मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?-"भाग -{14}-ज्योतिषी झा मेरठ
-1988 से 1990 तक मेरठ के महाविद्यालय में रहा | तीन बार परीक्षा शास्त्री की दी- पर एकबार भी पास नहीं हो पाये | क्योंकि एक बात जो बताना चाहता हूँ- हो सकता है उस बात से आप सहमत न हों ,पर यह सच है | जब हम आश्रम लगमा बिहार में पढ़ते थे तो एकबार नवरात्रि के समय पाठ करने हेतु -गांव -जयदेवपट्टी जिला दरभंगा {बिहार} गए, यहाँ मेरी तवियत खराब हुई | अष्टमी की रात्रि को ,मैं शौचालय गया रात करीब दो बजे -जंगल था ,मैंने पेड़ को गिरते देखा- फिर क्या था -शौच तो दूर मैं वापस भागा जहाँ रहते थे | मुझको बुखार आया -फिर मैं घर आकर ही ठीक हुआ -किसीने प्रेत का असर बताया | एक ज्योतिषी के नाते जब कुण्डली में राहु या केतु लग्न में हो तो व्यक्ति शंकालु या भूत प्रेत की बाधा से युक्त होता है | मेरी कुण्डली के लग्न में सूर्य ,मंगल और केतु की युति है ,साथ ही सप्तम भाव में राहु है तो निश्चित ही भूत -प्रेत बाधा से युक्त रहूँगा | ----अस्तु --साथ ही अनुज का देहावसान ,अकालमृत्य के कारण हुआ तो यह बाधा भी मुझको बहुत दिक्कत दे रही थी | अतः जब भी हम पेपर देने जाते थे ,तो मेरे हाथ में दर्द शुरू होता था और यह दर्द इतना भयानक होता था कि मैं पेपर छोड़कर बाहर आ जाता था- तो पास कैसे होता | फिर- प्राचार्य एक दिन बोले -अब फेल हुआ तो विद्यालय से निकाल दूंगा, जबकि ये प्राचार्य गढ़वाल के थे किन्तु उच्च कोटि के थे साथ ही बड़े सरल थे | अब हमें कहीं जाना ही था --साथ ही नानी और मौसी ने 1990 में एक लड़की दिखायी, उसका भी ननिहाल वही था जो मेरा था -गांव -कठरा जिला दरभंगा {बिहार }हमें पसन्द थी, पिता नहीं चाहते थे -अभी शादी हो ,पर मां ,मौसी ,नानी और मुझको को यह लड़की पसंद थी ,अतः पिताजी बोले मैं विरोध क्यों करूँगा जब सबको पसंद है तो फिर मेरी 13 /06 /1990 को शादी हो गई | साथ ही 18 /02 /1991 में प्रथम कन्या भी अवतरित हो गयी | अब कहीं जाना है , कुछ बनना है -पर कैसे बनें ---यह चितन कर ही रहा था कि --यहाँ मेरठ- इस महाविद्यालय के एक प्राध्यापक जो बिहार के थे, वो मुम्बई से पढ़कर आये थे -उन्होंने कहा अगर आपको संस्कृत में भाषण देना आता है साथ ही वाक्पटुता में निपुण हो और कुछ करने की जिज्ञासा है तो मुम्बई चले जाओ | उन्होंने पता दिया ,हमने पत्र लिखा -उनका जबाबी पत्र आया और हम मेरठ नगरी को छोड़कर मुम्बई नगरी जाने को तैयार हुए | आगे की चर्चा कल करेंगें --ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut.

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