" पदम "नामक कालसर्पयोग क्या होता है -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "
किसी भी जन्मकुण्डली में राहु यदि पंचमभाव में हो और केतु एकादशभाव में हो साथ ही सभी सातों ग्रह इनके मध्य में हों -तो शास्त्रकारों नें इस योग का नाम पदम नामक कालसर्पयोग कहा है । इस पदम नामक कालसर्पयोग में जन्म लेनें वाले जातक बुद्धिमान ,परिश्रमी ,इज्जतदार ,स्नेहशील एवं सतत उद्यमी रहते हैं । किन्तु अपने द्वारा अर्जित धन से नाखुश भी रहते हैं तभी तो इस योग के जातक अत्यधिक कामनाओं की पूर्ति हेतु तत्पर सदा रहते हैं । दूसरों के लिए ऐसे जातक सदा जीते हैं और जो दूसरों को निर्णय देते हैं उससे लाभ अवश्य मिलता है । परन्तु निजी कर्मों के लिए किया गया खुद का निर्णय हानिकारक होता है । ऐसे योग के जातक विशेषतर बड़े लोगों के शत्रु तो प्रेमी भी होते रहते हैं । इस योग के जातक प्रेम के क्षेत्र में प्रेमी से केवल हार मानते हैं । ---निदान ---माँ सरस्वती की उपासना से शिक्षा सुन्दर होगी ,संतान उत्तम होगी आय में बाधा नहीं आएगी । वैसे अपने आचार्य से परामर्श लेना चाहिए कुण्डली का । धनाभाव में -काष्ठ या शिक्षा की चीजों का दान पंचमी को भूदेव को देने लाभ मिलता है । -----------ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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