ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

बुधवार, 20 सितंबर 2023

मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --अंक-2-ज्योतिषी झा "मेरठ"


 


मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --अंक-2-ज्योतिषी झा "मेरठ"
-जन्मकुण्डली सच बोलती है --मेरा जन्म चन्द्रमा की महादशा में हुआ | उच्च का चन्द्रमा होने के कारण -खेती में उपज अत्यधिक हुई | माता पिता गदगद थे | यह स्थिति केवल ढाई वर्ष के लिए रही, क्योंकि रोहिणी नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्म हुआ था- जिसकी अबधि केवल इतनी ही बची थी | दीदी के बाद मेरा आगमन हुआ था, साथ ही धन -धान्य की बृद्धि होने से परिवार में मेरा लालन- पालन उत्तम दर्जे का हुआ | मेरा रंग काला था ,दुबला पतला था, पर माता पिता का प्यारा था | जन्माष्टमी की रात्रि को जन्म होने के कारण नाम -कन्हैया रखा गया |जबकि कुण्डली का नाम -विश्वनाथ था | कहाँ भगवान श्री कृष्ण और कहाँ मैं दरिद्रभंजन | खैर ! हर पिता का पुत्र श्रीकृष्ण जैसा ही होता है | जब मैं ढाई वर्ष का हुआ तो मंगल की दशा चालू हुई 7 वर्षों के लिए | लगन में सूर्य -मंगल और केतु ,की युति के कारण अनायास मेरे बालों में आग लग जाती थी | मेरे पिता मेरी कुण्डली दिखाने हेतु बड़े मर्मज्ञ ज्योतिषी के पास गए -उन्होंने कहा -आपका पुत्र एक दिन राजा बनेगा | पर ये नहीं बताया कि राहु की दशा पूरे परिवार को दरिद्रभंजन बना देगी | मेरे पिता मेरे प्रति राजा का सपना देखने लगे ,आज भी मैं अपने पिता का राजा हूँ | 1970 से 1980 तक राजयोग में जीता रहा | माता पिता ,भाई -बहिन समाज ,परिवार का सुखद आनन्द मिला | आगे राहु की दशा का वर्णन कल करूँगा | -दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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