ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

मेरा" कल आज और कल -पढ़ें -भाग -4-ज्योतिषी झा मेरठ


 



"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?--"भाग -{4}
प्रथमा उत्तीर्ण हुए सन 1982 में -स्कूल का नाम -श्रीमहावीर संस्कृत विद्यालय महरैल -जिला मधुबनी {बिहार }-अंग्रेजी से संस्कृत शिक्षा में आ गए | मेरी प्रतिभा के सभी कायल रहते थे -चाहे शिक्षक हों ,या कुटुम्ब परिवार के लोग | कोई मुझको सलाह देने वाले या बताने वाले अपने नहीं थे ,क्योंकि बच्चे की प्राथमिक शिक्षा में माता पिता, बहिन, भाई का विशेष सहयोग रहता है ,तभी वो बालक शुद्ध- अशुद्ध को समझ लेता है | सारे परिजन निरक्षर थे ,वो भी संस्कृत भाषा के लिए तो और भी कठिन बात थी | खैर हमारी कोशिश रहती थी ,सभी ग्रन्थों के सूत्रों को -मन्त्रों को याद करने की , ताकि भले ही हम भाव न समझें ,पर किसी भी व्यक्ति के पूछने पर वो मन्त्र हमें याद रहना चाहिए | हमने -शिशुबोध ,रघुवंश महाकाव्यम ,हितोपदेश ,ताजिकनीलकण्ठी ,मुहूर्त चिंतामणि ,स्वास्थवृतम,रुद्राष्टाधयायी ,यहाँ तक कि लघुसिद्धांत कौमुदी के साथ -साथ श्री दुर्गासप्तशती ,गीता ,तमाम ग्रन्थों के मन्त्रों को कंठस्थ कर लिया | मेरी कुण्डली में सिंह राशि का सूर्य का होना, ,कन्या राशि का बुध का होना ,और उच्च का चन्द्रमा का कर्मक्षेत्र में होना -पिता से लाभ या पिता का स्नेह मिलना निश्चित था | साथ ही बुध की शुक्र के साथ धन के क्षेत्र में होना- धनाढ्य योग ,वाणी में निपुणता तथा हार नहीं मानने वाला योग था |अतः हमारी शिक्षा कभी रुकी नहीं, और राहु भले ही पूर्ण यौवन में था पर प्रतिभा बनी रही | --इसी प्रतिभा के बल पर बिना शुल्क दिए श्री जगदीश नारायण ब्रह्मचर्याश्रम लगमा- जिला दरभंगा के महाविद्यालय में नामांकण हुआ | जनेऊ संस्कार होने के बाद से ही संध्या -गायत्री नित्य करते रहे, जबकि मेरे खानदान में कोई भी सन्ध्या को जानते तक नहीं थे | अतः मुझको लोग बाबा -बाबा कहने लगे | हमारा समाज मांसाहारी समाज था किन्तु मैं शाकाहार बनना चाहता था | कृपया ध्यान दें --मिथिलांचल में ब्राह्मण भले ही मांसाहारी होते हैं, किन्तु सम्पूर्ण संसार में मिथिलांचल के ब्राह्मण जैसा कर्मनिष्ठ ,संस्कारी ,शुद्धता के प्रतीक तथा शिव भक्त और निष्ठावान नहीं होते हैं | इस बात का मुझको गर्व है| अगर मेरा पुनर्जन्म हो तो फिर से मिथिला के ब्राह्मण परिवार में ही हो -यही कामना रहेगी | एकबात का और ध्यान दें -सम्पूर्ण संसार के शास्त्र और मिथिला का व्यवहार एक जैसा है, यहाँ जन्मजात ज्ञानी और संस्कारों से युक्त होते है | आगे की चर्चा कल करेंगें | -----दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

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