ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 28 सितंबर 2023

·मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --भाग 18-ज्योतिषी झा मेरठ



 "मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?---भाग -{18}-ज्योतिषी झा मेरठ

ध्यान दें -1998 तक राहु दशा भोगनी थी मुझको -जैसा स्वभाव वैसा प्रभाव मिलना निश्चित था | भाग्यं फलती सर्वत्र न विद्या न च पौरुषम "--अर्थात भाग्य ही फलता - फूलता है न कि वर्तमान की विद्या या वर्तमान का पुरुषार्थ , आपने पहले जो किया -वो अभी मिलेगा ,जो अब करेंगें - बाद में मिलेगा, यही प्रकृति का नियम है | अस्तु --माता- पिता ,दीदी -जीजा और अपने सगे मामा हमारे विरोधी हुए, कि झूठ बोलता है -इस के पास बहुत धन है |अपना अनुज जो प्यारा था ,है वो भी तिरस्कार कर दिया , साथ ही बड़े साले को बहिन की शादी के बाद घर आना था ,जिसके पास पैसे रखे थे उन्होंने जहर देकर मार दिया ,ससुर पुत्र की चिंता में चल बसे ,छोटा साला बीमारी से ऊपर चला गया, केवल सास और मेरी पतनी बची | हम मेरठ कमाने आये -पहले कुछ दिनों तक घडी का काम सीखा, हमने देखा सिखाने वाले खुद दुःखी हैं तो यह काम भी छोड़ दिया | एक जगह स्प्रींग टेम्पर की नौकरी की वो मालिक कहता था -पुलिस पूछे तो मेरा नाम मत बताना तो हमने नौकड़ी छोड़ दी | कहीं कोई कामयाबी नहीं मिल रही थी ,इसकी वजह थी -मैं मंदिर में नहीं रहना चाहता था , न ही मरने वालों का खाना, खाना चाहता था ,न ही दान लेना चाहता था -क्योंकि यह काम मेरा खानदानी नहीं था -मैं तो शिक्षक या पत्रकार या ज्ञान प्रदान का काम करना चाहता था | एक दिन एक मन्दिर के प्रांगण में- बैठकर रोने लगा ,फिर मुझको अंदर से आवाज आयी -तुम ज्ञानी हो ,पढ़े लिखे हो ,मुंबई जैसी नगरी देखी है ,रामायण ,भागवत जानते हो ,एक ज्योतिषी हो -तुम्हारे कहने से दुनिया ठीक होती है तो तुम क्यों नहीं ठीक हो सकते हो | मानो ऐसा लगा जैसे मेरे गुरु सरकार जो मेरे आराध्य गुरु थे -वो मुझको समझा रहे थे | हमारा वो ज्ञान खुला जैसे नारदमुनि जी से ध्रुवजी का खुला था ,जैसे बाल्मीकिजी ,बाबा तुलसीदासजी खुला | अब हम शतचण्डी खुद निराहार रहकर करना चाहते थे ,अब हम उन उन मन्त्रों का प्रयोग करना चाहते थे --जिन मन्त्रों की वजह से लोग संसार के तमाम चीजों की प्राप्ति करते हैं और सतगुरु की ओर बढे | ध्यान दें जब सतगुरु की कृपा होती है तो सब कुछ ठीक स्वतः होता चला जाता है | आगे की चर्चा आगे करेंगें ----- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

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