प्रत्येक ग्रह के 30 अंश होते हैं | जातक के जन्म के समय कौन -सा ग्रह कितने अंश पर था ,अर्थात किस ग्रह के कितने अंश व्यतीत हो चुके थे ,इसका ज्ञान उस समय के पंचांग द्वारा हो सकता है | यदि पाठक को प्रारम्भ में कोई असुविधा हो ,तो जन्म -कुण्डली स्थित ग्रहों के अंशों के सम्बन्ध में जानकारी किसी विद्वान ज्योतिषी द्वारा प्राप्त कर लेनी चाहिए | यहाँ पाठकों को इतना बता देना चाहते हैं कि 3 से 9 अंश तक का ग्रह किशोरावस्था वाला होता है | 10 से 22 अंश तक का ग्रह युवावस्था वाला होता है | 23 से 28 अंश तक का ग्रह वृद्धावस्था वाला तथा -29 से 2 अंश "29 ,30 ,1 और 2 " तक का ग्रह मृतक -अवस्था में माना जाता है | किशोरावस्था एवं वृद्धावस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव कुछ कम प्रदर्शित करते हैं | युवावस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव पूर्ण रूप से प्रदर्शित करते हैं ,तथा मृतक -अवस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव अत्यंत सूक्ष्म रूप में प्रदर्शित करते हैं |
----ध्यान दें --अगले भाग में वक्री और मार्गी ग्रह की विवेचना करेंगें | -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com
