ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

सोमवार, 28 जुलाई 2025

जन्म राशि के सम्बन्ध में भविष्यवाणी पढ़ें -भाग -75 ज्योतिषी झा मेरठ


  --जन्म राशि के सम्बन्ध का अगला भाग --

--11 --लग्न -5 -9 तथा 10 वें घरों के स्वामियों के अपने -अपने घर परस्पर बदल लेने से महान समृद्धि ,शक्ति तथा यश की प्राप्ति होती है | 9 -10 वें घरों के स्वामियों के एक दूसरे के घर में होने से अथवा 5 -9 वे घरों के स्वामियों के परस्पर घर बदल लेने से ,अथवा लग्न व 9 वें घर के स्वामियों के परस्पर घर परिवर्तन से महान सौभाग्य का उदय होता है | ऐसी अवस्थाओं में बुरे ग्रह  भी उस व्यक्ति को धनि व यशस्वी बना देते हैं | 

--12 --भाग्य -स्थान " नवां घर अथवा सौभाग्य का घर " का स्वामी लग्न में होना पर्याप्त अच्छा है | इसी प्रकार लग्न के स्वामी का भाग्यस्थान में होना भी अच्छा है | 

--13 --यदि  5 -9 वें घरों के स्वामी दोनों ही लग्न हैं ,तो वो व्यक्ति यश और धन को प्राप्त करेगा | 

--14 --नवें घर में एक या अधिक ग्रहों का एकत्र होना सौभाग्य और समृद्धि का दाता है | इस घर में ग्रहों की  जितनी अधिक संख्या होगी ,उतनी ही स्थिति सुखद होगी | 

--15 --पांचवें घर में भी एक या अधिक ग्रहों का एकत्र होना समृद्धि का द्योतक है | 

--16 --लग्न में या दूसरे ,तीसरे अथवा ग्यारहवें घरों में तीन या चार ग्रहों की उपस्थिति भी महान समृद्धि देती है ,क्योंकि दो -दो घरों के स्वामी होने के कारण उनमें से कुछ का पांचवें ,नवें व दसवें घरों का मालिक होना निश्चित ही है | 

--17 --उचित यही है कि 6 -8 -12 वे भाव में कोई ग्रह  न हो जिनके इन घरों में अनेक ग्रह होते हैं ,उनको प्रायः जीवन में अनेक विफलताओं ,पराजयों का मुख देखना पड़ता है | 

--18 --सभी जन्म -कुण्डलियों  में लग्न का स्वामी व्यक्ति के शरीर का ,सूर्य उसकी आत्मा का ,चंद्र उसके मस्तिष्क का और पांचवें घर का स्वामी उस व्यक्ति का स्वामी  उस व्यक्ति की बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है | 

--19 --जिन लोगों को जीवन में महान कार्य करने होते हैं ,उनकी जन्म -कुण्डली में अधिकांश ग्रह परस्पर सम्बंधित होते हैं ,चाहे वो उसी घर में हो अथवा अपनी दृष्टि रखते हों | 

--20 --अन्य ग्रहों से बिलकुल अलग शनिग्रह विलक्षण सामर्थ्य है | 3 -7 -10 वें घरों पर दृष्टि डालने के साथ -साथ जिस घर में हों ,उसके आगे पीछे के एकेक घर को भी यह दूषित करता है ,प्रभावित करता है | 

---अगले आलेख में शनि की साधें साती पर परिचर्चा करेंगें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...