की कुण्डली में "गुरु "के साथ सप्तमभाव एवं सप्तमेश को मित्र राशि,उच्चराशि के साथ -साथ शुभ प्रभाव में होना जरुरी है !-------यदि "शुक्र एवं "गुरु "शुभ या मित्र राशि में हो या अपनी उच्च राशि में हो लेकिन सप्तम भाव अथवा सप्तमेश पापी प्रभाव में हो या नीच राशि के साथ -साथ अस्त हो तो विवाह तो होगा ,किन्तु विरोधाभास {परस्पर विरोध }या अस्वस्थता तो रहेगी ही वैवाहिक जीवन के सुख में अशांति रहेगी !---नोट ---दाम्पत्य सुख में सप्तम भाव और सप्तमेश साथ ही सप्तमेश और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह कमजोर ,नीच ,पापी ग्रह के प्रभाव में हो तो विवाह सुख में बाधा आती है ! -------आपका --------खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




"ज्योतिष का अभिप्राय क्या है --पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "


 "ज्योतिष का अभिप्राय क्या है---पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "

----ग्रह नक्षत्र हमारे जीवन को पल -पल प्रभावित करते रहते हैं ,इस बात से तो विज्ञानं भी इनकार नहीं कर सकता । ग्रहों की चाल से ही दिन -रात ,मौसम बदलते हैं । ग्रहों की गति से ही हमारा भाग्य और स्वास्थ बनता सुधरता है । ग्रहों की दशा ही सम्पूर्ण ज्योतिष ज्ञान का मुख्य विषय है । हमारे लेखों के अध्ययन से न सिर्फ आपका ज्योतिष ज्ञान चमत्कारिक रूप से बढ़ेगा बल्कि इन आलेखों को पढ़ने से आप अपना भविष्य ,ग्रह ,ग्रहों का राशि पर प्रभाव ,अपनी जन्म कुण्डली का अध्ययन तथा अनिष्टकारी ग्रहों को शान्त करने के उपाय भी सीख सकते हैं । 

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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...