अंग्रेजी मास "मार्च "की रचना कैसे हुई -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
-----यूँ
तो सबकी संस्कृति और संस्कार अपने -अपने अनुकूल होते हैं --किन्तु किसी भी
विशेष कार्य में देवताओं का अनुशरण चाहे रोमन जगत हो या आंग्ल भाषा हो
वहाँ भी देखने को ये बात मिलती है ।
भारतीय संस्कृति में किसी कार्य में मंगलाचरण अवश्य ही होता है परन्तु रोमन जगत में भी यह संस्कृति देखने को मिलती है ।
-------अस्तु
------मार्च ---मास की रचना रोमन के एक देवता का नाम मार्स था । वो देवता
युद्ध का प्रतीक माना जाता था । उसी के गुणों के आधार पर वर्ष के तीसरे
मास का नाम "मार्च " रखा गया ।
-ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक झा
शास्त्री मेरठ उत्तर पदेश {भारत }-ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त
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