ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

रविवार, 14 सितंबर 2025

मेरी कुण्डली का छठा घर -आत्मकथा पढ़ें -भाग -120 - ज्योतिषी झा मेरठ




ॐ --मेरी कुण्डली का छठा घर -जो रोग और शत्रुओं का है --मेरे जीवन में जन्म से लेकर आज तक कभी ऐसा नहीं रहा जब हम रोग और शत्रुओं से घिरे न रहे हों | चूंकि --इस घर का स्वामी नीच का है --इसका अर्थ है सदा रोगी रहेंगें एवं शत्रुओं से घिरे रहेंगें --किन्तु ईस्वर की विडम्बना देंखें --बचाने का मार्ग भी बड़े ही सरल बनाया है --इस छठे घर का स्वामी शनि है -जो नीच राशि भाग्य क्षेत्र और त्रिकोण में विराजमान है --किसी की भी कुण्डली हो त्रिकोण का लाभ सबको मिलता है --अतः भाग्य मेरा बहुत सबल रहा | आज जब मैं -55 वर्ष का हो चूका हूँ --तब अपनी कुण्डली का विश्लेषण कर रहा हूँ --पहले कभी अपनी कुण्डली ठीक से देखि नहीं --क्योंकि --गुरुदेव का आदेश था | अब जीवन के अन्तिम पड़ाव पर हूं --तो कोई दोष नहीं लगेगा | अस्तु ===जब बालक था तबसे सदा बीमार रहा ,तबसे ही सबके शत्रु रहा -यह कथा जीवनी में लिख चूका हूँ | कभी माँ ने बचाया तो कभी  पिता ने बचाया ,कभी दीदी ने बचाया तो कभी मामा ने बचाया --इसके बाद गुरुकुल में गुरुदेव ने बचाया --चलते -चलते कईबार घिरे -तो कोई अनायास बचाया --उसने बचाया -जिसको हम जानते तक नहीं थे | इसके बाद पतनी ने बचाया -जिस -जिस ने पीड़ित किया उससे बचने का मार्ग ईस्वर ने स्वयं बनाया --जो मैं खुद नहीं जनता था | ऐसे ही रोगों की दस्ता रही है --कोई दिन ऐसा नहीं होगा --जब हम किसी न किसी कारण से बीमार नहीं रहे होंगें ==पर तमाम रोगों पर सदा भाग्य ने विजय दिलाया | अपने जीवन में रोगों पर मेरा -50 प्रतिशत खर्च रहा है --देखने में मैं कभी किसी को बीमार नहीं दीखता पर --अंदर ही अन्दर बीमार रहा | --आज मुझे अपनी कुण्डली से यह अनुभव हो रहा है -कोई सगे -सम्बन्धी हों या रोजगार से जुड़े लोग या फिर पतनी या बच्चे हों सबसे मेरा सदा युद्ध होता रहता है -कईबार मरने का सोचा पर मरे नहीं --चलते रहे ,स्थान बदलते रहे ,मित्रों से बचते रहे ,अपनापन से दूर रहे --कईबार ऐसा लगा --अब कैसे बचेंगें --अब कैसे आगे बढ़ेंगें --पर अपने आप को फिर ईस्वर को सौंप दिए --तो वही --सभी शत्रुओं से बचाया भी आगे बढ़ाया भी --कभी रोग हो या फिर शत्रु --झुके नहीं ,थके नहीं -अपनी मस्ती में चलते रहे --यह था वास्तव में भाग्य का प्रभाव --जिसे कभी अहसास नहीं कर पाए | एक भाग्य की कथा जो कहना छठा हूँ --सुनें --मेरी चाची ने -24 मुकदमें किये मेरे पिता पर -उसमें सबको जेल जाना पड़ा -पर मुझे चाची ने कुछ नहीं कहा -यह अब समझ में आ रहा है --इतना ही नहीं -उस मुकदमें से मेरी पतनी ने सबको -माता पिता एवं अनुज के परिवार को निकाला --इसे ही भाग्य कहते हैं | -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...