"भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी "{ज्योतिष विशेष -संवत -2070}"2013--पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
मंगलवार, 28 मई 2013---प्रिय
ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख
लिखना ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय
राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था
---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के
लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |ध्यान दें --फ्री ज्योतिष सेवा -18 /02 /2019 में बन्द हो गयी है | -----
--संवत -2070 की गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार तुला राशि स्थित -शनि +राहु
की कांग्रेस -स्थापना कुंडली में लग्न ,पंचमभाव एवं अष्टमभाव -चन्द्र पर
विशेष अर्थात पूर्ण दृष्टि है । तदनुसार इस पार्टी के प्रतिष्ठित -राजनेता
विकट समस्याओं में उलझकर चर्चा का केंद्रबिंदु बने रहेंगें ।
----संवत -2070-की प्रारंभिक -ग्रहस्थिति के अनुसार परवरी -13 से 7 जुलाई
13 तक शनि वक्री होकर वक्री ही राहु के साथ तुला राशि में रहेंगें साथ ही
22-मई 13 तक मंगल अतिचारी होकर शनि +राहु के साथ समसप्तक योग भी बनाया था
-यह स्थिति कांग्रेस पार्टी के लिए अघटित घटनाओं वाली सिद्ध हुई । आम जनता
एवं शासन तंत्र से क्षोभ उत्पन्न भी कराया ।-------संवत -2070-में 18 अगस्त से लगभग 5 अक्टूबर 13 तक शनि +मंगल का दशम
-चतुर्थ दृष्टि सम्बन्ध भारत की राजनीति में भारी उलटफेर {परिवर्तन }का
संकेत है । इस दौरान राजनैतिक पार्टियों की स्वार्थ परकता एवं
सत्तालोलुपता तीसरे मोर्चे का गठन भी करेगी ,जिसका प्रभाव बड़ी पार्टियों
पर आंशिक रूप से पड़ेगी लेकिन सत्ता प्राप्ति की महत्वाकांक्षा फलवती नहीं
होगी । तीसरा मोर्चा कुछ राजनैतिज्ञों के लिए मृगतृष्णा मात्र सिद्ध होगी ।
अर्थात त्रिशंकु सरकार ही बनेगी ।
---4 फरवरी 14 को मंगल ,शनि ,राहु ये तीनों खलग्रह {शत्रुग्रह }तुला
राशि में 24 मार्च 14 तक एकराशि में ही रहेंगें । विशेषतः 1 मार्च से 24
मार्च 14 तक मंगल वक्रगति से शनि +राहु के साथ चलेगा। अतः इस समयावधि में
{परवरी 13 से मार्च -14तक }कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता जनता को
लुभाने के लिए अनेक वायदे करने से जनता का हित {मत } कुछ जरुर प्राप्त
करेंगें --परिणाम कांग्रेस के लिए आश्चर्जनक रहेंगें । प्रधानमंत्री के लिए
युवा वर्ग या युवराज श्री राहुल गांधीजी आगे आयें तो--माता श्रे मति सोनियाजी का योग +श्री राहुलजी का
सुयोग से विशेष योग बन सकता है ।
{नोट ---कृपया ध्यान दें -हम किसी व्यक्ति विशेष पर कुडली का प्रतिफल
करके अपनी ज्योतिष +ज्योतिषी को कसोटी पर कसना चाहते हैं अर्थात योगता
प्राप्त करने के बाद परीक्षण +परीक्षा देनी होती है तब वह व्यक्ति सफल हो
पाता है ---हमने भी ज्योतिष पढ़ी है अब अपने आप को परीक्षा देकर सफल होना
चाहते हैं -ज्योतिष सच है असत्य तो व्यक्ति हो सकता है अगर हमने ज्योतिष
पढ़ी है ये तो हम जानते हैं अगर हमारी ज्योतिषी से किसी को लाभ मिलेगा तभी
हम सही ज्योतिषी होंगें इसके लिए हमें तमाम परीक्षाएं देनी होंगीं । इसके
लिए सभी मित्रों का सहयोग की आशा है ।----
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