ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

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ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

सेनापति "मंगल-ग्रह"स्त्रियों के प्रिय भी है -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ




      सेनापति "मंगल-ग्रह"स्त्रियों के प्रिय भी है -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ 

पृथ्वी ,रसा, गंधा,रत्नगर्भा ,वीर ,प्रसू एवं सर्वसहायक सर्व -मंगला नाम से विख्यात है -मंगल ग्रह । पौराणिक कथा है कि जब पृथ्वी को पिता ब्रह्मा ने पुत्र रूप में मेढक को दिया ,तो पृथ्वी का कष्ट और बढ़ गया तब विधाता ने मेढक को मानव रूप में बदल दिया ,पृथ्वी का उलाहना कष्ट तो मिट गया किन्तु मेढक मानव का नाम भौमासुर हुआ ,उसने अपने अत्याचारों से पृथ्वी -मंडल को मथ डाला अर्थात त्रसित -पीड़ित कर डाला ,तब पृथ्वी ने फिर ब्रह्मदेव से पुकार की । --इसबार पिता ब्रह्मा ने भौम नाम का एक पुत्र और दिया और कहा "पुत्री "यह भौम भौमासुर की तरह किसी को कष्ट नहीं देगा । पृथ्वी पर सबको सुख प्रदान करेगा ,सबके दुःखों को हर लेगा ,इसे पुरुष ही नहीं स्त्री भी स्नेह करेंगी साथ ही अपने शीश पर बिताएंगी । इसलिए आज भी मंगलसूत्र नाम का आभूषण नारियों के सुहाग का प्रतीक बना हुआ है ।यही वो भौम {मंगल }है जो धर्म और मर्यादा ,धर्म और सत्य के लिए संसार के पृथ्वी जगत में विहार करता है । --अस्तु --मंगल दक्षिण दिशा का स्वामी ,पुरुष जाति ,पित्त -प्रकृति ,रक्त वर्ण और अग्नितत्व है । यह स्वभाव से पापी ग्रह है ,धैर्य एवं पराक्रम का स्वामी है । तीसरे और छठे स्थान में बली दूसरे स्थान में निष्फल होता है । दशम भाव में दिग्बली और चन्द्रमा के साथ चेष्टाबली होता है । भाई -बंधुओं का कारक एवं शास्त्रीय नाम -अस्र ,आर ,कुंज ,भौम ,वक्र ,अंगार ,अराल ,अरुण ,इराज ,कुपुत्र ,क्षमा ,जन्मा ,रोहित ,लोहित ,अवनीभू और विपुलातनुजात है । ----ज्योतिषाचार्यों के मत से मंगल सेनापत्ति ,नेता ,अधिपति ,देवता और बलविक्रम का प्रतिनिधि करने वाला ग्रह कहलाता है । मंगल युद्ध का निर्झर है ,शक्ति का विधाता है ,तरुणाई का मूलाधार है ,भयानकता और क्रूरता का खजाना है । अतिचपल एवं चंचल है ,देश प्रेम और साहस का निधि है । इसे विजय का सेतु भी कहा जाता है । एक राशि पर डेढ़ मास रहता है ,इसकी स्वराशि -1 +8 है  मकर में उच्च एवं कर्क में नीच का माना जाता है । मित्र -सूर्य ,चन्द्र और गुरु हैं । चतुर्थ, सप्तमऔर अष्टम  भावों पर पूर्ण दृष्टि रखता है । यह अनैतिक प्रेम करने वाला भी है ,पुलिस ,सेना ,शास्त्रागार ,शल्योपचार जातक को बनाता है । इसके अनुयायी चोर भी होते हैं ,अधिकार को मुठ्ठी में रखने वाला ,और आदेश का पालन कराने वाला बनाता है । साथ ही इन तमाम बातों के बाद मंगल ग्रह से युक्त जातकों को राजनीति में प्रवेश करके नेतृत्व भी करने वाला बनाता है ।-- आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें ---https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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