ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शनिवार, 21 अक्टूबर 2023

नेट की दुनियां में कैसे आया -सुनें -भाग -52 -ज्योतिषी झा मेरठ


नेट की दुनियां में कैसे आया --सुनें -भाग -52 -ज्योतिषी झा मेरठ

मेरे प्रिय सहपाठीगण --नेट की दुनियां में आना मुझ जैसा अनपढ़ व्यक्ति लिए सपने की बात थी जब मैं 40 वर्ष का हुआ तब नेट की दुनिया में आया | मुझे अंग्रेजी आज भी नहीं ठीक से आती है फिर भी --वहाँ पंहूच गया -जहाँ पहुंचना था --कथा मेरे मुख से ही सुनें |----एकबार सुनकर देखें साथ ही ज्योतिष और कर्मकाण्ड के अनन्त प्रश्नों के जबाब प्रस्तुत पेज पर मिल सकता है --प्रवेश हेतु पधारें --खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ht


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दशहरा अर्थात रावण दहन विशेष-पढ़ें -पढ़ें --खगोलशास्त्री झा मेरठ


 रावण बनना भी कहां आसान...

रावण में अहंकार था

तो पश्चाताप भी था

रावण में वासना थी
तो संयम भी था
रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी
तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न
करने का संकल्प भी था
सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत
थी
पर पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा
थी
राम,
तुम्हारे युग का रावण अच्छा था..
दस के दस चेहरे, सब "बाहर" रखता था...!!


महसूस किया है कभी
उस जलते हुए रावण का दुःख
जो सामने खड़ी भीड़ से
बारबार पूछ रहा था.....
"तुम में से कोई राम है क्या?-ॐ |--ज्योतिष सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज मे -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut  उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई



हमारी जीवनी में अनन्त गुरुजनों की कृपा रही है-पढ़ें - भाग -52-खगोलशास्त्री झा मेरठ



"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें -- भाग -52-खगोलशास्त्री झा मेरठ

" हमारी जीवनी में अनन्त गुरुजनों की कृपा रही है --जो भेद भाव रहित रही है | चाहे देव -दानव हों ,चाहे पशु -पक्षी हों सब में युद्ध होते हैं किन्तु जरुरत पड़ने पर सब एक भी होते हैं | यह अखण्ड भारत भूमि है --जिसमें राजा हों ,सन्त हों ,ऋषि महर्षि हों ,समाज हो ,या कोई भी व्यक्ति सबने अनन्त योगदान दिए हैं --जिस पर मुझे गर्व है --और आशा है --आने वाले सदियों तक --अक्षुण्ण यह भारत भूमि रहेगी "--- मेरी पांचवी तक शिक्षा एक सरकारी स्कूल में मिली है --जिसमें मेरे मित्र -कोई मोची था ,कोई डोम था ,कोई साधु था ,कोई टिबरेवाल था ,कोई पासमान था ,कोई धानक था --पर हम सभी एक साथ भेद भाव रहित पढ़ते थे --1980 तक ऐसी ही शिक्षा मिली थी | 1983 से 1988 तक श्रीजगदीश नारायण ब्रह्मचर्याश्रम लगमा में पढ़ें --यहाँ एक कुर्मी संगीत गुरूजी थे --भले ही मेरी दयनीय स्थिति थी --मेरे गले में हलवा बांधा करते थे अपने घर से ताकि मैं उत्तम गायक बन सकूँ --पर उस हलवा को मैं खा जाया करता था | इसके बाद मेरठ महाविद्यालय में पढ़ें -1988 से 1991 तक -मेरे प्राध्यापक -जाटव थे -हम सभी से बहुत स्नेह करते थे | इसके बाद श्रीमुम्बादेवी संस्कृत महाविद्यालय गिरिगांव चौपाटी में पढ़े --मेरे अध्यापक एक यादवजी थे बहुत स्नेह करते थे --एकबार बोले इस पत्रिका का नाम बता दोगे -तो तुम्हें फ्री में दे दूंगा --उन्हें लगता था मुझे अंग्रेजी नहीं आती है --जब हमने कहा "नेक्टर इन ए शिव ' --इसका भावार्थ है --अमृत और चालन --इतने खुश हुए --यह पत्रिका मुझे दे दी | जब हम -30 वर्ष के हुए 2000 सन में --तो अधूरी संगीत शिक्षा को पूर्ण करने हेतु पढ़ने गए --मेरठ -जय हिन्द बैण्ड के प्रमुख श्री जगदीश धानकजी के पास --तो मुझसे इतना स्नेह करते थे --खुद मुझसे पैर नहीं छुआते थे पर तबला वादक --जो मुस्लिम थे उनके हम पैर जरूर छूते थे --और अपना पूर्ण आशीष मुझे देते थे | --जब हम रेडियो स्टेशन नई दिल्ली --1990 में गए --तो एक माथुर साहब थे --भले ही मुझे बहुत लताड़ा पर हिन्दी पर मेरी पकड़ आज उनकी ही देन है | भारत भूमि तपो भूमि है ,इस तपो भूमि की सस्कृति की रक्षा करना हम सबका दायित्व है --ये तभी संभव है -जब हम किसी की न सुनकर अपने -अपने हृदय की सुनेंगें --ह्रदय से सच्ची आवाज आएगी | --मैं एक ज्योतिषी हूँ --मेरे पास समाज के हर वर्ग के लोग आते --हमारा धर्म भेद भाव रहित होकर उन्हें सही राह बताने और समझाने का होता है --यही हमनें गुरुजनों से सीखा है ,यही हमारे शास्त्र -पुराण कहते हैं | ---जिस प्रकार से मन्दिर के भगवान सबके होते हैं --वैसे ही एक ज्योतिषी सम्पूर्ण भूमि का होता है | --सर्वे भवनु सुखिनः ,सर्वे सन्तु निरामया ,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत --सभी सुखी हों ,सभी रोगों से मुक्त हों ,सभी को हम एक समान तभी देख सकते हैं --जब हम अपने आपको ठीक से देखने का प्रयास करेंगें | -----आगे की चर्चा आगे करेंगें -----ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -- https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...