मैथिली भाषा -लोकगीत -राति छलि असगर श्रृंगार केने सूतली -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
सोमवार, 6 नवंबर 2023
मैथिली भाषा -लोकगीत -राति छलि असगर श्रृंगार केने सूतली -ज्योतिषी झा मेरठ
मैथिली भाषा -लोकगीत -राति छलि असगर श्रृंगार केने सूतली -ज्योतिषी झा मेरठ
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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वैदिक शान्ति पाठ सुनें !ज्योतिषी "झा "मेरठ"
वैदिक शान्ति पाठ सुनें !ज्योतिषी "झा "मेरठ"---दोस्तों - सनातन धर्म को मानने वाले ,संसार के किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत वैदिक शान्ति पाठ के बिना नहीं प्रायः करते हैं । तो हम भला ज्योतिष के पूरक वेद के बिना ज्योतिषी कैसे बन सकते हैं । या ज्योतिष के बारे में कैसे लिख सकते हैं ---फिर भले ही बताएं ज्योतिष परन्तु निदान तो कर्मकाण्ड के द्वारा ही मिलेगा ---तो सुनिए हमारी वैदिक परम्परा के शान्ति के पाठ ।
----- - ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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आत्मकथा में पहले ठीक से मुझको समझना होगा-पढ़ें - भाग -69 ज्योतिषी झा मेरठ
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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दीपावली की रात्र तंत्रशास्त्र की महारात्रि होती है--पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ
दीपावली की रात्र तंत्रशास्त्र की महारात्रि होती है--पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ
भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे.-दीपावली की रात्र को तंत्रशास्त्र की महारात्रि होती है।... इस दिन तंत्र-मंत्र/टोन टोटके का प्रयोग अनेक व्यक्ति ईर्ष्या के कारण रिश्तेदार/मित्र/शत्रु के अनिष्ट के लिए करते है। दीपावली को लड़कियों को बाल खोल कर नहीं रखने चाहिए क्योकि इससे तंत्र मन्त्र प्रभाव उन पर जरूर होता है। दीपावली को व्यक्ति को अपने पास मोर पंख भी रखना चाहिए इससे तंत्र मन्त्र का प्रभाव कम होता है.हनुमानजी अजर-अमर व कलियुग में भी भक्तों के आस-पास रहते हैं दीपावली की रात को शुद्ध पारद हनुमान जी संजीविनी ब्यूटी लिए हुए मूर्ति के सामने पर लौंग डालकर दीपक प्रज्वलित करके परिवार के साथ हनुमान चालीसा, हनुमत अष्टक व बजरंग बाण का पाठ करने से घर मे किसी भी तंत्र मन्त्र के प्रभाव, पुरानी बीमारी व कर्जे से बाहर निकलने का मार्ग मिलता है.क्योकि पारद एक जीवंत धातु है और जिस प्रकार संजीवनी बूटी से लक्मण जी को तुरंत होश आकर पहले से भी अधिक शक्ति आ गयी थी उसी प्रकार कार्य स्थान/घर पर ये मूर्ति रखने से परेशानी से निकलने का मार्ग मिलता है।आप हनुमान जी की संजीवनी बूटी उठाई हुई शुद्ध पारद मूर्ति का ठीक से निरक्षण कर खरीदें . आजकल बाजार मे रांगे/गिलट को पारद बता कर बेच देते है, शुद्ध पारद वस्तु की जांच करने के लिए उस पर थोड़ा सा तरल पारद रखे, असली पारद वस्तु पर वह चिपक जायगा व पारद सामान मे चमक आ जायगी, नकली पारद (रांगा/गिलेट) पर नहीं चिपकेगा----ॐ ---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com
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दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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रविवार, 5 नवंबर 2023
शिवताण्डव स्तोत्र देखें और सुनें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
शिवताण्डव स्तोत्र देखें और सुनें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
भोले शिव को बिना साज सुंदर आवाज से भी खुश कर सकते हैं -जरा इस शिव ताण्डव स्तोत्र को सुनें ---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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मेरी कुण्डली में 2014 से शनि की दशा चालू है -पढ़ें - भाग -68 ज्योतिषी झा मेरठ
मेरा" कल आज और कल -पढ़ें - भाग -68 ज्योतिषी झा मेरठ
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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स्तोत्र यानि -स्तुति ,प्रार्थना ,निवेदन सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
स्तोत्र यानि -स्तुति ,प्रार्थना ,निवेदन सुनें !"ज्योतिषी झा मेरठ ",झंझारपुर ,मुम्बई"दोस्तों -कर्मकाण्ड जगत में स्तुति से किसी भी देवता को रिझा सकते हैं ,मना सकते हैं -केवल भाव और स्वरों से श्रद्धा के साथ तो इस स्तुति को सुनें और आप हमसे बेहतर गायें --------- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है-पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ
धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है-पढ़ें ?
धनतेरस के दिन{अहर्निशं } लक्ष्मी – गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। पर इस दिन सबसे महत्वपूर्ण पूजा होती है स्वास्थ्य और औषधियों के देवता धनवन्तरी की। इन सभी पूजाओं को घर में करने से स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है। इस दिन लोग अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कामना करते हैं। इसके लिए इस दिन धनवन्तरी की पूजा की जाती है। इसके लिए अपने घर के पूजा गृह में जाकर ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। ऐसा करने बाद स्वास्थ्य के भगवान धनवंतरी से अच्छी सेहत की कामना करें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन धनवन्तरी की पूजा करने से स्वास्थ्य सही रहता हैा धनवन्तरी की पूजा के बाद यह जरूरी है कि लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाए। इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को दिया अर्पित करें और धूपबत्ती चढ़ायें। इसके बाद गणेश जी के चरणों में फूल अर्पण करें और मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद इसी तरह लक्ष्मी पूजन करें। इसके अलावा इस दिन धनतेरस पूजन भी किया जाता है और कुबीर देवता की पूजा की जाती है। धनतेरस पूजन के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पट्टा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बना ---इसके बाद इस पर एक तेल का दिया जला कर रख दें----दिये को किसी चीज से ढक दें--दिये के आस पास तीन बार गंगा जल छिड़कें---इसके बाद दीपक पर रोली का तिलक लगाएं और साथ चावल का भी तिलक लगाएं---इसके बाद दीपक में थोड़ी सी मिठाई डालकर मीठे का भोग लगाएं--फिर दीपक में 1 रुपया रखें। रुपए चढ़ाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी को अर्पण करें--इसके बाद दीपक को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें और परिवार के लोगों से भी आशीर्वाद लेने को कहें।---इसके बाद यह दिया अपने घर के मुख्य द्वार पर रख दें,----- ध्यान रखे कि दिया दक्षिण दिशा की ओर रखा हो। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन तीनों पूजन के समापन से घर में लक्ष्मी सदैव विद्यमान रहती हैं और स्वास्थ्य बेहतर रहता है।------ ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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शिवपंचाक्षर स्तुति सुनें -खगोलशास्त्री झा "मेरठ "
शिवपंचाक्षर स्तुति सुनें -खगोलशास्त्री झा "मेरठ "यह शिवपंचाक्षर यानि ॐ नमः शिवाय इन अक्षरों के ऊपर ही स्तुति बनायी | बनाने वाले श्रीआदिशंकराचार्य थे | यह संस्कृत भाषा में है अति सरल और सुगम है जिसे कोई भी गा सकता है | तो सुनें और नित्य गाये शिव को प्रसन्न करें |---आपका ज्योतिषी झा मेरठ ,झंझारपुर और मुम्बई से -पत्ता किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ |---आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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शनिवार, 4 नवंबर 2023
अब यह कथा एक किताब का प्रारूप ले चुकी है --पढ़ें - भाग -67 ज्योतिषी झा मेरठ
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कनकधारा स्त्रोत्र सुनें -खगोलशास्त्री झा मेरठ
दोस्तों -हमें हिन्दी भाषा शुद्ध -शुद्ध लिखनी या बोलनी आज भी नहीं आती है | हिन्दी भाषा सीखने के लिए मैं किसी कक्षा में नहीं गया बल्कि लोग ,पत्रिका ,अख़बार में क्या और किस प्रकार से लिखते या बोलते हैं --इस प्रक्रिया से हिन्दी सीखने का प्रयास किया था | --इसी प्रकार से बहुत सी सुतियाँ हमें याद नहीं थी तो अपने बालक को सिखाते -सिखाते ही हमने याद किया मेरी उम्र थी -48 वर्ष ,साथ ही पिता होने के नाते विद्या का प्रचार और प्रसार करना भी शिक्षक का धर्म होता है तो सुनें कनकधारा स्तोत्र भाषा संस्कारित है --रचनाकार स्वयं श्री आदि शंकराचार्य हैं |
---आपका -खगोलशास्त्री झा मेरठ --ज्योतिष से सम्बंधित सभी लेख इस पेज https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut में उपलब्ध हैं |
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दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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2010 से -नेट की दुनिया में हमने जो कुछ भी लिखा या बोला था -पढ़ें - भाग -66 ज्योतिषी झा मेरठ
" कल आज और कल -पढ़ें - भाग -66 ज्योतिषी झा मेरठ
खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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धनतेरस यानि "भगवान धन्वंतरि" के दिन क्या करें -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
धनतेरस यानि "भगवान धन्वंतरि" के दिन क्या करें -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए *धनतेरस* का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस के संदर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु की गोद में सुलाते समय तुम्हारे मन में कभी दया का भाव नहीं आता क्या?
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शुक्रवार, 3 नवंबर 2023
जीवन का छट्ठा सुख "सुपुत्र सुख "--सुनें ---?- ज्योतिषी झा मेरठ
जीवन का छट्ठा सुख "सुपुत्र सुख "--सुनें -
--?- ज्योतिषी झा मेरठ
--दोस्तों --किसी भी व्यक्ति का सुन्दर जीवन - धन ,आरोग्य ,सुन्दर पतनी और सुन्दर सु पुत्र इन सुखों पर निर्भर करता है --इसीलिए-- अर्था गमो नित्य मरोगिताच ,प्रिया च भार्या ,प्रिय वादिनी च वसस्य पुत्रोर्थ शडि च विद्या षड जीवने केषु सुखानि राजनः --कहा गया है | ---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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"अपने विवेक का सतत उपयोग करें --पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ
"अपने विवेक का सतत उपयोग करें ?"--पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ
------भाव -मनुष्यों के बंधन और मोक्ष का कारण उनका मन ही है ।अतः विवेक रूपी मन का प्रयोग से मोक्ष मिल सकता है । अविवेकी होकर बन्धनों के पाश में जकड़े ही रहते हैं ।।
{२} -नासमीक्ष्य परं स्थानं पुर्वमायतनं त्यजेत ?-
----भाव -दूसरा स्थान देखे बिना पहला स्थान नहीं छोड़ना चाहिए ।अर्थात --हमलोग किसी भी प्रलोभन में बहुत जल्दी उलझ जाते हैं --अतः विवेक से पथ का चयन करें ।
{३}-लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पणः किं करिष्यति ?
----भाव -आँखों से रहित व्यक्ति को दर्पण क्या लाभ पहुंचा सकता है ।-अर्थात किसी भी बात को विवेक से समझे बिना प्रत्युत्तर न दें ।।
-----{४}-यांचा मोघा वरमाधिगुने नाधमे लाभ्धकामा ।
-----भाव -सज्जन से निष्फल याचना भी अच्छी,किन्तु नीच से सफल याचना भी अच्छी नहीं --अर्थात -हमें मागना अच्छे लोगों से चाहिए चाहे मिले या न मिले ,किन्तु बुरे लोगों से मांगने से कुछ मिल भी जाये तो प्रसन्न नहीं होना चाहिए ।।
-----प्रियेषु सौभाग्य फला ही चारुता ?
---भाव --सुदरता प्रिय को प्रसन्न करने पर ही सार्थक है । अर्थात --- सुदरता की उपमा केवल साहित्य में प्रियतमा के लिए है ,यद्यपि सुन्दरता सबको प्रिय है ,परन्तु किसी भी सुदरता से प्रियतमा प्रसन्न हो जाये -तो आपकी सुन्दरता सार्थक है ।।
----आपदि स्फुरति प्रज्ञा यस्य धीरः स एव ही ?
----भाव --आपत्ति के समय जिसकी बुद्धि स्फुरित होती है ,वही धैर्यवान है----अर्थात आपत्ति के समय जो विवेक से काम लेते हैं,बिचलित नहीं होते हैं ,वही व्यक्ति विवेकवान होते हैं ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा- किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ {उत्तर प्रदेश }--ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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जब मुझे ज्योतिष और कर्मकाण्ड रूपी ज्ञान का सही अनुभव हुआ -पढ़ें- भाग -65 ज्योतिषी झा मेरठ
" कल आज और कल -पढ़ें - भाग -65 ज्योतिषी झा मेरठ
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दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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गुरुवार, 2 नवंबर 2023
जीवन का सर्वोत्तम सुख "सुन्दर दाम्पत्य "--सुनें --?- ज्योतिषी झा मेरठ
जीवन का सर्वोत्तम सुख "सुन्दर दाम्पत्य "--सुनें --?- ज्योतिषी झा मेरठ-दोस्तों --किसी भी व्यक्ति का जीवन दाम्पत्य सुख पर निर्भर करता है --इसीलिए-- प्रिया च भार्या ,प्रिय वादिनी च --कहा गया है | ---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है-पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है-पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
धनतेरस के दिन{अहर्निशं } लक्ष्मी – गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। पर इस दिन सबसे महत्वपूर्ण पूजा होती है स्वास्थ्य और औषधियों के देवता धनवन्तरी की। इन सभी पूजाओं को घर में करने से स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है। इस दिन लोग अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कामना करते हैं। इसके लिए इस दिन धनवन्तरी की पूजा की जाती है। इसके लिए अपने घर के पूजा गृह में जाकर ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। ऐसा करने बाद स्वास्थ्य के भगवान धनवंतरी से अच्छी सेहत की कामना करें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन धनवन्तरी की पूजा करने से स्वास्थ्य सही रहता हैा धनवन्तरी की पूजा के बाद यह जरूरी है कि लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाए। इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को दिया अर्पित करें और धूपबत्ती चढ़ायें। इसके बाद गणेश जी के चरणों में फूल अर्पण करें और मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद इसी तरह लक्ष्मी पूजन करें। इसके अलावा इस दिन धनतेरस पूजन भी किया जाता है और कुबीर देवता की पूजा की जाती है। धनतेरस पूजन के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पट्टा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बना ---इसके बाद इस पर एक तेल का दिया जला कर रख दें----दिये को किसी चीज से ढक दें--दिये के आस पास तीन बार गंगा जल छिड़कें---इसके बाद दीपक पर रोली का तिलक लगाएं और साथ चावल का भी तिलक लगाएं---इसके बाद दीपक में थोड़ी सी मिठाई डालकर मीठे का भोग लगाएं--फिर दीपक में 1 रुपया रखें। रुपए चढ़ाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी को अर्पण करें--इसके बाद दीपक को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें और परिवार के लोगों से भी आशीर्वाद लेने को कहें।---इसके बाद यह दिया अपने घर के मुख्य द्वार पर रख दें,----- ध्यान रखे कि दिया दक्षिण दिशा की ओर रखा हो। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन तीनों पूजन के समापन से घर में लक्ष्मी सदैव विद्यमान रहती हैं और स्वास्थ्य बेहतर रहता है।------ ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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जीवन क्या है निर्झर है मस्ती ही इसका पानी है--पढ़ें भाग -64-ज्योतिषी झा मेरठ
जीवन क्या है निर्झर है मस्ती ही इसका पानी है --श्री निरालाजी की यह उक्ति कभी पढ़ी थी पर जीवन जीना इतना सहज भी नहीं होता है | मैं अपने जीवन में कर्मक्षेत्र और पिता से सम्बन्ध के बारे में इतना कह सकता हूँ -सौ प्रतिशत निभाने का प्रयास किया है | क्योंकि मेरी कुण्डली में उच्च का चन्द्रमा कर्मक्षेत्र में है एवं सूर्यदेव स्वराशि के लग्न में हैं| एक शास्त्री होने के नाते धर्म सम्मत जो कार्य मुझे करने चाहिए वही किया है --इस कारण से बड़े -बड़े यजमानों को खो दिए हैं --क्योंकि यजमान बनाते तो मन्दिर हैं ,कराते तो पूजा पाठ ही हैं ,मानते तो ज्योतिष को ही हैं पर आचरण ,व्यवहार में बहुत अन्तर होता है | आज के समय कोई भी व्यक्ति अपने स्वार्थ सिद्ध हेतु चाहे भूदेव हों ,भगवान हों कोई यह कह दे ये चढाने से या ये खिलाने से ये लाभ होंगें --तो बिना देर किये ,बिना बुद्धि का उपयोग किये झट कर देगा --इससे किसी की हानि हो कोई मतलब नहीं --ऐसी स्थिति में भी धर्म को निभाने की भरसक कोशिश की है --इसका परिणाम यह हुआ धन की दुनिया में जहाँ हमें होना चाहिए --हम वहां नहीं पहुंच पाए --मुझे तो इस बात का गर्व है --पर हम अकेले नहीं हैं ,हमारे भी परिजन हैं --इसकी वजह से उन्हें दुःख सहने पड़ें --चाहे पुत्री हो या पतनी | --वैसे सम्बन्ध की बात करें तो सभी हैं ,ससुराल पक्ष में भले ही ससुर -साले शीघ्र चल बसे --पर अकेली सास ने समस्त जिम्मेदारी को निभाती रही हैं --कभी भी मुझे वीरान ससुराल महसूस नहीं हुआ | मेरा एक अनुज जब हम 18 वर्ष के थे तो चल बसा --यह नाता ऐसा रहा --ज्योतिष की खोज इस कारण से की ,आज जहाँ हूँ मेरी ज्योतिष प्रेरणा के श्रोत यह अनुज ही रहा -अतः मेरे ह्रदय पटल पर निरन्तर रहता है| हमने कभी भी अपनी कुण्डली पर उतना मंथन नहीं किया जितना अनुज की कुण्डली के लिए किया | दूसरा जो सर्वोतर सम्बन्ध ह्रदय पटल पर रहा वो पिता रहे --यह सम्बन्ध ऐसा था दिखने में कहीं पर या कहीं से महसूस नहीं किया जा सकता था --पर पिता मेरे लिए सबकुछ थे ,मेरे पिता को तनिक भी तकलीफ न हो ,मेरे पिता की शान कैसे बढ़े ,उनकी उन्नति कैसे हो यह प्रयास जीवन भर रहा --इसका एक उदहारण देना चाहता हूँ --जब पिता दिवंगत हुए तो मातृभूमि पर अनुज था ,उसके परिजन मेरठ में थे ,हम भी मेरठ में थे --दाह संस्कार की बात आयी तो मेरे बिना संभव नहीं था --पर हमने वही धर्म निभाया --जिससे पिता की आत्मा को शान्ति मिलती | सभी परिजन बोले तुम्हारे बिना दाहसंस्कार संभव नहीं है ----हमने कहा एक भाई दाहसंस्कार करें --दूसरा भाई जो मैं बहुत दूर था -अनुज के परिजनों को एवं अपने परिवार को लेकर घर देर से पहंचा ,जबकि हम दोनों भाई की शत्रुता सदियों से थी ,आजतक मुझे अपने अनुज का घर का पता नहीं है ,अनुज का नंबर मेरे पास नहीं है --फिर भी मैं वही धर्म निभाया जो शास्त्र सम्मत थे | आज मैं अगर शिक्षाविद हूँ तो पिता की देने है ,वो मेरे पिता ही थे अपने हृदय पर पथ्थर रखकर आश्रम में इसलिए दे आये --किसी तरह से मैं शिक्षाविद बनू ,मेरे पिता गरीब थे चाहते तो मजदूरी कराते पर बोले धन नहीं मेरा पुत्र विद्वान हो ,मेरठ लाने वाले व्यक्ति भी मेरे पिता के अनुयायी थे ---इतना पिता का मुझपर स्नेह था --पर मेरी कुण्डली में शुक्र कर्मेश है जो धन के क्षेत्र में नीच का है ,पिता की कुण्डली में शनि की दृष्ट्रि धन के क्षेत्र में थी -और भी बहुत से कारण थे --यद्पि सफलता मुझे पिता के सहयोग से नहीं मिली ,यद्पि इन तमाम बातों को ज्योतिष के माध्यम से जब समझ में आयी तबतक पिता भी चल बसे थे | हम पिता पुत्र जब एकत्र होते थे तो बहुत युद्ध होता था --पर मेरे बिना पिता अधूरे थे पिता के बिना मैं अधूरा था | पिताने मेरे जीवन को नरक भी बना दिया --क्योंकि वो मुझे अपने में समाना चाहते थे --मैं उन्हें अपने जैसा बनाना चाहता था -मेरे अपने बच्चे थे जिनको देखकर मुझे चलना था ,पिता के अपने परिजन थे जो मुझे लूटते थे | इन तमाम बातों के बावयुद भी पिता को मैं खोना नहीं चाहता था --उनका जाने का गम आज भी है और आजीवन रहेगा | मेरे जीवन में ये पिता रूपी पाश सदा रहती है---चाहकर भी हटती नहीं है | --अब आगे 2019 की चर्चा अगले भाग में करूँगा | आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut-
आत्मकथा क्यों लिखी या बोली सुनें -ज्योतिषी झा मेरठ
दोस्तों आत्मकथा एक सोपान हैं | प्रथम सोपान एक से तैतीस भाग तक ,दूसरा सोपान तैतीस भाग से बानवें भाग तक और अन्तिम सोपान बानवें भाग से अन्त तक -इसके बारे में कुछ कहना चाहता हूँ सुनें --आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ
मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ
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ॐ --पाकिस्तान --की कुण्डली में मेष लग्न उदित है | अप्रैल से सितम्बर -2025 में पाकिस्तान अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति असमंजस्य और आतंरिक ,राजनैतिक ...
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ॐ --संवत -2082 ब्रिटेन के समाज और ब्रिटिश राजनीति के लिए अशुभ संकेत है | जुलाई -2025 -के उपरान्त अंग्रेजी राजनीति एवं कूटनीति में बदलाव प्रक...










