ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शनिवार, 16 सितंबर 2023

" श्राद्ध" अर्थात श्रद्धा कैसी हो -पढ़ें --ज्योतिषी झा मेरठ


  " श्राद्ध" अर्थात श्रद्धा कैसी हो -पढ़ें --ज्योतिषी झा मेरठ

 इस "लोक" में जितने भी प्राणी हैं -सभी अपने -अपने पूवजों को मानते है और यथा सामर्थ दिवंगत आत्माओं के लिए कुछ न कुछ समर्पण करते हैं | मनुष्य सृष्टि का एक अद्भुत प्राणी है जो अपना विनाश और अपना उथ्थान खुद करता है | संसार में वर्तमान और भविष्य को तो ठीक किया जा सकता है किन्तु भूतकाल का केवल स्मरण ही संभव है | व्यक्ति अपना जीवन सार्थक बनाने हेतु -यज्ञ ,दान ,हवन ,पूजा वर्तमान कर्म को करके भविष्य में प्राप्त कर सकता है किन्तु नहीं करने पर नरक की यातनाओं को भी खुद झेलता है | ------अस्तु --"श्राद्ध" का शाब्दिक अर्थ श्रद्धा है | जैसे माता पिता गुरुजन या शुभचिंतक लोग अपनी -अपनी संतानों का लालन- पालन कर्तव्य समझकर करते हैं ठीक उसी प्रकार से संतानों को भी अपने -अपने पूर्वजों के हेतु "श्राद्ध "उसी श्रद्धा से करने या मानाने चाहिए | श्राद्ध में किसी भी वस्तु का दान करने से अपने पूर्वजों को प्राप्त नहीं होता बल्कि उनकी आत्मा तृप्त होती है और आत्माओं की तृप्ति ही श्राद्ध है | संसार में जैसे यज्ञ ,दान ,हवन ,गृहप्रवेश ,तमाम संस्कार पंचांग के अनुसार करते हैं ठीक उसी प्रकार से समस्त दिवंगत आत्माओं की तृप्ति हेतु श्राद्ध पक्ष की व्यवस्था महर्षियों ने की है | ---अपने -अपने समस्त पूर्वजों को प्रसन्न करने हेतु या अपना कर्तव्य पूरा करने हेतु कोई भी पुत्र अपने दिवंगत पिता का पहला जो श्राद्ध करता है उसे -"सपिण्डीकरण श्राद्ध "कहते हैं इसे इस श्राद्ध की तमाम प्रक्रियाये 13 दिनों में पूरी होती हैं | --कोई भी पुत्र अपने दिवंगत पिता का पहला पितृपक्ष में पहला श्राद्ध करने के लिए पहले पार्वण श्राद्ध करता है इसे पूर्वजों को प्रसन करने का दूसरा श्राद्ध कहते हैं | जो आजकल सीमित है या ज्ञान के आभाव के कारण नहीं हो पाता है | इसी प्रकार से अपने दिवंगत पिता का पांच साल तक श्राद्ध पक्ष में एकोदिष्ट नामक श्राद्ध करना चाहिए --इसे पितरों की प्रसन्नता का तीसरा श्राद्ध कहा गया है --यह श्राद्ध भी सीमिति होता जा रहा है अर्थात तेरवीं के साथ बरसी एक साथ होने लगी है जो उचित नहीं है | ---संसार के सभी प्रकार के यज्ञ ,दान ,हवन ,गृहप्रवेश या व्यक्ति के तमाम संस्कारों में वृद्धि यानि नान्दीमुख श्राद्ध करना चाहिए -इस श्राद्ध के बिना कोई भी कार्य सार्थक नहीं हो सकते | अर्थात पूर्वजों के आशीर्वाद के बिना कोई भी यज्ञ सफल नहीं हो सकता है | ----यह चौथा श्राद्ध प्रायः विद्वानों के कारण हो रहे हैं अन्यथा यह भी श्राद्ध केवल शास्त्रों में ही रह जायेंगें | -------ध्यान दें -अपने -अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने का अर्थ है इस परम्परा को जीवित रखना | अगर हम पिता के लिए नहीं करेंगें तो हमारा ही पुत्र हमारे लिए कुछ नहीं करेंगें | -ॐ |--ज्योतिष सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज मे https://www.facebook.com/astrologerjha/ उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|आपका -
ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई



श्राद्ध पक्ष" क्यूँ और कैसे समझने हेतु -पढ़ें -खगोलशास्त्री झा "मेरठ"


 श्राद्ध पक्ष" क्यूँ और कैसे समझने हेतु -पढ़ें -खगोलशास्त्री झा "मेरठ"

  श्राद्ध के मनाने का मतलब अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें सम्मान देना है. जिस तिथि को प्राणी की मृत्यु होती है, उसी तिथि को उसका श्राद्ध किया जाता है. यदि किसी व्यक्ति को अपने पितरो की मृत्यु तिथि स्मरण न हो तो वे अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध कर सकते है।
रजस्वला स्त्री को श्राद्ध का भोजन नहीं बनाना चाहिए। यदि किसी कारण से श्राद्ध के दिन घर मे भोजन न बन सके या व्यक्ति घर से बाहर हो तो वह किसी भी मंदिर मे ब्राह्मण को दूध और मावे के पेड़े दे सकता है. श्राद्ध पक्ष में अगर कोई भोजन पानी मांगे, तो उसे खाली हाथ नहीं जाने दें। कहते हैं प‌ितर किसी भी रूप में अपने पर‌िजनों के बीच में आते हैं और उनसे अन्न +पानी की चाहत रखते हैं।
श्राद्ध करने का पहला अधिकार मृतक के बड़े पुत्र का होता है परंतु यदि बड़ा पुत्र न हो अथवा वह श्राद्ध आदि कर्म न करता हो तो छोटा पुत्र श्राद्ध कर सकता है। यदि किसी परिवार में सभी पुत्र अलग-अलग रहते हों तो सभी को अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। यदि किसी का कोई पुत्र न हो तो उसकी विधवा स्त्री श्राद्ध करवा सकती है तथा पत्नी के न होने पर उसका पति भी पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का अधिकारी है।---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा
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ज्योतिष का अभिप्राय क्या है --खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 ज्योतिष का अभिप्राय क्या है --खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

  ----ग्रह नक्षत्र हमारे जीवन को पल -पल प्रभावित करते रहते हैं ,इस बात से तो विज्ञानं भी इनकार नहीं कर सकता । ग्रहों की चाल से ही दिन -रात ,मौसम बदलते हैं । ग्रहों की गति से ही हमारा भाग्य और स्वास्थ बनता सुधरता है । ग्रहों की दशा ही सम्पूर्ण ज्योतिष ज्ञान का मुख्य विषय है । हमारे लेखों के अध्ययन से न सिर्फ आपका ज्योतिष ज्ञान चमत्कारिक रूप से बढ़ेगा बल्कि इन आलेखों को पढ़ने से आप अपना भविष्य ,ग्रह ,ग्रहों का राशि पर प्रभाव ,अपनी जन्म कुण्डली का अध्ययन तथा अनिष्टकारी ग्रहों को शान्त करने के उपाय भी सीख सकते हैं ।
   -----अस्तु  इसलिए निःशुल्क ज्योतिष के  सभी आलेख ज्योतिष प्रेमी मित्रों को दी जाती है ताकि सही ज्ञान से लाभ प्राप्त कर सकें --आपका ---ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक झा शास्त्री मेरठ उत्तर पदेश {भारत }---आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें ------https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


 

खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...