"महापदम "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "
किसी भी जन्मकुण्डली में अगर छठे भाव में राहु एवं द्वादश भाव में केतु हो साथ ही सभी सातों ग्रह इनके बीच में हों तो महापदम नामक कालसर्प योग होता है । महापदम नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले जातक मानसिक परेशानियाँ बड़ी ही विलक्षण होती है । अधिकतर लोग ऐसे जातक को कलंकित एवं अपमानित करने का मौका तलाशते रहते हैं । ऐसे जातक मुसीबतों के समय घबराते नहीं हैं बल्कि कठोर साहस से परिस्थितियों का सामना करते रहते हैं अन्ततः विजयी भी बनते हैं । ऐसे जातक दूसरों की मदद को सदा आतुर रहते हैं । ऐसे जातक अक्सर मानसिक तनाव मोल खरीदते रहते हैं और इज्जत के साथ खाने पहनने की तकलीफ नहीं होती । --निदान ---ऋणमोचन स्तोत्र का पाठ एवं मृत्युंजय की उपासना करनी चाहिए जिससे शत्रुता और रोग से मुक्ति मिलती है । वैसे अपने -अपने आचार्य से परामर्श अवश्य लें । धनाभाव में ऊपर बताये हुए पाठ करें या पंचमी ,सप्तमी और चौदश तिथियों में घी का दान दक्षिणा के साथ करें । ---------------दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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