"तक्षक "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "-
"तक्षक "नामक कालसर्पयोग -जन्मकुण्डली में तब बनता है -यदि सप्तम भाव में राहु और लग्न में केतु हो साथ ही सभी सातों ग्रह इन दोनों के बीच हों । "तक्षक " नामक कालसर्प योग में जन्म लेने वाले जातक धन और स्वाभिमान के सवालों पर संघर्षशील रहते हैं । इनमें अर्थात इस योग के जातक ज्योतिषी ,राजनीतिज्ञ ,लेखक ,पत्रकार आदि अवश्य बनते हैं या ऐसी कला अवश्य होती है । किन्तु ऐसे जातक किसी भी क्षेत्र में पूर्णता से खिन्न रहते हैं । ऐसे जातक की त्याग भावना इतनी प्रबल होती है कि पलक झपकते ही सबकुछ त्यागकर कहीं भी पलायित हो सकते हैं । स्त्री पक्ष से पुरुष वर्ग का और पुरुष पक्ष से महिला वर्ग का खूब लगाव होता है परन्तु मूड बिगड़ जानें पर स्त्री पुरुष से पुरुष स्त्री से बगावत भी कर बैठते हैं । ---निदान -वैसे अपने आचार्य से अवश्य कुण्डली का ज्ञात करें और उनका सुझाव मानें शास्त सम्मत उपाय गौरी +गणेश की उपासना से लाभ मिलेगा । सूर्य की उपासना से भी लाभ मिलेगा । धनाभाव में -प्रत्येक ,पंचमी ,सप्तमी ,नवमी एवं चतुर्दशी को -लालफूल या लाल वस्तु गौरी या गणेशजी को अर्पण करें । देविशुक्त का पथ इन तिथियों में करने से लाभ मिलेगा । ----- ------दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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