"ज्योतिष की दृष्टि में "भारत" का सन 2013+14 कैसा रहेगा -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
बुधवार, 22 मई 2013
-प्रिय
ज्योतिष पाठक गण हमने नेट की शुरुआत 2010 में की थी | ज्योतिष के आलेख
लिखना ऑरकुट से शुरू किया था --पर सही लेखक 2013 में बना था --यह समय
राजनीति की नई दिशा देने वाला था | एक नया भारत का निर्माण होने वाला था
---तो हमने भी अपने आप को कुछ बनने की तमन्ना की थी --यह ज्योतिष -2013 के
लेख मेरे गवाह हैं --ॐ |
"ज्योतिष की दृष्टि में "भारत" का सन 2013+14 कैसा रहेगा ?"
स्वतंत्र भारत का यह 66+67 वां साल है जिसे ज्योतिष की दृष्टि में संवत
-2070 कहेंगें ----इस संवत के अनुसार भारत वर्ष की कुंडली में उच्च स्थित
शनि +मंगल की युति है तथा राहु +मंगल एक राशि गोचर में स्थित हैं---अतः
सबसे बड़ी बात यह है अगस्त से अक्तुवर के बीच का समय प्रमुख राजनेताओं
अर्थात -कन्या ,सिंह ,तुला एवं कुम्भ राशि वालों के लिए उत्तम नहीं है इन
राशि के राष्ट्रनायकों को अपनी -अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
क्योंकि -कन्या राशि का स्वामी बुध इस संवत -2070 -वर्ष की कुंडली में
अतिचारी है -तथा कन्या राशि में नीच का शुक्र पर मंगल की दृष्टि भी है और
शनि +राहु तुला राशि में है इसके साथ -साथ शनि की सूर्य पर पूर्ण दृष्टि पर
रही है --इतना ही नहीं मुन्था {वर्ष कुंडली में }अष्टम भाव में नीच चन्द्र
के साथ है ----इसलिए यह साल भारतीय राजनीति में विशेष उथल -पुथल भरा रहेगा
और परिवर्तन भी लेकर आयेगा । अस्तु ----केन्द्रीय सहयोगी दल यू .पी .ए .के सहयोगी गठबंधन से अलग होने
की सोचने लगेंगें अर्थात अलग हो सकते हैं तथा सत्ता पक्ष को भारी हानि हो
सकती है ।
------मार्च 2014-ई .से संवत के अंत तक शनि +मंगल के वक्र स्थिति के
कारण आश्चर्य जनक परिणामों वाली भी रहेगी । --अगस्त एवं अक्टूवर तक इन तमाम
विपरीत ग्रहों की दृष्टि के कारण समुद्रतटवर्ती क्षेत्र +एवं पर्वती
भूभागों पर प्राकृतिक आपदा ,भूकंप ,तूफान ,महानगरों में जन धन की हानि
{उग्रवाद के कारण }का संकेत भी है । -----कर्ज --संकट पूरे यूरोप को चपेट
में ले लेगा । भारत में भी राजस्व घाटे और मुद्रास्फीति के कारण आर्थिक
सुधार प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ने के योग हैं ।
----भारत -आर्थिक दृष्टि से विश्व में प्रतिष्ठित देशों में अपना स्थान बना
लेगा । आर्थिक प्रगति के क्षेत्र में घोटाले के कारण भी हानि हो रही है ।
हमारे महामहिम राष्ट्र पति जी को भी भारत की राजनैतिक -परिस्थिति चिंतित
कर सकती है ।
नोट --इस वर्ष -18अगस्त से 5 अक्टूवर तक ,एवं 1 मार्च 2014 से संवत के अंत तक का राजनीति का समय उथल -पुथल भरा रहेगा ।
-----प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }-
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