ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

मेरा" कल आज और कल सम्पूर्ण कथा सुनें --ज्योतिषी झा "मेरठ भाग -4



 "मेरा" कल आज और कल सम्पूर्ण कथा सुनें - -ज्योतिषी झा "मेरठ "भाग -4
-दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें --- ॐ |--ज्योतिष सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज मे https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|आपका - ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई"

मेरा" कल आज और कल -पढ़ें -भाग -4-ज्योतिषी झा मेरठ


 



"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?--"भाग -{4}
प्रथमा उत्तीर्ण हुए सन 1982 में -स्कूल का नाम -श्रीमहावीर संस्कृत विद्यालय महरैल -जिला मधुबनी {बिहार }-अंग्रेजी से संस्कृत शिक्षा में आ गए | मेरी प्रतिभा के सभी कायल रहते थे -चाहे शिक्षक हों ,या कुटुम्ब परिवार के लोग | कोई मुझको सलाह देने वाले या बताने वाले अपने नहीं थे ,क्योंकि बच्चे की प्राथमिक शिक्षा में माता पिता, बहिन, भाई का विशेष सहयोग रहता है ,तभी वो बालक शुद्ध- अशुद्ध को समझ लेता है | सारे परिजन निरक्षर थे ,वो भी संस्कृत भाषा के लिए तो और भी कठिन बात थी | खैर हमारी कोशिश रहती थी ,सभी ग्रन्थों के सूत्रों को -मन्त्रों को याद करने की , ताकि भले ही हम भाव न समझें ,पर किसी भी व्यक्ति के पूछने पर वो मन्त्र हमें याद रहना चाहिए | हमने -शिशुबोध ,रघुवंश महाकाव्यम ,हितोपदेश ,ताजिकनीलकण्ठी ,मुहूर्त चिंतामणि ,स्वास्थवृतम,रुद्राष्टाधयायी ,यहाँ तक कि लघुसिद्धांत कौमुदी के साथ -साथ श्री दुर्गासप्तशती ,गीता ,तमाम ग्रन्थों के मन्त्रों को कंठस्थ कर लिया | मेरी कुण्डली में सिंह राशि का सूर्य का होना, ,कन्या राशि का बुध का होना ,और उच्च का चन्द्रमा का कर्मक्षेत्र में होना -पिता से लाभ या पिता का स्नेह मिलना निश्चित था | साथ ही बुध की शुक्र के साथ धन के क्षेत्र में होना- धनाढ्य योग ,वाणी में निपुणता तथा हार नहीं मानने वाला योग था |अतः हमारी शिक्षा कभी रुकी नहीं, और राहु भले ही पूर्ण यौवन में था पर प्रतिभा बनी रही | --इसी प्रतिभा के बल पर बिना शुल्क दिए श्री जगदीश नारायण ब्रह्मचर्याश्रम लगमा- जिला दरभंगा के महाविद्यालय में नामांकण हुआ | जनेऊ संस्कार होने के बाद से ही संध्या -गायत्री नित्य करते रहे, जबकि मेरे खानदान में कोई भी सन्ध्या को जानते तक नहीं थे | अतः मुझको लोग बाबा -बाबा कहने लगे | हमारा समाज मांसाहारी समाज था किन्तु मैं शाकाहार बनना चाहता था | कृपया ध्यान दें --मिथिलांचल में ब्राह्मण भले ही मांसाहारी होते हैं, किन्तु सम्पूर्ण संसार में मिथिलांचल के ब्राह्मण जैसा कर्मनिष्ठ ,संस्कारी ,शुद्धता के प्रतीक तथा शिव भक्त और निष्ठावान नहीं होते हैं | इस बात का मुझको गर्व है| अगर मेरा पुनर्जन्म हो तो फिर से मिथिला के ब्राह्मण परिवार में ही हो -यही कामना रहेगी | एकबात का और ध्यान दें -सम्पूर्ण संसार के शास्त्र और मिथिला का व्यवहार एक जैसा है, यहाँ जन्मजात ज्ञानी और संस्कारों से युक्त होते है | आगे की चर्चा कल करेंगें | -----दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

श्रीमती प्रियंका"वाड्रा'जी को राजनीति में सफलता मिलेगी- पढ़ें-2013 ज्योतिषी झा "मेरठ "


 श्रीमती प्रियंका"वाड्रा'जी को राजनीति में सफलता मिलेगी- पढ़ें- ज्योतिषी झा "मेरठ "


श्रीमती प्रियंका "वाड्रा "गांधीजी का जन्म प्राप्त विवरण के अनुसार -12 /01 /1972 की रात्रि 01 /59 पर नव दिल्ली में हुआ । तदनुसार तुला लग्न की कुण्डली का आकलन करने से अनुभव होता है ---25 /02 /2008 से केतु की महादशा 25 /02 /2015 तक चली । अब शुक्र की महादशा चल रही है जो 25 /02 /2035 तक चलेगी । प्राचीन ग्रहों की बात करें तो केतु का कर्म भाव में बैठना और कर्मेश का धन भाव में नीच होकर बैठना -श्रीमति प्रियंका वाड्रा गांधीजी को झकझोर कर रख दिया -धन ,मन एवं कर्म के साथ -साथ सम्पदा क्षेत्रों में । किन्तु अब 25 /02 /2015 से शुक्र की महादशा में शुक्र का अंतर 2 /06 /2018 तक चला ,इस अवधी में -इनको मानसिक प्रसन्नता एवं बौद्धिक क्षमता का लाभ प्रदान किया । ------अस्तु ---यद्यपि ---श्रीमति प्रियंका वाड्रा गांधीजी कूटनीति में निपुन ,शत्रुओं का संहार करने में सक्षम -एवं सक्षम प्रशासक कार्य करने में सक्षम है ,फिर भी अभी अर्थात -संवत -2072 +73 यानि सन 2015 +16 +17 तक "प्रियंका को लाओ ,कांग्रेस बचाओ " --का नारा बुलन्द करने में सफलता नहीं मिली । कारण -चन्द्रमा -कर्मेश का द्वितीय भाव में नीच होना उचित योग नहीं है । साथ ही भाग्येश -बुध +गुरु +सूर्य एक साथ तृतीय भाव में हैं | अब श्रीमती वाड्रा जी के लिए राजनीति का उपयुक्त समय चल रहा है --अतः उपयुक्त समय के साथ ही राजनीति में प्रवेश का उचित व्यक्तिगत लाभ मिलेगा । -----सबसे बड़ी बात कि शुक्र की महादशा चल रही है जो स्वास्थ की पीड़ा देगी साथ ही मन को स्थिर रखने में सहायता करेगी और त्रिकोण में होने से राजनीति का भी लाभ देगी --इसका अर्थ यह हुआ नहीं चाहते हुए भी राजनीति में सजग होना पड़ेगा जिसका कुछ लाभ भी मिलेगा । ---दोस्तों श्रीमती प्रियंकाजी की कुण्डली व्यवसाय का सर्वोत्तम योग है साथ ही राजनीति कोई नई नहीं चीज नहीं है परन्तु राजयोग यानि सत्ता पर आसीन का अल्प योग ही है । -- ॐ |--ज्योतिष सम्बंधित कोई भी आपके मन में उठने वाली शंका या बात इस पेज मे https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut उपलब्ध हैं और लिखने की अथक कोशिश करते रहते हैं -आप छात्र हैं ,अभिभावक हैं ,या फिर शिक्षक परखकर देखें साथ ही कमियों से रूबरू अवश्य कराने की कृपा करें .|आपका - ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई"

 गुजरात और श्री मोदीजी ज्योतिष विशेष 2013-यह लिखा था -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


शुक्रवार, 5 जुलाई 2013---यह लिखा था -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ

"गुजरात और श्री मोदीजी{ज्योतिष विशेष =13+14 } 

---प्रिय ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख लिखना  ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था ---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |

 



"गुजरात" प्रान्त-की नाम राशि "कुम्भ "है । तदीश {स्वामी }"शनि "उच्चस्थ होकर भाग्य भवन में गमन करेगा ,-----जो कि इस वर्ष सर्वतोन्मुखी विकास ,टेक्नोलोजी और टेक्नीकल - उद्योगों को बढ़ावा देगा । वर्षा ले लाभान्वित होगा यह प्रान्त ,किन्तु प्राकृतिक आपदा से भी सावधान रहना होगा । जन धन की हानि के साथ -साथ आतंकित कुकृत्यों से सजग रहना होगा राज्य के प्रहरियों को तथा राज्य सरकार को !

  -----अस्तु -----मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का सितारा बुलंद होगा क्योंकि उनकी कुंडली में शनि की विशेष दृष्टि और उच्स्थ शनि का होना साथ ही समवर्ष जन्म का लाभ भी {1950}मिलेगा । मई 2013-तक गुरु की विशेष दृष्टि से उच्चता के शिखर पर पहुंचे साथ ही "गुजरात "प्रान्त की बाहरी सीमा का स्पर्श भी करेंगें ।
      प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }--

---प्रेषकः खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --- - परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 +09358885616--- आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

श्रीमति सोनिया गाँधी जी पर एक नजर -2013 पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ



बुधवार, 15 मई 2013--
प्रिय ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख लिखना  ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था ---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |

"श्री मति सोनिया गाँधी जी पर एक नजर ?" 2013-पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ

 जन्म तारीख -9 -12 -1946  समय -21.15 स्थान तुरिन {इटली }तदनुसार कर्क लग्न ,मिथुन राशि है | वर्तमान समय में केतु की महादशा 12 -11 -2012 से शुरू है जो -12 -11 -2019 तक चलेगी ,जबतक यह दशा चलेगी ,संघर्ष ,कलह ,हानि और लाभ देती रहेगी । संतान ,स्वास्थ एवं वाणी के प्रति सजग रहना उचित होगा । आज टिकी हैं तो मंगल की वजह से जो आत्मबल देता है विजय दिलाता है ,पद पर नहीं हैं तो गुरु एवं शुक्र की वजह से जो सत्ता में होते हुए भी दूर रखते हैं । इस समय संतानों को लाभ हो सकता है । अनायास लाभ एवं हानि का दौर अभी इस दशा तक चलता रहेगा । आपकी जीत भी होगी असुर हर भी होगी ।
      प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री }--

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श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें 2013-पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


 कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें 2013-पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ 

 शुक्रवार, 10 मई 2013---



-प्रिय ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख लिखना  ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था ---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |

 कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें ?
यूँ तो राहुल गाँधी जी का जन्म -19-जून -1970 प्रातः ५/५पर दिल्ली में ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ ।अभी चंद्रमा की महादशा चल रही है ।नीच का चंद्रमा सप्तम भाव में विराजमान है ।स्वभाव से जुझारू ,जिद्दी प्रकृति के इंसान होंगें । जो थान लेंगें वो पूरा जरुर करेंगें । समझोता नहीं करेंगें ।दाम्पत्य सुख के योग भी चल रहे हैं जो २०१७ तक चलेंगें और बंधन में बंध भी जायेंगें ।।-----इस वर्ष आकाशीय कौसिल के चुनाव में -गुरु को मंत्री पद मिला हुआ है -ये हर संभव सहायता करेंगें ।यह भी संभव है कि वर्तमान प्रधानमंत्री जी स्वयं श्री राहुल गाँधी जी को पद समर्पित करने का प्रस्ताव पेश करें ,या परिस्थिति इन्हें प्रधान मंत्री बना दे ।।
-------कुंडली में नीच का चंद्रमा और चंद्रमा की महादशा--इनकी मनोत्साह की निर्बलता श्री राहुल गाँधी जी के आड़े भी आ सकती है ।।
-----श्री राहुल गाँधी जी का भाग्येस बारहवे बैठता है -और जिनका भाग्येस बारहवें होता है उनका भाग्योदय अपने घर से वाहर होता है ।। अतः विवाह एवं सफलता अपने घर से बाहर विशेष सफल रहेगा ।
------श्री राहुल गाँधी जी की कुंडली में --चारो केन्द्रेस ग्रह केंद्र से बाहर बैठे हैं -इसका अभिप्राय यह भी हो सकता है -कि केंद्र से अलग प्रदेश में भाग्योदय हो ? अत यह पहलीबार कामयाब हो जाएँ ।।--
-----प्रेषकः खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --- - परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 +09358885616--- आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी ज्योतिष विशेष -2013--पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ

 "भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी "{ज्योतिष विशेष -संवत -2070}"2013--पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ 

 मंगलवार, 28 मई 2013---प्रिय ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख लिखना  ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था ---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |ध्यान दें --फ्री ज्योतिष सेवा -18 /02 /2019 में बन्द हो गयी है | -----

"भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी "{ज्योतिष विशेष -संवत -2070}" 2013

  --संवत -2070 की गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार तुला राशि स्थित -शनि +राहु की कांग्रेस -स्थापना कुंडली में लग्न ,पंचमभाव एवं अष्टमभाव -चन्द्र पर विशेष अर्थात पूर्ण दृष्टि है । तदनुसार इस पार्टी के प्रतिष्ठित -राजनेता विकट  समस्याओं में उलझकर चर्चा का केंद्रबिंदु बने रहेंगें ।
  ----संवत -2070-की प्रारंभिक -ग्रहस्थिति के अनुसार परवरी -13 से 7 जुलाई 13 तक शनि वक्री होकर वक्री ही राहु के साथ तुला राशि में रहेंगें साथ ही 22-मई 13 तक मंगल अतिचारी होकर शनि +राहु के साथ समसप्तक योग भी बनाया था -यह स्थिति कांग्रेस पार्टी के लिए अघटित घटनाओं वाली सिद्ध हुई । आम जनता एवं शासन तंत्र से क्षोभ उत्पन्न भी कराया ।-------संवत -2070-में 18 अगस्त से लगभग 5 अक्टूबर 13 तक शनि +मंगल का दशम -चतुर्थ दृष्टि सम्बन्ध भारत की राजनीति में भारी उलटफेर {परिवर्तन }का संकेत है । इस दौरान राजनैतिक पार्टियों की स्वार्थ परकता एवं सत्तालोलुपता  तीसरे मोर्चे का गठन भी करेगी ,जिसका प्रभाव बड़ी पार्टियों पर आंशिक रूप से पड़ेगी लेकिन सत्ता प्राप्ति की महत्वाकांक्षा फलवती नहीं होगी । तीसरा मोर्चा कुछ राजनैतिज्ञों के लिए मृगतृष्णा मात्र सिद्ध होगी । अर्थात त्रिशंकु सरकार ही बनेगी ।
    ---4 फरवरी 14 को मंगल ,शनि ,राहु ये तीनों खलग्रह {शत्रुग्रह }तुला राशि में 24 मार्च 14 तक एकराशि में ही रहेंगें ।  विशेषतः 1 मार्च से 24 मार्च 14 तक मंगल वक्रगति से शनि +राहु के साथ चलेगा। अतः इस समयावधि में {परवरी 13 से मार्च -14तक }कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता जनता को लुभाने के लिए अनेक वायदे करने से जनता का हित {मत } कुछ जरुर प्राप्त करेंगें --परिणाम कांग्रेस के लिए आश्चर्जनक रहेंगें । प्रधानमंत्री के लिए युवा वर्ग या युवराज श्री राहुल गांधीजी आगे आयें तो--माता श्रे मति सोनियाजी का योग +श्री राहुलजी का
सुयोग से विशेष योग बन सकता है ।

    {नोट ---कृपया ध्यान दें -हम किसी व्यक्ति विशेष पर कुडली का प्रतिफल करके अपनी ज्योतिष +ज्योतिषी को कसोटी पर कसना चाहते हैं अर्थात योगता प्राप्त करने के बाद परीक्षण +परीक्षा देनी होती है तब वह व्यक्ति सफल हो पाता है ---हमने भी ज्योतिष पढ़ी है अब अपने आप को परीक्षा देकर सफल होना चाहते हैं -ज्योतिष सच है असत्य तो  व्यक्ति हो सकता है अगर हमने ज्योतिष पढ़ी है ये तो हम जानते हैं अगर हमारी ज्योतिषी से किसी को लाभ मिलेगा तभी हम सही ज्योतिषी होंगें इसके लिए हमें तमाम परीक्षाएं देनी होंगीं । इसके लिए सभी मित्रों का सहयोग की आशा है ।----

-प्रेषकः खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --- - परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 +09358885616--- आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

भारतीय जनता पार्टी पर ज्योतिष की एक दृष्टि -पढ़ें 2013-ज्योतिषी झा मेरठ


सोमवार, 27 मई 2013--




प्रिय ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख लिखना  ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था ---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |ध्यान दें --फ्री ज्योतिष सेवा -18 /02 /2019 में बन्द हो गयी है | -----

"भारतीय जनता पार्टी पर ज्योतिष की एक दृष्टि ?"---

---संवत 2070 की ग्रहस्थिति के अनुसार इस वर्ष शनि +राहु  तुला राशि में चलेंगें । शनि भाजपा की स्थापना कुंडली में भाग्येश होकर उच्च का है ,कर्मेश गुरु केंदेश होकर 31मई 2013 से मिथुन राशि में आकर संवत 2070 के अंत तक मिथुन में ही रहेगा तथा भाग्येश -शनि पर कर्मेश गुरु की दृष्टि भी रहेगी ।  यह ग्रहस्थिति भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगी पार्टियों को राजनैतिक -बल प्रदान करेगी । इस प्रकार भाजपा को इस संवत में गत वर्ष की अपेक्षा विशेष गरिमा प्राप्त होगी ।----केन्द्रीय शासन सत्ता की घटित घटना के कारण अगामी वर्ष में नवम्बर 13 से मार्च 14 तक की ग्रहस्थिति के अनुसार इस पार्टी को विशेष लाभ मिलेगा । वैसे भी इस पार्टी की कुंडली में शनि +गुरु +राहु की दृष्टि के कारण इस पार्टी का अस्तित्व बना रहेगा । किन्तु -शनि +मंगल +राहु के एकसाथ होने से इस पार्टी के प्रधानपद को सर्वसम्मति से स्वीकार करने में एक राय का न होना भाजपा के हित में नहीं जाता । "
-----ठीक यही बात इस वर्ष संवत {2070}में भी गोचर ग्रहस्थिति के दृष्टि में रखते हुए आज भी भाजपा एवं इससे सम्बंधित पार्टियों के लिए सत्ता प्राप्ति में रूकावट बनेगी । संसद के निर्वाचन -संग्राम में कोई भी एक पार्टी सत्ता में नहीं आ सकेगी ।  पार्टियों में तोड़ -फोड़ एवं नए राजनैतिक संगठन एकत्र होकर ही कांग्रेस या भाजपा शासन पा सकेंगें । परवरी से जुलाई तक शनि +राहु की स्थिति से सुधारात्मक एवं कांग्रेस पार्टी पर आक्रामक रुख भाजपा का बना रहेगा । ----31 मई से 17 अगस्त तक का समय भाजपा के नेतृत्व के बारे में विवाद समाप्त होकर एक राय बनेगी । लेकिन 31 मई से अक्टूबर तक की ग्रहस्थिति किसी वरिष्ठ नेता का पद रिक्त होने का भी संकेत देती है ।
----30अक्टूबर से 4 दिसंबर तक एवं 21 दिसंबर से 30 जनवरी 14 तक गुरु +शुक्र का वक्रत्व एवं गुरु +शुक्र का समसप्तक योग भाजपा में नई शक्ति एवं प्रेरणा को जन्म देगा तथा निर्वाचन के लिए विशेष अवसर भी देगा । महगाई एवं घोटालों को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव क्षेत्र में उतरेगी ,जिससे पर्याप्त लाभ भी मिलेगा । चुनाव समय से पूर्व भी संभव है ।--

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मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-3



 -""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-3
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मेरा" कल आज और कल -पढ़ें -भाग -3-ज्योतिषी झा मेरठ


 


----"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?- "भाग -{3}-ज्योतिषी झा मेरठ

मेरे ऊपर राहु की महाशा 1980 से प्रारम्भ हुई ----ध्यान दें |-!मेरा बाल्यकाल का पूर्वार्ध जितना निरस लगेगा उत्तरार्ध उतना ही सरस दिखेगा -हो सकता है आप श्रोताओं के मन में मेरे प्रति कुभाव उत्पन्न होने लगे किन्तु संसार का कोई ग्रन्थ हो ,जीवन लीला हो या कथा -सभी में आठों रसों का प्रयोग होता है | तभी कथा समझ में आती है | -----अस्तु --मेरी कुण्डली में राहु का सप्तम भाव में होने से वैवाहिक सुख और मानसिक विचारधारा पर पूर्ण प्रभाव था साथ ही लग्न में सूर्य ,मंगल और केतु होने से जैसे मानो अग्नि में घी का डालने पर ज्वाला होती है वही होना था | --ब्राहण का जनेऊ संस्कार 13 वर्षों तक हो जाना चाहिए | मेरे माता पिताने मेरा जनेऊ संस्कार बड़े धूम -धाम से कराया | अनुज के साथ हमारे जनेऊ संस्कार हुए | इसके बाद 1981 में श्री महर्षी महेष योगी की संस्था में हमें सन्ध्या -गायत्री और सदाचार की शिक्षा मिली | केवल तीन मास गांव में शिक्षा लेने के बाद इन्हीं की दूसरी संस्था पातेपुर जिला -वैशाली {बिहार }हम पढ़ने चले गए | पिता के धन के बिना -हमें शिक्षा मिली ,साथ ही सभी बच्चों का भोजन ,रहन सहन की सारी व्यवस्था इन्हीं की ओर से थी | पर राहुदेव की कृपा से केवल तीन मास पढ़ने के बाद गांव आ गए क्योंकि वहां से भोपाल जाना था | हमारे साथ जितने भी छात्र थे सभी वापस अपने -अपने गांव चले गए | इसी बीच दीदी की शादी हुई पर हम गांव में नहीं थे कैसे हुई पत्ता नहीं चला | जिला -वैशाली से वापस आते ही दीदी की शादी में जमीन बिक गयी ,पिताजी की दुकान की पूंजीं समाप्त हो गई और पिताजी को नौक़री हेतु कलकत्ता जाना पड़ा | घर में चोरी हो गयी | हमलोग अन्न ,वस्त्र ,और रोजगार से विहीन हो गए | घर में खाने को कुछ नहीं ,पिताजी के पास व्यवसाय का साधन नहीं, फिर पिताजी ने लोन लिया जो धन तो मिला नहीं बदले में जमीन के सारे कागजात बैंक में जो लोन का चैक मिला उसपर हस्ताक्षर करबाकार धन ताऊ और बैंक के मैनेजर ने ले लिए | बदले में पिताजी से दोनों ने कहा चैक रिजेक्ट हो गया और हमने फाड़ दिया | फिर भी पिताजीने जैसे -तैसे करके व्यापार शुरू किया | मेरे जीजा मेर घर पर रहने लगे यानि उनको पढ़ाने की जिम्मेदारी हमारे पिताजी की थी तभी शादी दीदी की हुई थी | जीजा को भोजन बढियाँ मिलता था हमलोग किसी तरह जीते थे | एकदिन मुझको क्रोध आया और जीजा के सारे कपड़ें कीचड़ में डाल दिए साथ ही हमने कहा आप यहाँ नहीं रहोगे चाहे जो हो जायेगा | सबका दुश्मन मैं बना पर जीजा को भगा दिया | अब हमारे घर में कुछ भी नहीं था जीवन यापन करने हेतु | मेरी माँ और दीदीने पत्ता नहीं कितने दिनों तक भोजन नहीं किया इधर -उधर करके हम तो कुछ खा लेते या माँ खिला देती पर माँ का पत्ता नहीं | 1983 तक इसी तरह घर चलता रहा | जब मुझको भूख सहन नहीं होती तो घर के सारे मिटटी के बर्तनों को तोडना ,गाली जैसे शब्दों का प्रयोग करना ये आदत थी | ---आगे की कथा कल बताऊंगा |--दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

बुधवार, 20 सितंबर 2023

-""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-2



 -""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-2
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --अंक-2-ज्योतिषी झा "मेरठ"


 


मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --अंक-2-ज्योतिषी झा "मेरठ"
-जन्मकुण्डली सच बोलती है --मेरा जन्म चन्द्रमा की महादशा में हुआ | उच्च का चन्द्रमा होने के कारण -खेती में उपज अत्यधिक हुई | माता पिता गदगद थे | यह स्थिति केवल ढाई वर्ष के लिए रही, क्योंकि रोहिणी नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्म हुआ था- जिसकी अबधि केवल इतनी ही बची थी | दीदी के बाद मेरा आगमन हुआ था, साथ ही धन -धान्य की बृद्धि होने से परिवार में मेरा लालन- पालन उत्तम दर्जे का हुआ | मेरा रंग काला था ,दुबला पतला था, पर माता पिता का प्यारा था | जन्माष्टमी की रात्रि को जन्म होने के कारण नाम -कन्हैया रखा गया |जबकि कुण्डली का नाम -विश्वनाथ था | कहाँ भगवान श्री कृष्ण और कहाँ मैं दरिद्रभंजन | खैर ! हर पिता का पुत्र श्रीकृष्ण जैसा ही होता है | जब मैं ढाई वर्ष का हुआ तो मंगल की दशा चालू हुई 7 वर्षों के लिए | लगन में सूर्य -मंगल और केतु ,की युति के कारण अनायास मेरे बालों में आग लग जाती थी | मेरे पिता मेरी कुण्डली दिखाने हेतु बड़े मर्मज्ञ ज्योतिषी के पास गए -उन्होंने कहा -आपका पुत्र एक दिन राजा बनेगा | पर ये नहीं बताया कि राहु की दशा पूरे परिवार को दरिद्रभंजन बना देगी | मेरे पिता मेरे प्रति राजा का सपना देखने लगे ,आज भी मैं अपने पिता का राजा हूँ | 1970 से 1980 तक राजयोग में जीता रहा | माता पिता ,भाई -बहिन समाज ,परिवार का सुखद आनन्द मिला | आगे राहु की दशा का वर्णन कल करूँगा | -दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मंगलवार, 19 सितंबर 2023

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी सुनें --ज्योतिषी झा मेरठ



 
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं |
2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं |
3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं |
4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं |
5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |,
--6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये |
-- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

"मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-1



 -""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-1
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं

सोमवार, 18 सितंबर 2023

"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?--- भाग -1-ज्योतिषी झा मेरठ


 "मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?--- भाग -1-ज्योतिषी झा मेरठ

  भूमिका -----ॐ -------मेरे आराध्य पिता अब उपस्थित नहीं हैं --मुझसे मेरे पिता क्यूं महान हैं -जानना चाहेंगें तो -सुनिये ! मेरे पिता का लालन -पालन -दादाजी ने बड़े गर्व से किया | मल्ल युद्ध सिखाया और अपनी सुरक्षा हेतु सदा अपने इर्द -गिर्द रखा | जब हम जैसे नन्हें -मुन्ने आये तो लालन -पालन करने में बड़ी कठिनाई हुई क्योंकि समय बदल चुका था साथ ही दादाजी का साम्राज्य समाप्त हो चूका था | शिक्षा थी नहीं ,बाहरी दुनिया का पत्ता था ही नहीं -इसलिए मुझको शिक्षा विद बनाना ही मकसद था | पर धन होते हुए भी -धन चोर ले गए ,कुछ बाढ़ के कारण खेत वह गए- तो कैसे उत्तम शिक्षा पुत्र को मिले, यह सोचकर एक दिन एक संस्कृत आश्रम में मुझको छोड़ आये | पिता के आने के बाद उस आश्रम में सर्वप्रथम मुझको 50 लोगों का भोजन बनाने का काम मिला उम्र थी मेरी -13 वर्ष -क्योंकि मेरे पिता ने 500 रूपये शुल्क जमा नहीं किये थे |--जब हम थक जाते थे तो गायों को चराने का काम मिलता था ,जब हम फिर थक जाते थे तो सभी बर्तनों को सुबह -शाम मांजने का काम मिलता था | शिक्षा कम यातनाएं अत्यधिक थी ,जैसे -गायों को चराते -चराते मेरे पैरों में बरसात के समय बिना चप्पल होने के कारण तलवों में गड्ढे होने से असहनीय दर्द होता था फिर न तो दवाई मिलती थी न कोई पूछता ही था -तो हमने मरने का सोचा क्योंकि घर की दयनीय स्थिति जो लाचार थी और आश्रम में शुल्क नहीं देने के कारण तमाम कठिनाइयों को सहना ही एक रास्ता था |---1983 से 1988 तक इस आश्रम- नाम -श्री जगदीश नारायण बर्ह्मचर्या आश्रम लगमा जिला दरभंगा {बिहार }में रहा | यहाँ हमने रुद्राष्टाध्यायी ,लघुसिद्धांत कौमुदी ,शिशुबोध ,तर्कसंग्रह ,रधुवंश महाकाव्यम ,मुहूर्तचिन्तामणि ,ताजीकनीलकण्ठी ,मेघदूत ,अभिज्ञानशाकुंतलम ,गीता ,दुर्गासप्तशती ,शाम ,यजुर ,अथर्व और ऋग्वेद ,स्वास्थवृत्तम ,जैसे ग्रंथों के मन्त्रों और सूत्रों को कंठस्थ कर लिया भले ही किसी किसी मन्त्र का भाव नहीं समझा हो | --यहाँ मैं ये बताना चाहता हूँ कि कोई भी पिता अपने पुत्र को इतनी तकलीफ में नहीं देख सकते --आज मैं भी पिता हूँ पर अपने पुत्र को सुखद शिक्षा दे सकता हूँ दुःखद नहीं | --अतः मेरे पिता महान थे जो उन्होंने मुझको बनाया वो आज हम अपने पुत्र को नहीं बना सकते हैं | ----------- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


 भारतीय मास अगहन और अंग्रेजी मास दिसंबर की रचना कैसे हुई -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


  भारतीय मास अगहन और अंग्रेजी मास दिसंबर की रचना कैसे हुई -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ 

 



भारतीय मास अगहन की रचना की बात करें तो -अभिजीत नक्षत्र पर आधारित यह मास है | अभिजीत नक्षत्र का स्वामी स्वयं ब्रह्मा है | इस सृष्टि के निर्माणकर्ता ब्रह्माजी ही हैं | अगहन मास वास्तव में सुसुप्त अवस्था में चला जाता है --इसके बाद पूस मास आता है अतः इस मास शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं | नई आशा और नई उम्मीद में सभी जीव नए कार्य करने सोचने के बिचार -विमर्श में लगे रहते हैं | स्वयं ब्रह्माजी के मन में भी अनन्त जिज्ञासा -उत्सुकता रहती है --सृजन के लिए --अतः इस अगहन मास का नामकरण ब्रह्माजी के नाम पर पड़ा | ----------अंग्रेजी मास दिसंबर की रचना की बात करें तो --लैटिन भाषा के इस शब्द का अर्थ होता है दसवां | जूलियस ने मासक्रम में इसका स्थान बारहवां रखा है | ईशामसीह का जन्म भी इसी मास में हुआ | ----दोस्तों -इस पेज -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut- में ज्योतिष से सम्बंधित नवीन{शास्त्र सम्मत } बातों का हलचल रोज होता है -जो आपको ज्योतिष और ज्योतिषियों के प्रति कुभाव को मिटाकर -श्रद्धा ,स्नेह और आस्था तो जगाता है ही -आप इस भारतीय सत्य धरोहर "ज्योतिष "से विमुख नहीं हो सकेंगें । आप चाहे बालक हों ,युवा हों ,अभिभावक हों या फिर ज्योतिषाचार्य सबके योग्य है ---यकीं नहीं आता तो इस पेज को अपनाकर देखें|


भारतीय मास कार्तिक और अंग्रेजी मास नवम्बर कैसे पड़ा पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ



भारतीय मास कार्तिक और अंग्रेजी मास नवम्बर  कैसे पड़ा पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ 

भारतीय मास कार्तिक का नामकरण कृतिका नक्षत्र के ऊपर पड़ा | ज्योतिष जगत में कृतिका नक्षत्र को तीसरा स्थान मिला किन्तु जब भारतीय मांसों की रचना हुई तो --कृतिका नक्षत्र के स्वामी अग्निदेव हैं | अग्निदेव के बिना सृष्टि का चलना असंभव है ये प्रत्यक्ष देवता जीवों के हैं ,साथ ही भगवान श्रीहरि कार्तिक मास में ही जागते हैं ,समस्त शुभ कर्मों की शुरुआत कार्तिक मास से ही होती है | अग्नि तीन जगह विद्यमान रहती है --जठराग्नि ,दावाग्नि और उदराग्नि ---अग्निदेव के बिना यज्ञ नहीं हो सकते ,अग्निदेव के बिना जीवों की उत्पत्ति नहीं हो सकती है ,अग्निदेव के बिना पाचन क्रिया नहीं हो सकती है --अतः ऐसे कार्तिक मास को भारतीय पंचांग में एग्यारहवाँ स्थान मिला | ---------अंग्रेजी मास नवम्बर --की उत्पत्ति की बात करें तो --नोवेम शब्द भी लैटिन शब्द है | इस मास को रक्त मास नाम से पुकारते हैं ,क्योंकि इसी मास में मुख्यतः पशु संहार किया जाता था पूर्वकाल में | अतः इस कारण से इस मास का नाम नवम्बर रखा गया | ---ध्यान दें -कोई भी भाषा हो --सभीने अपने यहाँ मासों की रचना में संस्कृति को वही स्थान दिया जो भारतीय पद्धति में दिया गया है | - -दोस्तों -इस पेज -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut- में ज्योतिष से सम्बंधित नवीन{शास्त्र सम्मत } बातों का हलचल रोज होता है -जो आपको ज्योतिष और ज्योतिषियों के प्रति कुभाव को मिटाकर -श्रद्धा ,स्नेह और आस्था तो जगाता है ही -आप इस भारतीय सत्य धरोहर "ज्योतिष "से विमुख नहीं हो सकेंगें । आप चाहे बालक हों ,युवा हों ,अभिभावक हों या फिर ज्योतिषाचार्य सबके योग्य है ---यकीं नहीं आता तो इस पेज को अपनाकर देखें|

 अंग्रेजी अक्टूबर मास और भारतीय आश्विन मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ


  अंग्रेजी अक्टूबर मास और भारतीय आश्विन  मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ 

विश्व की कोई भी भाषा हो सभी ने धर्म का संस्कृति का वही स्थान दिया है --जो भारतीय पद्धति ने दी है | --अक्टूबर --यह वास्तव में लैटिन भाषा का शब्द है -जिसका अर्थ आठ होता है | किन्तु जब जनवरी माह को प्रथम स्थान मिला तो अक्टूबर का क्रम दसवां हो गया | ---भारतीय माह आश्विन वास्तविक रूप से माँ आदिशक्ति दुर्गा के नाम पर हमलोग जानते हैं ,किन्तु --दुर्गाजी की पूजा मूर्ति स्वरूप जहाँ -जहाँ होती है --वहां -वहां अश्विनी कुमार को भी स्थान दिया जाता है --क्योंकि आश्विन -अश्विनी नक्षत्र के ऊपर आधारित है | अश्विनी नक्षत्र का स्वामी अश्विनी कुमार है जो सूर्यदेव के पुत्र भी है साथ ही पृथ्वी लोक पर जीवों का आगमन इन्हीं की कृपा से होता है | अतः यह अश्विन माह इन्हीं को समर्पित हैं | ------"खगोलशास्त्री" ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई " -- ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज में उपलब्ध हैं कृपया पधारें और अपने -अपने योग्य ज्योतिष का लाभ उठायें ,आपका लाभ ही हमारी दक्षिणा होती है --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




अंग्रेजी मास सितंबर और भारतीय भाद्रपद मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ


 अंग्रेजी मास सितंबर  और भारतीय भाद्रपद  मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ 

 अंग्रेजी मास सितंबर "सेप्टेम्बर "यह शब्द  लैटिन शब्द है ,जिसका अर्थ सातवां है | वर्ष की शुरुआत जब मार्च मास से हुआ था ,तब यह मास सातवां था | किन्तु जूलियस सीजर के जनवरी को वर्ष का प्रथम मास का स्थान देने के कारण इसका क्रम नवां हुआ | ----इसी प्रकार से भारतीय मास श्रावण की बात करें तो -- श्रवण नक्षत्र का स्वामी बिष्णु है | भगवान श्री हरि ही सम्पूर्ण नियंता हैं सृष्टि के साथ ही आषाढ़ शुकपक्ष में एकादशी को सुसुप्त अवस्था में चले जाते हैं क्षीर सागर में पुनः कार्तिक में जागते हैं | अतः यह श्रावण माह वैसे भगवानशिव  का माना जाता है पर समर्पित श्री हरी को शिव ने किया है | -----"खगोलशास्त्री" ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई " -- ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज में उपलब्ध हैं कृपया पधारें और अपने -अपने योग्य ज्योतिष का लाभ उठायें ,आपका लाभ ही हमारी दक्षिणा होती है --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


अंग्रेजी मास अगस्त और भारतीय श्रावण मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ


 अंग्रेजी मास अगस्त और भारतीय श्रावण मास नाम क्यों पड़ा -पढ़ें - ज्योतिषी झा "मेरठ 

--अंग्रेजी मास अगस्त का नाम रोमन जगत में आक्टेवियस के आधार पर रखा गया जिसका सही शब्द अगस्त ही होता है । यह नाम जूलियस के पोते का था जिनकी विशेषता थी -वो साहित्य और कला में विशेष निपुन {प्रख्यात } थे । ------ज्योतिष संवत मास श्रावण का नाम श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है । इस श्रवण नक्षत्र के देवता स्वयं पालन कर्ता श्री हरि {विष्णु }हैं । यह मास वैसे जुलाई +अगस्त के मध्य आता है । इस मास की सबसे बड़ी बात यह है कि पालनकर्ता क्षीर सागर में सुसुप्त अवस्था में रहते हैं और संहारकर्ता भोलेनाठ स्वयं जगत कल्याण में तत्पर हो जाते हैं । अतः समस्त जीव शिव के समीप {शिवमय } आ जाते हैं । नोट -ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह श्रावण मास यद्यपि विष्णु के अधीन है किन्तु देखभाल भोलेनाथ करते हैं । रोमन जगत में साम्राज्य जूलियस का था किन्तु अधिकार पोते को मिला । अभिप्राय -विश्व की संस्कृति का मेल निःसंदेह भारतीय संस्कृति के इर्द -गिर्द ही है । सभीने अपने -अपने नूतन कार्य की शुरुआत में दैवीय शक्ति को प्रथम स्थान अवश्य दिया है । -----"खगोलशास्त्री" ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई " -- ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज में उपलब्ध हैं कृपया पधारें और अपने -अपने योग्य ज्योतिष का लाभ उठायें ,आपका लाभ ही हमारी दक्षिणा होती है --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...