ज्योतिष का सम्राट "सूर्य "पढ़ें --ज्योतिषी झा "मेरठ "
सूर्य विश्व का सम्राट है ,तेजस्विता और ओज का प्रतीक है । सभी के जीवन पर अपना प्रभाव रखता है । रक्त और व्यक्ति के रक्त प्रवाह पर अपना अनुशासन रखता है । सूर्य की राजसी प्रवृत्ति है --सिंह राशि के लोग अपमान सहन नहीं करते हैं ,उदासीनता इन्हें पसंद नहीं ,प्रतिष्ठा में अपना पूर्ण भाग चाहते हैं । सिंह राशि के जातक तड़क -भड़क का प्रेमी होता है और छोटी -छोटी बातें भी बड़े शिष्टाचार से बोली जाय ,साथ ही सम्मान ,संपत्ति ,धन -दौलत एवं आदर -सत्कार में अपनी सर्वाधिक प्रतिष्ठा चाहते हैं । वो राजसी भोजन तथा भव्य परिवेश को अधिक पसंद करते हैं । अपने साथ अनुयायी वर्ग रखना उन्हें अच्छा लगता है । वो चापलूसी पसंद करते हैं एवं अपने अत्यधिक चाटुकारों को बड़े -बड़े उपहार देने में तनिक भी संकोच नहीं करते हैं । -----अस्तु ---सूर्य ग्रह की राशि वाले लोग तत्काल क्रोध में आ जाते हैं ,किन्तु उतनी जल्दी ही चापलूसी सम्मान से शांत भी हो जाते हैं -परन्तु आसानी से जल्दी क्षमा नहीं करते हैं । वास्तविक में सूर्य ग्रह पुरुष जाति रक्त वर्ण ,पित्त- प्रकृति एवं पूर्व दिशा का स्वामी है जिस कारण इस राशि के जातक इन तमान गुण से युक्त अवश्य होते हैं । यह आत्मा ,आरोग्य ,स्वभाव ,राज्य ,देवालय का सूचक एवं पितृकारक है । सिंह राशि के लोगों को मंदाग्नि ,अतिसार ,सिरदर्द ,क्षय ,मानसिक रोग ,नेत्र विकार ,उदासी ,शक ,कलह ,अपमान ,इन तमाम बातों के घेरे में आना अवश्य पड़ता है । सिंह राशि के जातक का सूर्य जितना उत्तम होगा उतना ही इस राशि के जातकों के -मेरुदण्ड ,स्नायु ,कलेजा ,नेत्रादि अवयव मजबूत होंगें । सिंह राशि के जातक एक सक्षम अभिभावक सूर्य की सही स्थिति होने पर ही होते हैं अन्यथा पिता -पुत्र सुख से वंचित रहते हैं । --ध्यान दें -सूर्य लग्न से सप्तम स्थान में बली तथा मकर राशि से 6 राशियों तक चेष्टाबली होता है -और सूर्य को पापग्रह माना जाता है । -----दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें ---https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut |आपका - ज्योतिषी झा "मेरठ -झंझारपुर ,मुम्बई

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