"ज्योतिष क्या है ,क्यूँ मानें हम ज्योतिष को --पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
---ज्योतिष शास्त्रों में --अज्ञात -अलौकिक शक्ति के परिचायक अनंतकोटि तारों एवं ग्रहों के अदृश्य संकेत से संचालित ब्रह्माण्ड में ---कभी भूकंप ,समुद्री -बर्फानी तूफान ,ज्वालामुखी -विस्फोट तथा जनजीवन में उग्र -विनाशक घटनाएँ स्पष्ट अनुभव की गई है ।
-----अस्तु -----सभी शुभाशुभ घटनाएं मनुष्य की पंहुंच से बाहिर समझी जाती है ,लेकिन जो रहस्य साधारणतः इन्द्रियों की पंहुंच से बाहर है -अथवा भूत ,भविष्य के गर्भ में निहित है ,वे ज्योतिषशास्त्र द्वारा प्रत्यक्ष जान लिए जाते हैं । हमारे ऋषियों -महर्षियों ने उसी ज्योतिष -शास्त्र की रचना की है ,जो कि भारत के लिए गौरव की बात है -------"ज्योतिषा मयनम साक्षाद यत्तदज्ञान मतींद्रियम ।
प्रणीतम भवता येन पुमान वेद परावरम ।-----{श्रीमदभागवतपुराण}
---दोस्तों ----इस प्रकार जगत्पिता की अदृश्य अलौकिक शक्ति ग्रहों के
आकर्षण -विकर्षण के आधार पर ब्रह्माण्ड को प्रभावित करती है --संचालित करती
है । ग्रहगतिजन्य--इस परिणाम को हम ईस्वर की इच्छा कहकर स्वीकार करते हैं
।---------ग्रहगतिजन्य---प्रभाव से प्रताड़ित समस्त समाज ,व्यक्ति अथवा देश
की
स्थिति ठीक उस तिनके की भांति ही अनुभव की गई है --जो वायुवेग से प्रताड़ित
होकर अपने अस्तित्व को खोकर इधर -उधर भागता फिरता है । ये तो सत्य है
--आकाशीय पिंडों {ग्रहों } का विश्व में घटनाचक्र से कुछ न कुछ सम्बन्ध
अवश्य है -इस तथ्य को वैज्ञानिक ,विचारक एवं बुद्धि जीवियों का एक बड़ा वर्ग
स्पष्ट स्वीकार करता है ।
-----इस पृथ्वी पर जो कुछ भी घटित होता है उसे हम अनुभव करते हैं ,वह सब ग्रहों के वक्र -मार्ग आदि का ही परिणाम है ।प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -हेल्प लाइन -9897701636-----ॐ -आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें