ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

सोमवार, 2 अक्टूबर 2023

गर्भाधान संस्कार किसे कहते हैं सुनें -भाग -23 -ज्योतिषी झा मेरठ



गर्भाधान संस्कार किसे कहते हैं सुनें -भाग -23 -ज्योतिषी झा मेरठ

 संस्कार किसे कहते हैं -सुनें -खगोलशास्त्री झा मेरठ --भाग-23
कर्मकाण्ड जगत के 16 संस्कार हैं --पहला संस्कार --गर्भाधान संस्कार है | इन संस्कारों का सही अभिप्राय क्या है --ठीक से समझें और सुनें तभी समझ में आएगा --अन्यथा हास्य और उपहास तो मानव की सोच रहती ही है | --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को समझ हेतु --इस लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut- -आपका खगोलशास्त्री झा मेरठ

"तक्षक "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "-


  "तक्षक "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "-

 "तक्षक "नामक कालसर्पयोग -जन्मकुण्डली में तब बनता है -यदि सप्तम भाव में राहु और लग्न में केतु हो साथ ही सभी सातों ग्रह इन दोनों के बीच हों । "तक्षक " नामक कालसर्प योग में जन्म लेने वाले जातक धन और स्वाभिमान के सवालों पर संघर्षशील रहते हैं । इनमें अर्थात इस योग के जातक ज्योतिषी ,राजनीतिज्ञ ,लेखक ,पत्रकार आदि अवश्य बनते हैं या ऐसी कला अवश्य होती है । किन्तु ऐसे जातक किसी भी क्षेत्र में पूर्णता से खिन्न रहते हैं । ऐसे जातक की त्याग भावना इतनी प्रबल होती है कि पलक झपकते ही सबकुछ त्यागकर कहीं भी पलायित हो सकते हैं । स्त्री पक्ष से पुरुष वर्ग का और पुरुष पक्ष से महिला वर्ग का खूब लगाव होता है परन्तु मूड बिगड़ जानें पर स्त्री पुरुष से पुरुष स्त्री से बगावत भी कर बैठते हैं । ---निदान -वैसे अपने आचार्य से अवश्य कुण्डली का ज्ञात करें और उनका सुझाव मानें शास्त सम्मत उपाय गौरी +गणेश की उपासना से लाभ मिलेगा । सूर्य की उपासना से भी लाभ मिलेगा । धनाभाव में -प्रत्येक ,पंचमी ,सप्तमी ,नवमी एवं चतुर्दशी को -लालफूल या लाल वस्तु गौरी या गणेशजी को अर्पण करें । देविशुक्त का पथ इन तिथियों में करने से लाभ मिलेगा । ----- ------दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




मेरा" कल आज और कल -पढ़ें -भाग -23-ज्योतिषी झा मेरठ


 


""मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?-"भाग -{23}-ज्योतिषी झा मेरठ

2001 से 2010 तक का समय जो समय मिला हमने भरपूर कोशिश की सदुपयोग करने की | जिन ग्रन्थों को हमने अध्ययन केवल कण्ठाग्र {याद } किये थे उन ग्रन्थों को हमने पुनः समझने की कोशिश की ,जो संगीत बाल्यकाल में हारमोनियम के आभाव में छूट गया था उसको हमने सीखने का अथक प्रयास किया और सीखा | क्योंकि अगर श्लोकों को अगर आप संगीत से सजाते हैं तो परमात्मा की कृपा और विशेष होती है इतना ही नहीं साधना में और भी आनन्द आता है | किन्तु ध्यान दें संगीत वही उत्तम होता है जो रागों पर आधारित होता है -बहुत से गायक सरगम भी नहीं जानते किन्तु उत्तम गाते हैं किन्तु मेरी नजर में रागों के बिना संगीत अधूरा रहता है | अतः हमें संगीत सीखने में समय लगा क्योंकि गुरु नहीं थे | मेंहदीपुर राजस्थान बालाजी में भी प्रतिष्ठा हेतु हम आचार्य बनें ,दैनिक जगरण के संपादकजी के यहाँ इंदौर मध्य प्रदेश जाने का सौभाग्य मिला ,पटना श्री देवेन्द्र यादवजी के यहाँ 2 बार जाने का सौभाग्य मिला | न जाने कितने लोगों से मिले ,कितने लोगों को कार्य दिए ,धौलपुर राजस्थान के एक यजमान ने मोटरसाईकिल 2006 में दी ,2003 में मेरठ में अपना छोटा सा भवन मिला | जो पैतृक जगह बिहार है वहाँ भी पिताजी ने शानदार भवन हमलोगों के लिए बनवाये | मेरे आराध्य गुरु पुनः दुबारा नहीं मिले न प्रत्यक्ष न अप्रत्यक्ष | सबसे बड़ी बात अपनी जिम्मेदारी को संभालते हुए हमने अध्ययन और अध्यापन की पूर्ण कोशिश की | मेरी तम्मना थी शिक्षक बनू ,पत्रकार बनू साथ ही ज्ञान प्रदाता बनें यह सभी कार्य आपकी और ईस्वर की कृपा से पूर्ण हुए | अब एक संकट और आया- मेरी दो कन्या थीं -लोग कहने लगे तुम इतने बड़े पंडित हो तो पहले पुत्र क्यों नहीं होते --फिर माँ की शरण में गए -माँ के दरबार से कोई खाली नहीं जाता है -एक पुत्र भी मिला 2007 में | मेरी सोच है -किसी विद्वान की पहचान धन नहीं -संस्कार होते हैं ,किसी विद्वान का अलंकार स्वर्ण नहीं विद्या होती है -घर्मो रक्षति रक्षकः --जो धर्म की रक्षा करता है उसे धर्म अपनी गोद में उठाता अतः हम आप सभी को एक बात कहना चाहते हैं --सत्य के मार्ग में देर हो सकती किन्तु अंधेर नहीं | अभी मेरी जीवनी की कुछ विशेष बात बाँकी है जिन्हें आगे बताने की कोशिश करेंगें |--------ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं कृपया पधारें और अपने -अपने योग्य ज्योतिष का लाभ उठायें ,आपका लाभ ही हमारी दक्षिणा होती है ------आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ,झंझारपुर और मुम्बई-- - उपलब्ध हैं |

रविवार, 1 अक्टूबर 2023

भाग्य ही फलता -फूलता है कैसे सुनें -भाग -22 -ज्योतिषी झा मेरठ



 -भाग्य ही फलता -फूलता है  कैसे सुनें -भाग -22 -ज्योतिषी झा मेरठ 

""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-22
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं |

"महापदम "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "


  "महापदम "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "

 किसी भी जन्मकुण्डली में अगर छठे भाव में राहु एवं द्वादश भाव में केतु हो साथ ही सभी सातों ग्रह इनके बीच में हों तो महापदम नामक कालसर्प योग होता है । महापदम नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले जातक मानसिक परेशानियाँ बड़ी ही विलक्षण होती है । अधिकतर लोग ऐसे जातक को कलंकित एवं अपमानित करने का मौका तलाशते रहते हैं । ऐसे जातक मुसीबतों के समय घबराते नहीं हैं बल्कि कठोर साहस से परिस्थितियों का सामना करते रहते हैं अन्ततः विजयी भी बनते हैं । ऐसे जातक दूसरों की मदद को सदा आतुर रहते हैं । ऐसे जातक अक्सर मानसिक तनाव मोल खरीदते रहते हैं और इज्जत के साथ खाने पहनने की तकलीफ नहीं होती । --निदान ---ऋणमोचन स्तोत्र का पाठ एवं मृत्युंजय की उपासना करनी चाहिए जिससे शत्रुता और रोग से मुक्ति मिलती है । वैसे अपने -अपने आचार्य से परामर्श अवश्य लें । धनाभाव में ऊपर बताये हुए पाठ करें या पंचमी ,सप्तमी और चौदश तिथियों में घी का दान दक्षिणा के साथ करें । ---------------दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




""मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?-"भाग -{22}- ज्योतिषी झा मेरठ



"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?-"भाग -{22}- ज्योतिषी झा मेरठ

1999 -में जो हमने यज्ञ किया वो न तो हम तांत्रिक थे ,न ही दिव्य पुरुष थे ,हमें केवल मार्ग की जानकारी थी कि इस विधि से यह जाना जा सकता है -उस विधि का प्रयोग किया और माँ आदिशक्ति की कृपा हुई -उनको पुत्री मिली साथ ही मुझको मन्दिर और निवास मिला पत्ता -कृष्णपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ | हम आज तक यहाँ विराजमान हैं | --अस्तु --राहु की महादशा समाप्त हुई | अब 16 वर्षों के लिए गुरु की दशा आयी -मेरी कुण्डली गुरु तृतीय भाव में हैं --तो निश्चित ही भार्या सुख और भाग्योदय होना था साथ ही प्रचुर आय भी होनी थी | यह मेरा सौभाग्य रहा -दौराला -मेरठमें शिव की प्रतिष्ठा हेतु हम आचार्य नियुक्त हुए ,शिव चौक बागपत गेट मेरठ यहाँ भी प्रतिष्ठा का दायित्व मिला ,कबाड़ी बाजार एवं जुनेजा मार्किट शहर की प्राण प्रतिष्ठा में आचार्य का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला | सब्जी मण्डी मेरठ में पीपली -पीपल का विवाह हेतु आचार्य बनें जो मेरठ नगर एवं समस्त मीडिया जगत के लिए कौतुहल का विषय था | --जो हम दूसरे पर आधारित थे आज परमात्मा एवं गुरुदेव की कृपा से स्वतंत्र कार्य किये ,साथ ही आज हम इस योग्य बने किअब हम दूसरे को कार्य देने लगे | --एकदिन एक छात्र नाम हीरा ठाकुर ये संगीत सीखने मेरठ के प्रसिद्ध बैण्ड -जय हिन्द बैण्ड के संचालक श्री जगदीश धानक के पास जाते थे ,कौतुहल बस मैं भी देखने गया -जब गया तो हमने पूछा क्या सीखते हो उसने बताया सरगम -हमने कहा यह ऐसे बजाते हैं वो तो फिर कभी सीखने नहीं गया पर हम नित्य सीखने लगे -अब हम -31 वर्ष के हो चुके थे -ये हारमोनियम बजाना तो नहीं जानते थे पर सुरों की उत्तम जानकारी थी और स्वभाव के बड़े ही सनेही थे | कुछ दिनों तक सीखने के बाद मुझको लगा यहाँ हम कामयाब नहीं हो सकते क्योंकि संगीत के लिए उत्तम गुरु और संगति की जरुरत होती है जो मुझको यहाँ नहीं मिलेगी | अतः हमने हारमोनियम ख़रीदा और अपने बाल्य काल के संगीत गुरु का ध्यान किया साथ में टेपरिकार्ड से गाना -गाना सीखने लगा | इतनी उम्र में लोग बच्चों को पढ़ाते हैं किन्तु हम फिर से पढ़ने लगे --ॐ - आपका - ज्योतिषी झा
मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

पहली सफलता या असफलता आजीवन याद रहेगी कैसे सुनें भाग -21


             पहली सफलता या असफलता आजीवन याद रहेगी कैसे सुनें  भाग -21 -


ज्योतिषी झा मेरठ -""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-21
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं |

"पदम "नामक कालसर्पयोग क्या होता है -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "


 " पदम "नामक कालसर्पयोग क्या होता है -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "

 किसी भी जन्मकुण्डली में राहु यदि पंचमभाव में हो और केतु एकादशभाव में हो साथ ही सभी सातों ग्रह इनके मध्य में हों -तो शास्त्रकारों नें इस योग का नाम पदम नामक कालसर्पयोग कहा है । इस पदम नामक कालसर्पयोग में जन्म लेनें वाले जातक बुद्धिमान ,परिश्रमी ,इज्जतदार ,स्नेहशील एवं सतत उद्यमी रहते हैं । किन्तु अपने द्वारा अर्जित धन से नाखुश भी रहते हैं तभी तो इस योग के जातक अत्यधिक कामनाओं की पूर्ति हेतु तत्पर सदा रहते हैं । दूसरों के लिए ऐसे जातक सदा जीते हैं और जो दूसरों को निर्णय देते हैं उससे लाभ अवश्य मिलता है । परन्तु निजी कर्मों के लिए किया गया खुद का निर्णय हानिकारक होता है । ऐसे योग के जातक विशेषतर बड़े लोगों के शत्रु तो प्रेमी भी होते रहते हैं । इस योग के जातक प्रेम के क्षेत्र में प्रेमी से केवल हार मानते हैं । ---निदान ---माँ सरस्वती की उपासना से शिक्षा सुन्दर होगी ,संतान उत्तम होगी आय में बाधा नहीं आएगी । वैसे अपने आचार्य से परामर्श लेना चाहिए कुण्डली का । धनाभाव में -काष्ठ या शिक्षा की चीजों का दान पंचमी को भूदेव को देने लाभ मिलता है । -----------ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --भाग 21-ज्योतिषी झा मेरठ



""मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?--"भाग -{21}-ज्योतिषी झा मेरठ

1999 -अब हम मेरठ में अपने आप को स्थापित कर रहे थे | परमात्मा और सद्गुरु की सच्ची कृपा तभी होती है जब आप सच्ची निष्ठा से जुड़ते हैं | अभी हमारे अंदर एक कमी थी -मेरठ में मेरा अनुज मुझसे आठ वर्ष छोटा मुझसे सफल था किन्तु ज्ञान का आभाव था | मेरठ जैसे शहर में मंदिर में ज्ञानी पुरुष की जरुरत कम सेवक की ज्यादा होती है | अतः यह अनुज केवल आठवीं पास था पर केवल धन की जिज्ञासा थी तो उसे मंदिर और निवास मिला था | अनुज ने प्रस्ताव दिया मेरे पास रहो ,हम एक अनुज को पहले ही खो चुके थे अतः अपनी संतान जैसा ही चाहते थे और इसे किसी प्रकार का कष्ट न हो यह सोचकर इसके पास स्थान --शिव चौक बागपत गेट मेरठ-में रहने लगा और इसे पढ़ाने भी लगा | एक दिन 1999 में पिता के साथ बच्चे मेरठ आ गए ,पिता छोड़कर चले गए -उनके जाते ही मेरी नन्ही -नहीं सी बच्चियों को ताना मारने लगा -इस बात जानकारी मुझको मिली -मैंने कुछ नहीं कहा ,इसके बाद गर्मी का समय था हम बच्चों के साथ छत पर सो रहे थे तो अनुज ने कमरे में ताला लगा दिया ,मेरी छोटी सी डेढ़ साल की बच्ची दूध के लिए रोने लगी ,जब दूध लेने पतनी कमरे जाने लगी तो ताला लगा देखा -अनुज का अता -पत्ता नहीं चला ,मुझसे बच्ची की दशा देखी नहीं गयी तो हमेंने दरवाजे में धक्का दिया ताला सहित दरवाजा खुल गया | इसके बाद मेरे अनुज ने मकान मालिक से कहा ताला तोड़कर यह मेरे पैसे चुराया है और आपका दरवाजा भी तोड़ दिया | यह शब्द मानो मरने जैसा था | हमने मालिक से अनुरोध किया 15 दिन का समय दें हम घर चले जायेंगें, तत्काल बच्चों को लेकर कहाँ और कैसे जायें | उन्होंने कहा अभी खाली करो मकान --अब हमने चन्द्रलोक मलियाना फाटक मेरठ के पास मेरे एक मित्र थे उनसे अनुरोध किया -उन्होंने मुझे पनाह दी -फिर किराये का मकान दिलाया -इस मित्र ने अपनों से बढ़कर सम्मान दिया | अब मेरा कोई न तो मददगार परिजन न ही ससुराल पक्ष में कोई आसरा देने वाला --अब क्या करें कैसे आगे बढ़ें यही सोचने लगा -- --अब हम सच्ची निष्ठा से परमात्मा के सहारे हो गए फिर क्या था ----पत्रं पुष्पं फलं तोयं मामेकं शरणं व्रज " परमात्मा ने दोनों हाथों से मुझको उठाया -कैसे -जानिए -एक व्यक्ति नाम सुरेश निवासी -धौलपुर राजस्थान मेरठ में रहते थे वो मुझको जानते थे उनकी लड़की खो गयी थी मुम्बई में -हमसे पूछा महराज कैसे मिलेगी ,हमने कहा मिल जाएगी -पर खर्च बहुत होगा -बोले कोई बात नहीं | हमने कहा -मिल जाएगी तब तुम 11००० हजार दक्षिणा देना -पर मैं जो साधना करूँगा उसमें तुम्हें मेरे बच्चों की देखभाल करनी होगी ---हम एक मास बोलेंगें नहीं ,केवल साधना करेंगें ,और इस बीच हमारा राशन पानी सारी जिम्मेदारी तुम्हारी -बोले ठीक है -आप यज्ञ करो --ये व्यक्ति ऐसे थे मानो स्वयं मेरे पिता मेरी रक्षा करने हेतु पधारे हों | इन्होने इतना राशन लाया जिसे हम छे महीने ग्रहण किये ,बिस्तर ,चौकी ,मेरे बच्चों ने पहली बार पिता के साम्राज्य में उत्तम वस्त्र पहनें | अब हमें कोई चिंता नहीं थी तो चिंतन उत्तम होना लाजमी था ---- -आगे की चर्चा आगे करेंगें --ॐ |--ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut. खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

शनिवार, 30 सितंबर 2023

शंखपाल "नामक कालसर्पयोग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "


  शंखपाल "नामक कालसर्पयोग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "



फलित ज्योतिष जगत के आचार्यों ने -अगर जन्मकुण्डली के चतुर्थभाव में राहु एवं दशम भाव में केतु हो साथ ही सातों ग्रह इनके मध्य तो -"शंखपाल नामक कालसर्पयोग का दोष माना है । ----अस्तु ----वैसे तो कुण्डली का सही आकलन से ही सही बात कही जा सकती है किन्तु मोटे तौर पर -इस शंखपाल नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले जातक माता पिता से दुःखी रहते हैं या ऐसे जातकों से माता पिता को कष्ट मिलता है । ऐसे जातक के मित्र स्वार्थी होते हैं । चचेरे परिवार से जान का खतरा का भय रहता है । ऐसे जातक अनेक प्रकार के रोगों की शंका से घिरे रहते हैं । ऐसे जातक स्वतंत्रता एवं स्वाधीन जीवन जीना चाहते रहते हैं । ऐसे जातक प्रेम रस के महारथी होते हैं । ऐसे जातक परोपकारी तो होते हैं किन्तु यश नहीं मिल पाता है । --निदान -शास्त्र सम्मत पितरों की विधिवत पूजा से ही संभव है किन्तु -अपने -अपने पुरोहितजी राय अवश्य लें । धनाभाव हो तो -अमावश्या के दिन दूध +मिठान्न ब्राह्मणों को देने से राहत मिल सकती है -अमावस्या को गंगास्नान से भी लाभ मिल सकता है । दोस्तों -वैसे कालसर्पदोष 320 प्रकार के होते हैं किन्तु प्रत्येक जातक की जन्मकुण्डली में जो कालसर्पदोष देखने को मिलते है उनके नाम और प्रभाव हमने क्रम से जैसे -शंखपाल ,शेषनाग ,विषाक्त ,पातक ,शंखनाद ,कर्कोटक ,तक्षक ,महापदम ,पदम् नामक कालसर्प दोषों को बताने की कोशिश की अब हम आगे आपको कालसर्पदोष क्या सच है ,सबसे पहले किसने पहचान की और साथ ही कालसर्प दोष की प्रमाणिकता की भी बातों समझाने का प्रयास करेंगें । ------


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-मेरे जीवन में गुरु की दशा पहले आती तो क्या होता सुनें - भाग -20



 -मेरे जीवन में गुरु की दशा पहले आती तो क्या होता सुनें - भाग -20

""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-20
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मेरा" कल आज और कल -पढ़ें-भाग -20-ज्योतिषी झा मेरठ



""मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?-भाग -{20}--ज्योतिषी झा मेरठ

"कलौ चण्डी महेश्वरः "अर्थात कलयुग में या तो माँ आदिशक्ति की कृपा हो सकती है या बाबा भोले नाथ की "---अस्तु --जिन्होने रूपये दिए- उनका नाम श्री शिव शंकर नागर- निवासी पूर्वा महावीर दिल्ली रोड मेरठ | 1997 में दूसरी पुत्री प्रकट हुई | अब हम सोचने लगे -गुरूजी ने तो धन दे दिया पर दो कन्या ,मकान नहीं ,स्थायी निवास नहीं ,किसी का सहयोग नहीं -उधर अपने परिजन सभी विरोधी हो गए ----अंत में हमने घर बनाने के लिए ईटें खरीदी क्योंकि पढ़ाई से जरुरी यह समझ में आया | पुनः गुरूजी के पास गए वो थोड़ा नाराज हुए पर बोले कोई बात नहीं ,मेरठ केवल उनका सहारा दीखता था यदा -कदा उनसे मिलने चले जाते थे | अब हम पढ़ना नहीं चाहते थे तो सोचने लगा क्या करें जिससे सहारा मिले ,अब धन के साथ स्थीरता की जरुरत थी | सोचा मां की आराधना करें -पर न निवास न व्यवस्था थी, फिर सोचा मंदिर में बैठकर चार पाठ सप्तशती के नित्य करेंगें- तो 25 दिनों में सौं पाठ हो जायेंगें तो जरूर कुछ रास्ता निकल आएगा | नित्य पाठ करता था और समय दूध ब्रेड खाता था | क्योंकि इतना ही साधन था मेरे पास | एकदिन एक व्यक्ति नाम -श्री रामप्रकाश बंसल देवीनगर मेरठ "बाबा खांखी जात्तीबाड़ा मेरठ से गुजर रहे थे साईकिल पर थे मेरी ओर उनकी नजर पड़ी और मिले बोले कल का निमंत्रण देता हूँ -मैंने कहा ठीक है -श्राद्ध का समय था | जब हम भोजन कर रहे थे दोनों प्राणी रोने लगे -मैंने कारण पूछा -बोले हमारे पास सबकुछ था पर अब रोटी का भी साधन नहीं है ,मैंने कहा बस बोले जी भैया जी ,मैंने कहा ,साधन बन जायेगा ,बोले आप रास्ता जानते हो तो बताओ ,मैंने कहा शतचण्डी एक रास्ता है बोले करो -हमने लोम -विलोम नौ दिन के पाठ किये | पाठ पूर्ण होने पर बोले हम आपके पाठ करने से खुश हैं-चाहे माँ भगवती मिले या न मिले | दक्षिणा बतायें -हमने स्वेच्छा कही उन्होंने मुझको 1100 सौ रूपये दिए साथ ही बोले मैं चाहता था आपको एक साईकिल दूँ पर सोचा आप विवाहित हैं पत्ता नहीं आपकी क्या जरुरत है साथ ही बोले कुछ कम हो तो जरूर बतायें | --ध्यान दें -यह अनुष्ठान जीवन का पहला था साथ ही किसी का सहयोग नहीं था और इन्होने जो सम्मान किया जीवन में ऐसा व्यक्ति आजतक नहीं मिला आगे भी अभी तक इनसे जुड़े हैं | 1998 में पतनी बच्चों के साथ मेरठ आ गई | ----आगे की चर्चा आगे करेंगें | --ॐ |--ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut. खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-19



 -""मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-19
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मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --भाग -19-- ज्योतिषी झा मेरठ



"मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?---"भाग -{19}-- ज्योतिषी झा मेरठ

1996 -अब हम 26 वर्ष के हो चुके थे | राहु में शुक्र का अंतर समाप्ति की ओर था | आज हमने पहलीबार अपनी कुण्डली का मंथन किया | आप लोगों में से बहुत से लोग ऐसे होंगें -जो बात मैंने पहले कही कि मेरी आत्मा से आवाज आयी और मानो मेरे साक्षात आराध्य गुरु सरकार मुझको समझा रहे थे -इस बात को सही नहीं मानते होंगें -इसका मैं एक प्रत्यक्ष प्रमाण देता हूँ | जब मैंने आत्मा की बात सुनी उसके बाद हमने अपनी नजरों से दुनिया को झांकने की कोशिश की ,हम मन ही मन सोचने लगे -95 प्रतिशत लोग आचार्य नहीं है फिर भी मन्दिरों में रहते हैं ,2 प्रतिशत लोग हैं जो सक्षम आचार्य हैं वो किसी की चाकरी नहीं करते हैं ,8 प्रतिशत लोग हैं जो किसी के सान्निध्य में रहकर कर्मकाण्ड करते हैं सभी अपना -अपना जीवन व्यतीत करते हैं --फिर तुम कर्मकाण्ड क्यों नहीं करना चाहते हो ,शास्त्र कहते हैं -हर व्यक्ति को दान लेना चाहिए और दान करना भी चाहिए ,शास्त्र कहते हैं -पढ़ना चाहिए और पढ़ाना चाहिए ,शास्त्र कहते हैं -यज्ञ करना चाहिए और कराना चाहिए -तभी यह सृष्टि चलती है | अपनी कमाई का दस प्रतिशत दान करने से धन शुद्ध हो जाता है -तो तुम भी ऐसा करो | यह सोचते -सोचते रात बीती ,अगले दिन एक व्यक्ति मुझको मिला जो यह जनता था कि यह विद्वान है और मेरे जैसे व्यक्ति की जरुरत थी | वजह थी चैत्र नवरात्रि का समय था किसी यजमान को शप्तशती के लोम -विलोम पाठ कराने थे -उसे इस पाठ की जानकारी नहीं थी अतः वो व्यक्ति मुझको भेजा, जब मैं पंहुचा तो मैंने देखा -पूछने वाले व्यक्ति के वदन पर ढंग के वस्त्र नहीं हैं, बीड़ी पीता है और मुझको पूछता है -तुम लोम -विलोम सप्तशती के पाठ करना जानते हो -पहले तो शकल देखकर क्रोध आया -फिर धन की जरुरत थी तो शान्त हो गया और मैंने कहा -गुरूजी बिना पुस्तक देखे आपको मैं पूरी पुस्तक सुना सकता हूँ | उन्होंने जो पूछा सभी का जबाब दिया | बोले धन तुम्हारे हिसाव से काम मेरे हिसाव से -मैंने कहा जी गुरुदेव | मेरे पाठ करने से यजमान और गुरु दोनों खुश हुए | एक दिन मुझको अपने पास बुलाया गुरु ने -जब मैं उनके पास गया तो बोले हम तुमसे खुश है ,तुम्हें जो चाहिए बोलो ----अब मुझको ऐसा लगा स्वभाव से तो अच्छे हैं पर इनका रहन -सहन मेरे योग्य नहीं है फिर भी मैंने कहा मैं पढ़ना चाहता था ,हमारी पढ़ाई रुक गयी --बोले क्या पढ़ना चाहते हो -मैना कहा बीएड करना चाहता हूँ, दिल्ली से, बोले कितना पैसा चाहिए मैंने कहा 15000 हजार बोले ये चैक लो, साथ में 51 रूपये भोजन हेतु भी लो ,इतना ही नहीं उन्होंने एक माणिक की अंगूठी स्वर्ण की दी ---आपलोग जो मेरे हाथ की अनामिका अंगुली में अंगूठी देखते हैं उन्होंने दी | अब मुझको पूर्ण विस्वास हो गया कि मेरी आत्मा की आवाज नहीं मेरे आराध्य गुरु ये हैं | ध्यान दें जब संसार परित्याग कर देता है तो सद्गुरु अपनी गोद में उठाते हैं तब परमात्मा से साक्षात्कार होता है | ----आगे की परिचर्चा कल करेंगें |--ॐ |---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 28 सितंबर 2023

सुख की वास्तविकता किसे कहें - सुनें -भाग -18 -ज्योतिषीझा मेरठ


     सुख की वास्तविकता  किसे कहें - सुनें -भाग -18 -ज्योतिषीझा मेरठ    


मेरा" कल आज और कल की सम्पूर्ण कथा सुनें -ज्योतिषी झा -मेरठ-भाग-18
--दोस्तों ज्योतिष जगत की तमाम बातों को लोग जो पढ़ते हैं वो या तो किसी के पूर्व उल्लेख हैं या कभी किसी आचार्य ने ये बातें कहीं थीं किन्तु हम आपको वर्तमान समय में अपनी कुण्डली से समस्त अपनी जीवनी को दर्शाऊँगा --जो केवल सत्य पर आधारित होगी | न लोभ से ,न द्वेष से ,न मोह से केवल जिज्ञासा से तो --सभी बातों को वीडियों के माध्यम से सुनते रहें और अपना -अपना आशीष प्रदान करते रहें ---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं |

·मेरा" कल आज और कल -पढ़ें --भाग 18-ज्योतिषी झा मेरठ



 "मेरा" कल आज और कल -पढ़ें ?---भाग -{18}-ज्योतिषी झा मेरठ

ध्यान दें -1998 तक राहु दशा भोगनी थी मुझको -जैसा स्वभाव वैसा प्रभाव मिलना निश्चित था | भाग्यं फलती सर्वत्र न विद्या न च पौरुषम "--अर्थात भाग्य ही फलता - फूलता है न कि वर्तमान की विद्या या वर्तमान का पुरुषार्थ , आपने पहले जो किया -वो अभी मिलेगा ,जो अब करेंगें - बाद में मिलेगा, यही प्रकृति का नियम है | अस्तु --माता- पिता ,दीदी -जीजा और अपने सगे मामा हमारे विरोधी हुए, कि झूठ बोलता है -इस के पास बहुत धन है |अपना अनुज जो प्यारा था ,है वो भी तिरस्कार कर दिया , साथ ही बड़े साले को बहिन की शादी के बाद घर आना था ,जिसके पास पैसे रखे थे उन्होंने जहर देकर मार दिया ,ससुर पुत्र की चिंता में चल बसे ,छोटा साला बीमारी से ऊपर चला गया, केवल सास और मेरी पतनी बची | हम मेरठ कमाने आये -पहले कुछ दिनों तक घडी का काम सीखा, हमने देखा सिखाने वाले खुद दुःखी हैं तो यह काम भी छोड़ दिया | एक जगह स्प्रींग टेम्पर की नौकरी की वो मालिक कहता था -पुलिस पूछे तो मेरा नाम मत बताना तो हमने नौकड़ी छोड़ दी | कहीं कोई कामयाबी नहीं मिल रही थी ,इसकी वजह थी -मैं मंदिर में नहीं रहना चाहता था , न ही मरने वालों का खाना, खाना चाहता था ,न ही दान लेना चाहता था -क्योंकि यह काम मेरा खानदानी नहीं था -मैं तो शिक्षक या पत्रकार या ज्ञान प्रदान का काम करना चाहता था | एक दिन एक मन्दिर के प्रांगण में- बैठकर रोने लगा ,फिर मुझको अंदर से आवाज आयी -तुम ज्ञानी हो ,पढ़े लिखे हो ,मुंबई जैसी नगरी देखी है ,रामायण ,भागवत जानते हो ,एक ज्योतिषी हो -तुम्हारे कहने से दुनिया ठीक होती है तो तुम क्यों नहीं ठीक हो सकते हो | मानो ऐसा लगा जैसे मेरे गुरु सरकार जो मेरे आराध्य गुरु थे -वो मुझको समझा रहे थे | हमारा वो ज्ञान खुला जैसे नारदमुनि जी से ध्रुवजी का खुला था ,जैसे बाल्मीकिजी ,बाबा तुलसीदासजी खुला | अब हम शतचण्डी खुद निराहार रहकर करना चाहते थे ,अब हम उन उन मन्त्रों का प्रयोग करना चाहते थे --जिन मन्त्रों की वजह से लोग संसार के तमाम चीजों की प्राप्ति करते हैं और सतगुरु की ओर बढे | ध्यान दें जब सतगुरु की कृपा होती है तो सब कुछ ठीक स्वतः होता चला जाता है | आगे की चर्चा आगे करेंगें ----- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

नूतन साल -2023 में मुस्लिम राष्ट्र के प्रभाव -पढ़ें --खगोलशास्त्री झा मेरठ


 नूतन साल -2023 में मुस्लिम राष्ट्र के प्रभाव -पढ़ें --खगोलशास्त्री झा मेरठ 

ॐ -इस वर्ष मुहर्रम मास के प्रथम दिवस 20 /07 /2023 से हिजरी सन प्रारम्भ होगा | प्रस्तुत ग्रहों के अनुसार मकर लग्न का स्वामी शनिदेव त्रग्रही योग से दृष्ट धन भाव में बैठा है | इससे अनुमान होता है -इस वर्ष -2023 +24 के पूर्व भाग तक सर्वाधिक मलेच्छ ग्रह शनि ,राहु ,मंगल ,शुक्र  एवं केतु की ही चलेगी | विश्व के अधिकांश देशों में युद्धोत्पाती उपद्रव होते रहेगें | संसार के किन्हीं देशों में चक्रवात ,भूकम्प ,असाम्यक संताप ,कुदरत की मार तथा सामाजिक द्वन्द होते रहेंगें | मन्त्री शुक्र असुरों तथा इस्लाम धर्म के अनुयायी समाज ,देशों की मदद करता रहेगा | शनि की दृष्टि उत्तर के देशों पर होने से इस देशों में तहलका मचवाता रहेगा | युद्ध किसी के रोके नहीं रुकेगा | शान्ति वार्ता विफल रहेगी | ----आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं |


2023 की विशेष भविष्यवाणी पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


  2023



की विशेष भविष्यवाणी पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ 

ॐ -श्रीसंवत -2080 की शुरुआत 20 /03 /2023 की रात्रि 22 /55 पर होगी | चैत्र कृष्णपक्ष अमावस्या दिन मंगलवार रहेगा | लग्नेश मंगल मिथुन राशि का होकर आठवें भाव में उपस्थित रहेगा  | लग्नेश का त्रिकभाव उपस्थित होना गिरावट का प्रतीक है | अतः --संसार में भय ,अशान्ति और युद्ध का वातावरण  बनेगा | कुछ देशों को अकाल ,युद्ध ,आन्तरिक कलह ,राजनीति विघटन ,प्रजा का विद्रोह ,प्राकृतिक आपदायें ,मानवजनित बीमारियों का सामना करना होगा | प्रभावशाली देश को अपने शक्तिशाली न बने रहने की सार्वभौम अस्वीकार्यता रास नहीं आयेगी | --अतः इसके लिए वह देश संसार में कहीं भी रक्तपात ,युद्ध और अशान्ति का विशेष वातावरण उत्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा | --जगत कुण्डली में भाग्य स्थान का स्वामी चन्द्रमा की युति राहु +शुक्र  के साथ छठे स्थान में बनी है --जो विशेष गिरावट का संकेत है | ग्रहचाल देखने से अनुभव होता है --इस वर्ष --2023 +24 संसार भाग्यवश परेशानी का सामना विशेष करेगा | विश्वयुद्ध की चिंगारी को आग का गोला बनते देर नहीं लगेगी | --कोई सिरफिरा परमाणु जैसे विनाशकारी अश्त्र -शस्त्रों का प्रयोग करेगा | पापग्रह शनि एवं देव ग्रह गुरु अपनी राशि में स्थित हैं --एक हानि तो एक लाभ देंगें | -----एक प्रमाण देखें --"राहोः शुक्रस्य संयोगे यदा मेशे भविष्यति ,दुर्भिक्षं जायते तत्र नात्र कार्या विचारणा "---अर्थात --मेष राशि में राहु +शुक्र के संयोग होने पर --संसार में कहीं भूखी जनता अन्न के लिए त्राहि -त्राहि मचायेगी | देश की जनता की भूख मिटाने के लिए सरकार को अनाज के आयात के लिए विशेष प्रबंध करना होगा | सरकार निर्यात नीति में बदलाव करेगी | ------एक और प्रमाण देखें --मिथुने च यदा भौमः मेघाश्च प्रबलो भवेत ,महीषिक्षु महर्घं च भवेन्नैवान्न संशयः "---अभिप्राय --मिथुन का मंगल मेघों की आवाजाही को बढ़ायेगा |  इससे कहीं ओलावृष्टि  तो कहीं अनावृष्टि  का कारण भी बनेगा  | सर्वधान्यों की कमी से भावों में वृद्धि बनी रहेगी | स्टॉक करने वाले लाभ में रहेंगें | ---राजतन्त्र का करता सूर्य पंचम भाव में गुरु के साथ संयोग बनायेगा --सरकारी व्यापारी वर्ग की परेशानियों की तरफ ध्यान देगी | वित्त विभाग की तरफ से टेक्स में राहत से व्यापारी वर्ग की खुशियां बढ़ेगी | सरकार के कर्ता -धर्ता नेता अपने बुद्धि बल से देश को समस्याओं से निकालने में सफल होंगें | विदेशी सरकारों के साथ सम्बन्धों में सुधार होगा | --कारण सूर्यदेव गुरुदेव के साथ हैं | सरकार को देश में कोई नया वैश्विक आयोजन कराने में सफलता मिलेगी|  विकास कार्यों को रफ़्तार इस सरकार में विशेष मिलेगी | दक्षिण के राज्यों में सरकार में बदलाव होगा | भारतीय राजनीति में कोई नया राजनेता का अभ्युदय होगा | आपका खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ---नववर्ष -2023 +24 की विशेष जानकारी हेतु इस लिंक पर पधारें -- https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut



खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...