ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

सोमवार, 3 फ़रवरी 2025

राष्ट्रिय जनता दल -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 पढ़ें -खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ राष्ट्रिय जनता दल के प्रभावी राजनेता  श्री तेजस्वी यादवजी की तुला राशि है ,जिनका इस दल से सामंजस्य बना हुआ है | वर्ष प्रवेश -2025 +26 कुण्डली में शुक्र चार ग्रहों के साथ अष्टम भाव में स्थित है | जिसके फलस्वरूप पार्टी को दुश्मनों के कुचक्र से बाहर निकलने में समय लगेगा | पार्टी अपने प्रभाव का विस्तार करने में असफल सिद्ध होगी | आने वाले चुनावों में पार्टी अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने में असफल सिद्धि होगी | कोई बड़ा नेता दलबदल का शिकार हो सकता है | विरोधी दल इस वर्ष -2025 +26  भी आप पर भारी रहने की रणनीति में कामयाब रहेगी | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     



आम आदमी पार्टी -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 पढ़ें --खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ --पार्टी के सर्वे सर्वा -श्री अरविन्द केजरीवालजी  - -की जन्म कुण्डली बारहवें भाव में मंगल +शनि का योग आपके हित में नहीं है | गोचर ग्रहानुसार इस वर्ष पार्टी पर पकड़ कुछ कमजोर पड़ेगी | नये नेता का उभार इन्हें परेशान करेगा | भष्टाचार के छीटें से बचाव करना असंभव प्रतीत हो रहा है | न्याय पाने के लिए अदालतों का चक्कर इस वर्ष भी पीछा करेगा | पार्टी की स्थिति इस वर्ष कमजोर रहेगी | नये राज्यों में विस्तार की नीति को झटका लगेगा | पार्टी के नेता अपना अलग गुट बनाकर चुनाव लड़ने पर भी विचार करेंगें | -----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

समाजवादी पार्टी -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 - पढ़ें-खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ --वर्तमान में पार्टी के सर्वेसर्वा श्री अखिलेश यादवजी की मेष राशि है | पार्टी की कुम्भ राशि --जिसका स्वामी शनि वर्ष -2025 +26 -प्रवेश कुण्डली में स्वराशि का होकर सप्तम स्थान में विराजमान है | पार्टी को मिलजुलकर आगे बढ़ने में ही समझदारी है | गठबंधन धर्म निभाना पार्टी के हितों के लिए अच्छा रहेगा | राज्य की राजनीति में इस वर्ष -2025 +26 में इस प्रभाव तथा बोट  बैंक दोनों बढ़ेंगें | अकेले चलने में अवनति होगी | पार्टी सत्तालोलुप नेता की छवि से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए | श्री अखिलेश यादव जी अपनी पार्टी को देश के अन्य राज्यों में भी फैलाने का असफल प्रयास करते नजर आयेंगें | भाग्य से इस वर्ष -2025 +26 कोई जैकपोट इनके नाम हो सकता है | भष्टाचारी तथा जातिवादी नेता इनकी छवि बिगाड़ने का पूरा प्रयास करेंगें | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


शुक्रवार, 31 जनवरी 2025

कांग्रेस आई का प्रभाव -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 -पढ़ें -खगोलशास्त्री- ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ  भारतीय कांग्रेस आई -2025 +26 ---इस पार्टी का प्रमुख चेहरा श्रीमति सोनिया गाँधी जी का पार्टी में हस्तक्षेप इस वर्ष -2025 +26 में उत्तरोत्तर घटता जायेगा | श्री राहुल गांधीजी पार्टी के प्रमुख सर्वमान्य नेता के रूप में उभरेंगें | पार्टी के सर्वे सर्वा श्री राहुल गांधीजी की तुला राशि है | वर्ष प्रवेश कुण्डली के अनुसार तुला राशि का स्वामी शुक्र अष्टम स्थान में चार ग्रहों के साथ विकल है | अष्टम स्थान अचानक होने वाली घटनाओं को माना जाता है |  श्री राहुल गांधीजी को इस वर्ष -2025 +26 में बड़ी सफलता दिलाने में सक्षम होगा | इनके कुछ पुराने साथी पार्टी छोड़कर चले जायेंगें | पार्टी का केन्द्रीय राजनीति में जनाधार बढ़ेगा | श्री मल्लिका खड़गे जी के लिए इस वर्ष -2025 =26 की ग्रह स्थिति अनुकूल नहीं है | कुछ अवसरों पर इन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ेगा | पार्टी को दक्षिण भारत में कुछ स्थानों पर खड़गे जी के नेतृत्व में सफलता मिलेगी | ---ध्यान दें --श्री राहुल गांधीजी के लिए दिल्ली का सिंहासन अनुकूल नहीं रहेगा साथ ही सम्पूर्ण भारत में वर्चस्व बढ़ेगा --इसका भाव है --अभी चन्द्रमा की दशा चल रही है --चन्द्रमा नीच का है अतः --उचित बात भी अनुचित बन जाया करेगी | 2028 के बाद अनुकूल समय आयेगा --जब मंगल की दशा प्रारम्भ होगी | ---भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


गुरुवार, 30 जनवरी 2025

भारतीय जनता पार्टी -ज्योतिष विशेष -2025 -पढ़ें -खगोल शास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ -तीसरी बार भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री पद की शपथ स्वीकार करने वाले --महाभाग- श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदीजी  दूसरे प्रधानमंत्री हैं | आपके शपथ ग्रहण के अवसर 09 /06 /2024 रविवार शाम 07 /23 पर वृश्चिक लग्न की जन्म कुण्डली बनी है | रविवार को राहुकाल शाम 4 /30 से 6 /00 तक था | इस समय  के उपरान्त समारोह सम्पन्न हुआ था  | लग्नेश -मंगल उच्च स्थति में होकर षष्ठ घर में विराजमान है | पापग्रह का छठे ,आठवें या बारहवें घर में बैठना शुभ माना जाता है | लग्नेश के ऊपर स्वराशि के बली शनि की पूर्ण दृष्टि भी पड़ रही है --जो लग्नेश को बल प्रदान कर रही है | --यह सही है कि पहले दिन से ही सरकार उधार की वैशाखी पर चल रही है ,किन्तु फिर भी अपना पक्ष मजबूती से रख रही है | सरकार गिरने का अभी कोई खतरा नहीं है | मंत्रिमण्डल के गठन में भी भारतीय जनता पार्टी को अधिक महत्व व विशेषाधिकार मिला है | अन्य दल मजबूरी में ही सही सरकार का समर्थन करने के लिए बाध्य है | वृश्चिक लग्न पर शुभ ग्रह सूर्य ,बुध ,गुरु तथा शुक्र सप्तम में विराजमान होकर पूर्ण दृष्टि डाल रहे हैं | ---अतः प्रधानमंत्री  पद ,विदेश ,गृह ,रक्षा ,कृषि और वित्त विभाग भारतीय जनता पार्टी अपने पास रखने में कामयाब रही | भारतीय जनता पार्टी अपने घोषणा पत्र के कुछ महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करने प्रारम्भ कर दी है | श्री मोदीजी की साख विदेशों में उत्तरोत्तर बढ़ती चली जा रही है | विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी को घेरने में पूर्णतया नाकाम साबित होगी | 

---जन्मकुण्डली --के पंचम भाव में बैठा राहु सरकार को विवेकपूर्ण फैसले लेने के लिए प्रेरित करता रहेगा | भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सरकार हिन्दू धर्म तथा उसके प्रतिष्ठित मन्दिरों के हितों की रक्षा करने में तत्पर रहेगी | भाग्येश अपने स्थान में विराजमान होकर सरकार को सबल प्रदान करेगा | एकादश भाव में बैठा केतु सरकार को धन एकट्ठा करने में बाधा डालेगा | देश का बैंक बैलेन्स अर्थात राजकोषीय घाटा बढ़ता जायेगा | 

--संवत -2082 में ग्रहपरिषद के चुनाव में राजा तथा मंत्री पद सूर्य को मिला है --जिसके प्रभाव से प्रधान मंत्री श्रीमोदीजी का प्रभाव इस वर्ष -2025 +26 में बढ़ता जायेगा | पार्टी से नाराज नेताओं से निपटने में श्रीमोदीजी सक्षम होंगें | अन्य दलों से आये नेता पार्टी छवि खराब करने का काम करेंगें ,जिनसे श्रीमोदीजी को सतर्क रहना चाहिए | राज्य के स्तर पर पार्टी विशेष सफलता प्राप्त करेगी | नए राज्यों के के चुनावों में पार्टी को अपेक्षित सफलता मिलेगी | पार्टी के संख्याबल में विस्तार होता जायेगा | दक्षिण के राज्यों में पार्टी को विशेष सफलता मिलती जायेगी | कुछ राज्य स्तरीय नेताओं को केन्द्र की राजनीति में लाने में श्रीमोदीजी कामयाब रहेंगें | पार्टी के प्रमुख नेता की विदाई भी इस वर्ष संभव होगी |            

---ध्यान दें --श्रीमोदीजी का विशेष राजयोग -2028 तक है | अनन्त बाधाओं का सामना करते हुए -महाभाग -अजय पथ पर आरूढ़ रहेंगें | देश प्रगति पथ पर रहेगा | -भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


                                                                         

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -30 /01 /25 से 12 /02 /25 तक -ज्योतिषी झा मेरठ



ॐ श्रीसंवत -2081 -शाके -1946 -माघ शुक्ल पक्ष --तदनुसार दिनांक -30 /01 /2025 से 12 /02 /2025 तक भविष्यवाणी की बात करें --एक प्रमाण देखें --बुधस्य पंच वाराः स्यु यत्र मासे निरन्तरं ,प्रजाश्च सुख सम्पन्ना सुभिक्षं च प्रजायते | --प्रस्तुत प्रमाण के अनुसार इस मास प्रजाजन सुख शान्ति का अनुभव करेंगें | कृषिकार्यों में पर्याप्त उन्नति होगी | पैदावार वृद्धि मन खुश करेगी | उद्योग धंधे बढ़ेंगें | उत्पादन अधिक होने से देश समृद्ध होगा | --एक और प्रमाण देखें --कृष्ण पक्ष की तिथि बढे ,शुक्ल पक्ष घट जाय। एक वास्तु तो क्या घटे ,सभी वस्तु घट जाय "---भाव --कहीं उपयोगी वस्तुओं की कमी पड़ सकती है | व्यापारी वर्ग लाभ कमायेगा |--- तेजी का असर तो होगा ही --उथल -पुथल होती रहेगी | अस्थिरता में सोच विचार कर काम करें | ----तेजी मन्दी विचार --- कहीं दैनिक उपयोगी वस्तुओं की कमी पड़ने से महंगाई वृद्धि हो हल्ला का कारण बनेगी | पक्षारम्भ के बने भाव अंत में पलट सकते हैं | सस्ते में संग्रह करने वालों को आगे चलकर लाभ होगा | बुधवारी पूर्णिमा के समीप बाजार का रुख नरम रहेगा | ---अर्थात बाजार की स्थिर लाइन बन सकती है | गुड़ ,चीनी ,बूरा -बताशा ,पेठा ,गुलाब -जामुन ,लड्डू में नरमी चल सकती है | ---आकाश लक्षण की बात करें तो ---जहाँ -तहाँ बादलचाल ,न्यूनाधिक वर्षा गरज के साथ ओलावृष्टि तुषारपात ,शीतलहर में ठिठुरन बढ़ेगी | शिशिर ऋतु अपना प्रभाव दिखलायेगा | --      भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com        

सोमवार, 27 जनवरी 2025

ज्योतिष की दृष्टि में मुस्लिम जगत -2025 +26 -भविष्यवाणी पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ हिजरी सन -1447 -का प्रारम्भ मुहर्रम मास के प्रथम दिन -27 /06 /2025 की शाम को धनु लग्न से हो रहा है ,---जिसके स्वामी गुरु सूर्य के साथ सप्तम भाव पर अस्त स्थिति में हैं | --अर्थात --सभी मुस्लिम देश एक होकर अन्य देशों से मुकाबला करने की रणनीति बनायेंगें ,किन्तु उनके कामयाब होने की संभावना न के बराबर रहेगी | हालाँकि उन्हें विकसित देशों के अत्यंत दबाब में झुकना पड़ेगा | मुस्लिम राष्ट्र अपने धर्म का विस्तार अन्य देशों में कर पायेंगें | मुस्लिम देश नये हथियारों का अविष्कार करने में सक्षम होंगें | मिडिल ईष्ट के देशों में उनका दबदबा बढ़ता जायेगा | यूरोप के देश भी उनके खिलाफ कार्यवाही में कतराएंगे | मुस्लिम समाज का रहनुमा शनि ग्रह सुख के स्थान में बैठा है --स्थान वृद्धि करौ शनि ---इस प्रमाण के अनुसार मुस्लिम समाज सुख का अनुभव करेगा | काम -धन्धे का विस्तार होगा | निर्माण एवं उद्योगों में मुस्लिम जनों की भागीदारी बढ़ती जायेगी | अनेक नई वस्तुओं का निर्माण इनके द्वारा किया जायेगा | समाज के प्रत्येक तबके की आर्थिक स्थिति में उन्नति होगी | सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठेगी | धर्म गुरुओं की गलत बातों का भी विरोध समय के साथ प्रारम्भ हो जायेगा | 

----मंगल +केतु एक राशि में विराजमान होकर अराजकता को बढ़ावा देंगें | लूटपाट ,चोरी ,डकैती से यह समाज भी प्रभावित होगा | महिलाओं की स्थिति में अनुकूल परिवर्तन होगा | अनेक कुरीतियों के खिलाफ महिलाओं की आवाज बुलन्द होगी | पंचम भाव में दैत्य  गुरु --शुक्र स्थित होकर अपने समाज की रक्षा करेंगें और आने वाले मुसीबतों से भी बचायेंगें | असफलता के मध्य सफलता दिलायेंगें | ---       भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com                                                                                                                                                                               


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          

गुरुवार, 23 जनवरी 2025

ज्योतिष की दृष्टि में विश्व -2025-26 -भविष्यवाणी -पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


ॐ दिनांक -13 /04 /2025 रविवार रात्रि -27 बजकर 21 मिनट पर भगवान सूर्यदेव अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेंगें | सौर संवत्सर का प्रारम्भ इस वर्ष -2025 में कुम्भ लग्न से हो रहा है --जिसके स्वामी शनि मीन राशि में चतुर्ग्रही योग में फंसे हुए हैं | --अर्थात -विश्व के प्रभावशाली देश अपनी रक्षा के नाम पर मारक अस्त्र -शस्त्रों का जखीरा जमा करने में लगे रहेंगें | छोटे देशों पर आक्रमण ,आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने ,अपनी सीमाओं का विस्तार करना अपना हक़ समझेंगें | आधुनिक शस्त्रों का निर्माण तथा प्रयोग भी इस वर्ष खुलकर होगा | युद्ध के देवता मंगल नीच राशि में छठे भाव में बैठे हैं ,जिससे मुस्लिम देश अन्य देशों पर आक्रमण भी कर सकते हैं | 

----रूस ,चीन ,कोरिया ,अमेरिकादि देशों की विस्तारवादी नीति का खुलकर विरोध होने लगेगा | शुक्र का सौर वर्ष के मालिक के साथ होना भी सभी मुस्लिम देशों को इस्लाम के नाम पर एकजुट करके अन्तर्राष्ट्रीय जगत के खिलाफ खड़ा कर सकता है | सन --2025 +26  में ईसा -मूसा की लड़ाई का सूत्रपात हो जाय तो आश्चर्य न समझें | पाकिस्तान ,बांग्लादेश ,अफगानिस्तान ,इराक आदि देशों में गृहयुद्ध की चिंगारी सुलग सकती है | भारत के पड़ौसी देशों में युद्ध की ज्वाला भड़क सकती है | विश्व के कुछ देशों में पीने के पानी की भारी किल्लत से प्रजा त्राहि -त्राहि करेगी | भूख प्यास से दुःखी प्रजा पलायन कर सकती है | 

-----चतुर्थ घर --में विराजमान गुरु के प्रभाव से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित होगा | भारत के वैज्ञानिक देश का नाम रोशन करेंगें | भारतीय शिक्षा का स्तर बढ़ेगा | नये विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थाओं का विकास होगा | किसी भारतीय वैज्ञानिक को नये अविष्कार के लिए अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा | देश के ओद्योगिक उत्पादन में बढ़ोत्तरी से अर्थ व्यवस्था का विकास होगा |    --


  भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com                                                                                                                                                                                

बुधवार, 22 जनवरी 2025

श्रीसंवत -2082 यानि -2025 -26 की भविष्यवाणी पढ़ें -खगोलशास्त्री झा - मेरठ


      ॐ श्रीसंवत -2082 का आरम्भ -29 /3 /2025 शनिवार शाम 04 /27 पर सिंह लग्न से हो रहा है | लग्न का मालिक सूर्य चार अन्य ग्रह -चंद्र ,बुध ,शुक्र ,राहु के साथ मीन राशि  अष्टम भाव में विराजमान है | लग्नेश का अष्टम भाव में बैठना देश तथा सम्पूर्ण संसार दोनों के हित में नहीं रहेगा | लग्न को पापग्रह शनि पूर्ण दृष्टि से देखकर दूषित कर रहा है | जिसके फलस्वरूप संसार में अराजकता का बोलबाला रहेगा | सूर्य अपने शुभ प्रभाव का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पायेगा | आसुरी शक्तियां  सात्विक शक्तियों पर भारी पड़ती दिखाई देंगीं | युद्ध ,भयान्तक ,प्राकृतिक प्रकोप से दुःखी जनता पलायन करने पर विवश होती जायेगी | मानव की सोच से बाहर  के नये -नये  हथियारों का अविष्कार और प्रयोग देखने को मिलेगा | विश्व युद्ध जैसे हालातों से संसार को गुजरना पड़ेगा | राजा प्रजा के पालन  तत्पर रहेंगें | भष्टाचारी नेताओं पर संकट के बादल मंडराते जायेंगें | पिछले वर्ष भी नेताओं को जेल से सरकार चलाते देखा  गया था कुछ इसी प्रकार इस वर्ष का हाल भी जनता जनार्दन के सामने आ जायेगा | शासनाध्यक्षों का कठोर व्यवहार शत्रुओं  पर भारी पड़ता जायेगा | इस वर्ष -2025 -26 में शनि  अन्तरराष्ट्रीय जगत में कहीं भी शान्ति का वातावरण बनने नहीं देगा | ------एक प्रमाण देखें ---सूर्य शुक्र एक राशि में ,बैठे राहु संग | 

                                                            सामाजिक समरसता में होवे रंग में भंग | | 

--सूर्य -शुक्र और राहु यदि किसी वर्ष एक साथ हों तो सामाजिक सदभाव को धक्का लगता है | देश में जातिवाद का आंदोलन बड़े पैमाने पर होता है | राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते | जातिगत जनगणना की मांग जोर से उठने लगती है | समाज में परस्पर वैर -विरोध बढ़ता है जिसकी आड़ में दंगे -फसाद ,मारपीट ,झगड़ा ,परस्पर झूठे लांछन लगाने का चक्र तेजी से चलता है | आंदोलन में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने की संभावना बनने लगती है | नेता अपने दल को छोड़कर विरोधियों से हाथ मिलाते हैं | 

--वर्ष प्रवेश कुण्डली को भारत के नक़्शे के ऊपर रखकर देखें --यहाँ लग्न की दिशा पूर्व माननी चाहिए | इस प्रकार देखने पर क्रूर अथवा पाप ग्रह जिस दिशा में स्थित हों अथवा जहाँ -जहाँ उनकी दृष्टि पड़ती हो अर्थात वेध लगता हो उन स्थानों पर सर्वाधिक नुकसान हुआ करता है | वर्ष प्रवेश कुण्डली के अनुसार पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल प्रदेश। मणिपुर ,मिजोरम आदि पश्चिमी सीमा -पंजाब ,कश्मीर ,राजस्थान आदि क्षेत्र तथा पश्चिम बंगाल इस वर्ष क्रूर ग्रहों के दुष्प्रभाव में रहेंगें | यहाँ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का उलंघन ,तस्करी ,युद्ध ,आतंकी वारदातों का भय बना रहेगा | बाहरी तत्व अपने देश के भोले -भाले लोगों को भड़काने का प्रयास करेंगें | इस वर्ष --बिहार ,उड़ीसा ,आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में बाढ़ ,आंधी -तूफान ,चक्रवात ,बिजली ,गाज तथा प्राकृतिक उत्पात का भयंकर रूप देखने को मिलेगा |      भवदीय -


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मंगलवार, 21 जनवरी 2025

संसार चक्र संवत -2082 सन -2025 -भविष्यवाणी पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


ॐ इस वर्ष आकाशीय कौंसिल के चुनाव में राजा तथा मंत्री दोनों पद सूर्यदेव को मिला है | राजा एवं मंत्री सृष्टि के नायक सूर्यदेव के होने से विश्व में एक देश तथा एक राजा का अधिकार होता दिखाई देगा | संसार के सभी कार्य सुचारु रूप से चलेंगें | सभी देश किसी एक देश की सलाह मानकर युद्ध रोकने की दिशा में कदम बढ़ायेंगें | सूर्यदेव न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनायेंगें | उदंड देशों को सभी देश मिलकर दण्ड देंगें | 

----मिडिल ईष्ट --के देशों में युद्ध की ज्वाला और भड़केगी | चल रहे युद्ध में ईरान ,इराक ,इजराइल के साथ अन्य देश भी शामिल होते जायेंगें | रूस तथा यूक्रेन युद्ध भी अपने अंत की ओर बढ़ता जायेगा | चीन ,जापान ,कोरिया ,ताइवान जैसे देश युद्ध का नया मोर्चा खुल सकता है | नये -नये हथियारों का प्रदर्शन मानव जाति पर बड़ा संकट बनकर आयेगा | 

--अफ्रीका --जैसे देश में प्राकृतिक मार असहनीय होगी | संसार के तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि होगी | कुछ जगह स्वच्छ पानी की कमी ,समुद्र का बढ़ता जलस्तर चिंता का कारण बनेगा | खाने -पीने की वस्तुओं का संकट गहरा सकता है | 

--इस वर्ष -2025 -सस्येश बुध तथा धनेश चंद्र तथा रसपति शुक्र के प्रभाव से अपने देश भारत में अनाज ,चावल ,गन्ना ,हरी सब्जियां ,संतरा जैसे रसीले फल तथा दलहन की खेती अच्छी रहने से कृषक वर्ग में ख़ुशी रहेगी | बाजार भाव नियंत्रण में रहना सरकार की कामयाबी माना जायेगा | 

--दुर्गेश --शनि का फल सीमाओं पर अस्थिरता कहा गया है | पड़ौसी देश अपनी कुटिलता चालों से बाज नहीं आयेगा | आतंकी वारदात ,अवैध घुसपैठ ,सीमातिक्रमण की वारदातों में वृद्धि होगी | सामाजिक स्तर पर किसी प्रदेश को अस्थिर  करने की विदेशी ताकतों की चाल कामयाब नहीं होगी | 

-----धनेश --मंगल होने से बाजार भाव में अधिक घटा -बढ़ी होगी | सोना ,चांदी ,लोहा ,मशीनरी ,भारी इंजीनियरिंग निर्माण सामग्री में अधिक तेजी से निर्माणकार्य प्रभावित होंगें | संग्रहकर्ता लाभ कमायेंगें | खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ  आपका -


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बुधवार, 15 जनवरी 2025

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -106 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 हमारी आत्मकथा के पाठकगण -प्रत्येक व्यक्ति का लेखा -जोखा जन्मपत्री होती है | यह ज्योतिष राज विद्या और राजपरिवार की धरोहर है | इस धरोहर को सच्ची निष्ठां से राजा -महराजाओं ने आगे बढ़ाया है | भूदेवों ने भी सच्ची निष्ठा से संस्कारयुक्त होकर सदियों से इस ज्योतिष शास्त्र को आगे प्रेरणादायी बनाने का सार्थक प्रयास किया है | यह ज्योतिष  देवभाषा और देववाणी पर आधारित है | सम्प्रति यह ज्योतिष हिन्दी करण और आधुनिक वेष  -भूशा  पर आधारित हो गयी है | ज्योतिष शास्त्र में -नक्षत्र ,लग्न ,राशि ,मुहूर्त  तो मायने रखते ही हैं किन्तु -सबसे बड़ी चीज योग हैं  --जिनका   बिरले ज्योतिषी के मुखारविन्द से ही सटिक प्रभाव संभव है | आज के समय अंग्रेजी भाषा और आधुनिकता के आगे - ज्योतिष ज्ञान सीमित हो रहा है या ये कहें --प्राचीनता विलुप्त होने के कगार पर है | --यहाँ मेरा एकहि आग्रह है --प्रत्येक स्कूल की वेष -भूषा हो सकती है --तो ज्योतिष की भी भेष -भूषा को ज्योतिषी होने के नाते अवश्य अमल करें | मुझे बाल्यकाल में अंग्रेजी की शिक्षा थोड़ -बहुत मिली थी | हमने उनीसवीं शदी में पंचांग से ही ज्योतिषी सीखी थीऔर की थी जिसमें समय बहुत लगता था  किन्तु बिशवी शदी   में अंग्रेजी यंत्र पर भले ही कार्य कर रहे हैं किन्तु --फलादेश हमारा व्यक्तिगत एवं शास्त्रसम्मत ही होता है | आज ज्योतिष के कई ऐसे ग्रन्थ हैं --जो बहुत ही उपयोगी हैं किन्तु संस्कृत में हैं --इन ग्रंथों को केवल ज्योतिष विषय के छात्र ही समझ सकते हैं -मुहूर्तचिन्तामणि ,ताजिक नीलकण्ठी ,वृहत्पराशत ,सांख्यकारिका ,जातकाभरणं ,जातकतत्वम -इत्यादि ----आज ज्योतिषी बहुत हैं किन्तु आधुनिक ग्रन्थों के सहारे ,आज मानने वाले भी बहुत हैं किन्तु अल्पज्ञानी हैं या फिर प्राचीनता को नहीं मानने वाले | यही हाल कर्मकाण्ड जगत में भी हो रहा है --जो वैदिक पद्धति है -वो अपना तो कल्याण करती ही है पड़ोसी का भी उतना ही कल्याण करती है | किन्तु --तंत्र और यंत्र ने अपना अस्तित्व इतना बढ़ा दिया है --जो खुद का विनाश करते हैं साथ ही पडोसी का भी --ध्यान दें --जब पड़ोसी नहीं होंगें तो हम कहाँ होंगें ,जब पड़ौसी सुखी नहीं होंगें तो हम कहाँ से सुखी होंगें | -यह यंत्र और तंत्र इसलिए आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि इनमें मेहनत कम करनी पड़ती है ,धन कम खर्च होता है साथ ही सफलता शीघ्र मिलती है --किन्तु भविष्य सुखद नहीं होता है --पर हर व्यक्ति भविष्य की कामना नहीं करता है --वो केवल वर्तमान पर आधारित हैं --इसलिए हर व्यक्ति तत्काल प्रभाव चाहता है --जो मिलता भी है | वैदिक पद्धति महंगी है ,समय लगता है एवं सबको लाभ देती है --जो कतई बर्दास्त नहीं है --हम केवल एकही बात कहना चाहते हैं -जो आज मेरा है -वो कल मेरे बालक का होगा --बालक कैसे सुखी रहे इस ओर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए --क्योंकि हर व्यक्ति अपने लिए नहीं बच्चों के लिए ही तो जीते हैं --बच्चों के सुख में ही हर अभिभावक सुखी होते हैं | अतः ज्योतिष शब्द गरिमामयी है --इसकी गरिमा का ध्यान रखना हम सबका के कर्तव्य हैं --उम्मीद करता हूँ -वैदिक पद्धति को आत्मसात अवश्य करेंगें | --आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com


मार्गी और वक्री ग्रह -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -65 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


कौन -सा ग्रह मार्गी और कौन -सा ग्रह वक्री है ,इसका ज्ञान भी पंचांग देखने पर ही हो जाता है | जातक के जन्म के समय जो ग्रह मार्गी होता है ,वो उसे जीवन भर मार्गी ग्रह के रूप में ही अपना फल देता है और जो ग्रह वक्री होता है ,वो जीवन भर वक्री ग्रह के रूप में ही अपना फल प्रदान करता है | 

---इसके अतिरिक्त पंचांग की दैनिक गोचर गति के अनुसार जो ग्रह मार्गी अथवा वक्री होते रहते हैं ,वो जातक के जीवन पर अपनी उसी गति के अनुसार अलग से प्रभाव डालते हैं | मार्गी ---अर्थात ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलता रहे | यानि यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे सिंह राशि पर अपने भोग का समय पूरा करने के बाद ,सिंह से आगे कन्या राशि पर ,तत्पश्चात क्रमशः तुला ,वृश्चिक ,धनु ,मकर ,कुंभ आदि राशियों पर सीधे चलते जाना चाहिए | ऐसी सीधी चाल को "मार्गी ग्रह " कहा जाता है | 

-----वक्री का अर्थ है ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलने के बजाय पीछे की ओर लौट जाता है ,अर्थात --यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे कन्या राशि पर जाना चाहिए ,किन्तु वो कन्या राशि पर न जाकर यदि पीछे कर्क राशि पर लौट जाए ,तो उसे "वक्री ग्रह " कहा जायेगा | 

-----अगले भाग में -पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध पर चर्चा करेंगें | - -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  



सोमवार, 13 जनवरी 2025

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -14 /01/25 से 29 /01 /25 तक -ज्योतिषी झा मेरठ


 ॐ श्रीसंवत -2081 शाके -1946 माघ कृष्ण पक्ष तदनुसार दिनांक -14 /01 /2025 से 29 /01 /2025 तक देश- विदेश की पाक्षिक भविष्यवाणी की बात करें -तो इस माह पाँच मंगलवारों का फलादेश उत्तम नहीं रहेगा तो बुधवारों का फलादेश  उत्तम रहेगा |  प्रमाण देखें --यत्र मासे मही सुणोर्जा यन्ते पंच वासराः ,रक्तेन पूरिता पृथ्वी छत्र भंगस्तदा  भवेत "---प्रस्तुत प्रमाण के अनुसार पृथ्वी पर कहीं युद्ध अन्याय उपद्रव के चलते रक्तपात होगा | कहीं सत्ता की उठा पटक ,छीना -झपटी जानलेवा सिद्ध होगी | दूसरा प्रमाण --बद्धस्य पंच वारा स्यु यत्र मासे निरन्तरम,प्रजाश्च सुख सम्पन्ना सुभिक्षं च प्रजायते "--भाव --कहीं किसी देश -प्रदेश  में सौख्य -समृद्धि बढ़ेगी | प्रजा नित्यानन्द का अनुभव करती रहेगी | देश में पैदावार बढ़ेगी | उद्योगों का विस्तार होगा ,उत्पादन बढ़ेगा ,सर्वत्र विकास को बल मिलेगा | बाह्य देश भारत से कुछ सीखने का प्रयास करेंगें | ----तेजी मन्दी की बात करें तो ---ग्रहचाल के अनुसार माघ कृष्णपक्ष में चालू मार्किट का रुख नीचा -ऊँचा होता रहेगा | ---इस वर्ष 2025 कर्क तथा मकर संक्रन्ति पाप वार की है ,इसका प्रभाव --महंगाई में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी होगी | कोई प्रभावी नेता संकट ग्रस्त होगा या अन्नादि का अभाव पीड़ित करेगा | कल्पना से रहित विषम परिस्थिति संसार में दुःख का कारण बनेगी | आकाश लक्षण की बात करें तो --जनवरी के उत्तरार्ध में घामा छायी सी चलती रहेगी | कुछ संभागों में मेघ गर्जन ,विधुत्पात जहाँ -तहाँ ओला वृष्टि ,बर्फबारी होने से शीत लहर चलेगी | खड़ी फसलों में क्षति संभव है | -----एक उक्ति देखें ---शकुन -माघ मास जो परै न सीत ,महंगा नाज जानयो मीत "--इस मास शीत तो पड़ेगी चाहिए | भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  



                                                                                                                                                                                                                                                       

शनिवार, 4 जनवरी 2025

ग्रहों के अंश -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -64 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


  प्रत्येक ग्रह के 30 अंश होते हैं | जातक के जन्म के समय कौन -सा ग्रह कितने अंश पर था ,अर्थात किस ग्रह के कितने अंश व्यतीत हो चुके थे ,इसका ज्ञान उस समय के पंचांग द्वारा हो सकता है | यदि पाठक को प्रारम्भ में कोई असुविधा हो ,तो जन्म -कुण्डली स्थित ग्रहों के अंशों के सम्बन्ध में जानकारी किसी विद्वान ज्योतिषी द्वारा प्राप्त कर लेनी चाहिए | यहाँ पाठकों को इतना बता देना चाहते हैं कि 3 से 9 अंश तक का ग्रह किशोरावस्था वाला होता है | 10 से 22 अंश तक का ग्रह युवावस्था वाला होता है | 23 से 28 अंश तक का ग्रह वृद्धावस्था वाला तथा -29 से 2 अंश "29 ,30 ,1 और 2 " तक का ग्रह मृतक -अवस्था में माना जाता है | किशोरावस्था एवं वृद्धावस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव कुछ कम प्रदर्शित करते हैं | युवावस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव पूर्ण रूप से प्रदर्शित करते हैं ,तथा मृतक -अवस्था वाले ग्रह अपना प्रभाव अत्यंत सूक्ष्म रूप में प्रदर्शित करते हैं | 

----ध्यान दें --अगले भाग में वक्री और मार्गी ग्रह की विवेचना करेंगें | -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


शुक्रवार, 3 जनवरी 2025

ग्रहों की दृष्टि -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -63 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


जन्म -कुण्डली  प्रत्येक  ग्रह  जिस भाव में बैठा होता है ,उससे तीसरे तथा दसवें भाव को एक चरण दृष्टि से ,पांचवें तथा नवें भाव को दो चरण दृष्टि से ,चौथे तथा आठवें भाव को तीन चरण दृष्टि -से तथा सप्तम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है | इसके अलावा मंगल अपने बैठे हुए स्थान से चौथे तथा आठवें भाव को ,गुरु अपने बैठे हुए स्थान से पांचवें ,नवें भाव को तथा शनि अपने बैठे हुए स्थान से तीसरे ,दसवें भाव को भी पूर्ण दृस्टि से देखता है | 

---जातक की जन्म -कुण्डली के जिस भाव में भी सूर्य की स्थिति हो ,उसी भाव से आरम्भ करके अन्य भावों पर पड़ने वाली उसकी खंड तथा पूर्ण दृष्टियों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए | चंद्र ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,शनि ,राहु और केतु इनमें से कोई भी ग्रह जिस भाव में बैठा हो ,वहां से वो तीसरे तथा दसवें भाव को एक चरण दृष्टि से ,पांचवें तथा नवें भाव को दो चरण दृष्टि से ,चौथे तथा आठवें भाव को तीन चरण दृष्टि से तथा सातवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है | 

------भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --अगले भाग में ग्रहों के अंश पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगें ---ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें 


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सोमवार, 30 दिसंबर 2024

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -31 /12/24 से 13 /01 /25 तक -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ श्रीसंवत -२०८१ --शाके -१९४६ पौष शुक्लपक्ष तदनुसार दिनांक -31 /12  /2024 से 13 /01 /2025 तक की भविष्यवाणी की बात करें --एक प्रमाण देखें --शनि शुक्र एक राशि में ,भौम दृष्टि भरपूर ,हो हल्ला हो जगत में ,लडिहहि आपस में सूर "---अर्थात -नूतन सन -2025 के जनवरी माह में ग्रहचाल उपद्रवकारी हैं | विश्व में तनाव बढ़ेगा |  कोई देश अपने हथियार बेचने के लिए बाजार तैयार करेगा --मारक अस्त्र -शस्त्रों की बिक्री तो बढ़ेगी ही गोला बारूद का उत्पादन ,--करोना जैसी विषैली गैसों का भंडार संसार में जानलेवा सिद्धि होगा | ---एक और प्रमाण देखें --रोग बढे संसार में ,कुदरत के उत्पात ,भूमि कम्प बादल फटे ,ज्वालामुखी विसात "---इस उक्ति का भाव है --इस वर्ष -2025 में विश्व का नक्शा बदलेगा | अजीबो गरीब उत्पात होंगें | सीमा पर आतंकी नित्योत्पात करने ,भय विषाद फैलाने में अपनी महारथ समझेंगें | विषबेल का फैलाव जारी रहेगा | ---ध्यान दें -सन -2025 में रूद्र बीसी का साल है | --तेजी मन्दी की बात करें तो लाल रंग की सभी वस्तुओं में लाभ का योग रहेगा | सस्ते में खरीदे गये गेंहूं ,जौं ,चना ,ज्वार ,बाजरा ,मटर ,छोले ,चावल। साबूदाना ,तिल ,मेवा ,आदि में अच्छा खासा लाभ मिलेगा | ऊनी कम्बल ,गर्म कपड़े ,गजक ,रेवड़ी ,गाजर का हलुआ ,चाट ,मुरब्बा ,अचार ,खेल -खिलौना ,तेज होंगें | उतार -चढ़ाव के बाद स्थिरता बनेगी | ---आकाश लक्षण की बात  करें तो --जहाँ -तहाँ बादलचाल ,वायुवेग ,मेघ गर्जन ,कहीं हिमपात ,उपलवृष्टि ,,शीतलहर प्रभावित करेगी | भूकंप ,भूस्खलन ,यान -खान कुघटनाचक्र ,यातायात में बाधा होगी |  --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com    



गुरुवार, 26 दिसंबर 2024

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -105 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 सनातन संस्कृति में जो शास्त्र -पुराण हैं उन्हें पढ़ना और उनके पथ पर चलना ये बहुत बड़ी बात है | हमने अपने जीवन में यह अनुभव किया है | शिक्षा की प्रणाली बहुत बदल गयी है --इसकी वजह से भक्ति के आगे श्रद्धा न के बराबर हो रही है | ज्ञान की अपेक्षा विवेक न के बराबर है | आज सनातन संस्कृति का मार्ग प्रगति पथ पर है किन्तु प्राचीनता नहीं आधुनिकता विशेष है | धन ने धर्म पर अपना विशेष अधिकार जमा लिया है --इसका परिणाम यह हो रहा है -हर व्यक्ति असंतुष्ट रहता है --इससे मैं भी नहीं बच सका | हमने अनुभव किया है -पति गुजर जाये --तो प्राचीन पतनी -उस पति के लिए धर्म निभाने का भरसक प्रयत्नशील रहती है | अगर पतनी गुजर जाये तो  पति  धर्म के विपरीत चलता है -उसका कुछ अस्तित्व नहीं रहता है | भगवान की सात्विक कठोर साधना आज के समय में कम हो रही है | सनातन के -व्रत ,जप ,तप ,नियम ,हवन ,स्वाध्याय --इन नियमों का पालन न के बराबर हो रहे हैं | सनातन संस्कृति में प्रमुख योगदान मध्यमवर्ग के लोगों का विशेष है | विशेष शिक्षा प्राप्त व्यक्ति -खोट विशेष निकालते -रहते हैं --जबकि धर्म का पालन बुद्धि से कदापि संभव नहीं है -सिर्फ विवेक से भी संभव नहीं है --इसके लिए -बुद्धि +विवेक दोनों चाहिए | आज के समय में धर्म का पालन या तो दिखावा में होता है या मज़बूरी में | भारत भूमि पर ऋषि -महर्षियों एवं राजाओं तथा गुरुजनों की विशेष देन --किन्तु आज के समय कोई ऋषि या महर्षि राजा या गुरुजन उन नियमों का पालन करने हेतु अपना -अपना पूर्ण योगदान नहीं दे रहे हैं --इसका परिणाम यह हो रहा है --एक शास्त्री का पुत्र दक्ष शास्त्री ज्ञान में नहीं धन से बनना चाहता है | यह बदलाव सभी क्षेत्रों में प्रायः देखने को मिला है | मेरा जन्म निम्न परिवार में हुआ ,एक शास्त्री बना ,मेरे गुरुदेव परम कर्मनिष्ठ थे -शायद मेरे लिए भगवान थे | सबकुछ होते हुए वैरागी  स्वरूप में सदा अपने गुरुदेव को देखा -व्रत ,जप ,नियम ,तप स्वाध्याय ,हवन उसी रूप में करते देखा जो शास्त्र कहते हैं | एक शास्त्री होकर आज मैं वही धर्म का पालन करने का प्रयास करता -रहता हूँ --जो शास्त्र कहते हैं --स्वर्ण दान करना चाहिए --तो देने का हर संभव प्रयास करेंगें --तनिक भी अपनी मति का प्रयोग नहीं करेंगें --ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए दक्षिणा समयानुसार के हिसाब से देनी चाहिए --तो देंगें | यज्ञ कराने चाहिए ऐसे जिनसे अपना भी कल्याण हो एवं समस्त समाज का कल्याण हो --पर हमने पाया --विवाह संस्कार हो -दक्षिणा के लिए युद्ध होता है ,हवन हो ,यज्ञ हो ,पूजा हो पाठ हों --सबमें तोल -मोल होता है --परिणाम --उचित और अनुचित का व्यक्ति को बोध ही नहीं रहता है | हमने जीवन में अनुभव किया है -कुपात्र व्यक्ति मेरा सम्मान बहुत किया है ,दान बहुत दिया है --परन्तु हमारा मन सदा खिन्न रहा है --सुपात्र की तलाश में | हम अपने पाठक से एक ही निवेदन करना चाहते हैं --धर्म को आत्मसात करें बुद्धि +विवेक से तो सबको लाभ मिलेगा ,सनान भी वही अनुशरण करेगी | --आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com


बुधवार, 18 दिसंबर 2024

ग्रहों के बल जानें -पढ़ें -भाग -62 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


ग्रहों के क्रमशः 6 बल माने गए हैं --1 स्थान बल ,--2 --कालबल ,---3 --दिग्बल ,---4 --नैसर्गिक बल ,---5 --चेष्टाबल ,--6 --दृग्बल | 

--1 --स्थान बल --जो ग्रह उच्च ,स्वग्रही ,मित्रग्रही अथवा मूल त्रिकोण  में स्थित होता है --उसे स्थान बली कहा जाता है | चंद्र और शुक्र सम राशि --वृष ,कर्क ,कन्या ,वृश्चिक ,मकर तथा मीन में तथा अन्य ग्रह सूर्य ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शनि ,राहु एवं केतु  विषम राशि --मेष ,मिथुन ,सिंह ,तुला ,धनु तथा कुम्भ में स्थित होने पर स्थान बली होते हैं | 

----2 --कालबल ---जातक का जन्म रात्रि में हुआ हो ,तो चंद्र ,शनि और मंगल --ये तीनों ग्रह काल बली होते हैं और यदि जन्म दिन में हुआ हो ,तो सूर्य ,बुध एवं शुक्र कालबली होते हैं | गुरु सर्वकाल में बली होता है | वस्तुतः --बुध  को दिन और रात्रि दोनों में कालबली माना जाता है | 

---3 ---दिग्बल --जन्म कुण्डली में प्रथम भाव को पूर्व दिशा ,चतुर्थ भाव को उत्तर दिशा ,सप्तम भाव को पश्चिम दिशा  तथा दशम भाव को दक्षिण दिशा माना जाता है | -----बुध और गुरु प्रथम भाव -लग्न -में रहने पर ,चंद्र और शुक्र चतुर्थ भाव में रहने पर तथा सूर्य और मंगल दशम भाव  स्थित रहने पर दिग्बली होते हैं | 

---4 --नैसर्गिक बली --शनि ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र ,चंद्र तथा सूर्य ये --उत्तरोत्तर एक दूसरे से अधिक बली होते हैं ,---अर्थात --शनि से मंगल अधिक बलवान है | मंगल से बुध अधिक बलवान है | बुध से गुरु अधिक बलवान है | गुरु से शुक्र अधिक बलवान है | शुक्र से चंद्र अधिक बलवान है तथा सूर्य से चंद्र अधिक बलवान है | ---इसी क्रम के अनुसार सूर्य से चंद्र कम बली होता है और चंद्र से शुक्र कम बली होता है -----आगे इसी प्रकार शनि तक समझ लेना चाहिए | 

---5 --चेष्टाबली --मकर राशि से मिथुन राशि तक किसी भी राशि में रहने से सूर्य तथा चंद्र चेष्टाबली होते हैं | तथा मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र तथा शनि --ये चंद्र के साथ रहने से चेष्टाबली होते हैं | 

----6 --दृग्बल-----जिन दुष्ट ग्रहों के ऊपर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो ,वो उनकी शुभ दृष्टि के बल को पाकर दृग्बली हो जाते हैं | -----उदहारण के लिए --किसी कुण्डली में शनि सप्तमभाव में बैठा है और गुरु एकादश भाव में बैठा है --तो गुरु की शनि के ऊपर पूर्ण दृष्टि पड़ेगी --क्योंकि गुरु जिस भाव में बैठा होता है ,उस भाव से पाँचवे ,सातवें तथा नवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है | ऐसी स्थिति में दुष्ट ग्रह शनि को शुभ ग्रह शनि का दृग्बल प्राप्त होगा | -------नोट --ध्यान दें ---उपर्युक्त छहो  बलों में किसी भी प्रकार के बल को प्राप्त बलवान ग्रह अपने स्वभाव के अनुसार जिस भाव में बैठा होता है ,उस भाव का फल जातक को देता है | -----अगले भाग में ग्रहों की दृष्टि पर विवेचन करेंगें --- --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com    


रविवार, 15 दिसंबर 2024

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -104 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 आज मैं अपनी आत्मकथा में शनि की महादशा का प्रभाव पर कुछ कहना चाहता हूँ | --अस्तु -हर व्यक्ति की कुण्डली समस्त बातों को दर्शाती है --मेरी कुण्डली भी जीवन +मृत्यु को दर्शाती है | मेरी जन्मकुण्डली के अनुसार 2014 से शनि की दशा प्रारम्भ हुई जो 2033 तक चलेगी | शनि मेरी कुण्डली में भाग्य के क्षेत्र में नीच  है अतः नीचता से मेरा भाग्योदय होगा --यह बात सौ प्रतिशत सही है | मुझे जीवन में बहुत कुछ मिला पर जिस योग्य था या हूँ उस अनुपात में नहीं मिला | पिता की जगह गैर व्यक्ति पिता की तरह स्नेह तो दिया ही पुत्र की तरह उठाया और बढ़ाया  भी | मुझे सहोदर मामा ने कुछ नहीं दिया --गैर व्यक्ति मामा बनकर आगे बढ़ाया | अपने जीजा ने कुछ नहीं दिया --गैर जीजा ने आगे बढ़ाया | अपनी माँ की  वात्सलयता या छाया नहीं मिली --सास से दोनों चीजें मिली | अपने सहोदर दीदी हो या अनुज इन दोनों ने मान नहीं बढ़ाया बल्कि गैर व्यक्ति कोई भाई का धर्म निभाया तो कोई दीदी का धर्म निभाया | --मेरा व्यक्तिगत स्वभाव रहा अगर किसी को प्रेम नहीं दिया तो दुःख देने का भी प्रयास नहीं किया | हमने सभी सगे -सम्बन्धियों से भले ही रिश्ते नाते नहीं रखे हों पर कुछ न कुछ दिया और दूर होकर जीने का प्रयास किया | मेरे पिता की कुण्डली में भी नीच का शनि संतान क्षेत्र में था --मेरा भाग्य और  पिता से  सम्बन्ध  बहुत ही गड़बड़ रहा | जबकि पिता और मेरा - दोनों  के स्वभाव चाहे समाज हो या व्यक्तिगत जीवन उत्तम और संतोषजनक रहा , पिता परोपकारी थे ,बलशाली थे ,कर्मठ थे ,धार्मिक थे ,सदा मस्त रहते थे -जो था बहुत था यही सोच थी --अपने कार्य में  लगे रहते थे |  ये तमाम गुण मुझमें भी थे पर --पिता अनपढ़ थे तो मैं विद्वान था ,पिता बहुत ही बलवान थे मैं अति निर्बल था | पिता सदा बल से मुझे जीतने का प्रयास करते थे और मैं सदा बुद्धि से समझाने का प्रयास करता था --पर न मैं पिता को समझा पाया न ही पिता मुझे जीत पाये --परिणाम यह हुआ दोनों के रास्ते अलग -अलग गए | पर न तो पिता मेरे बिना जी पाए और न ही पिता के बिना मैं जी पाया | पिता के पास सबकुछ था --केवल मैं नहीं था --और वो ईश्वर के समीप रहने लगे -जब भी मेरी याद आती थी तो मूर्छित हो  जाते थे --यह वेदना ऐसी थी -सांसे तो थी चैन नहीं था | ऐसी स्थिति में केवल मुझे अपने समीप चाहते थे --जो संभव नहीं था | मेरे साथ भी ऐसा ही था --सबकुछ था पर पिता नहीं थे तो अपने आप को अधूरा समझता था | ऐसा लगता था मेरी शान ,मेरी पहचान तो पिता से है --जब पिता नहीं तो संसार के तमाम वैभव किस काम के | मेरे पिता चल बसे -2018 में | पिता के जाने के बाद मैं भी मूर्छित हो गया | ऐसा लगा मेरी वजह से पिता चल बसे --धिक्कार है मुझे अब जीवन जीने और विलाप करने का मेरा कोई अधिकार नहीं है | यह बात न तो पतनी से कह सकता था न ही परजनों को -अंत में मैं भी प्रभु की शरण में रहने लगा | जीने की लालसा खत्म हो गयी -फिर न मेरे पास साज रहे न आवाज , कलम में लिखने की ताकत नहीं रही ,पिता के साथ मानों मेरा तेज समाप्त हो गया | जब मेरे साथ ऐसा होने लगा तो मुझे आभास हुआ मेरे पिता के साथ भी ऐसा ही होने लगा होगा --वो भी माँ से या  परिजनों से यह बात नहीं कह पाये होंगें | मेरे पिता सबके साथ होते हुए भी अकेलापन महसूस करते थे इसलिए सदा एकान्त में रहते थे | मैं भी सबके साथ रहता हुआ भी सदा अकेला अपने को पाया है | --मुझे कईबार अहसास हुआ मेरे जीवन का अनमोल रतन मेरे पिता थे  -जिनके बिना मैं शून्य हूँ - तो मेरे पिता को भी यही अहसास हुआ होगा | --वैसे मैं ज्योतिषी इसलिए बना था -क्योंकि मेरा अनुज सर्प दंश से मरा था --यह बात मुझे इतनी लगी कि अनन्त ग्रन्थों में यही मृत्यु योग को ढूंढने में जीवन निकल गया --जब होश आया तब पता चला कुण्डली में तो बहुत सी बातें होती हैं जिनपर हमारी नजर नहीं पड़ी | अब एक सक्षम ज्योतिषी होने पर मेरा ध्येय यह है --कोई भी व्यक्ति अपनी कुण्डली का सही आकलन करें और उस पथ पर चले --जिससे उसको सही दिशा मिले ,सही प्रकाश मिले --वो भटके नहीं वो अनन्त बाधाओं का सामना -यत्न और प्रयत्न से करें | -आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com



सोमवार, 9 दिसंबर 2024

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -103 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 दोस्तों -आत्मकथा में आज मैं उन बातों पर प्रकाश डालना चाहता हूँ --जो हमने अनुभव किये हैं | मेरी सही शिक्षा गुरुकुल में हुई थी जो अधूरी रह गयी थी गरीबी के कारण या ग्रहों के प्रभाव के कारण -यह समय था -1983 से 1988 तक | गुरुकुल में मेरे आराध्य सरकार कहाँ से आये वो कौन थे यह कथा अज्ञात थी | मेरे सरकार परम कर्मनिष्ठ थे ,हमने जो ग्रन्थ पढ़ें हैं या उनके सत्संग से जो हमने अनुभव किये हैं उनके अनुसार मेरे लिए ईस्वर सदृश्य थे | आज जब मैं 54 वर्ष का हो चूका हूँ तो मुझे जो अनुभव जीविनि लिखते समय हो रहा है --वो व्यक्त करना चाहता हूँ | --अस्तु --गुरुकुल में वो बालक पढ़ें जिनके माता पिता नहीं थे या जिनके अंग कुछ नहीं थे या वो अष्टावक्र थे या वो चोर थे या वो संस्कार हीन थे या फिर जिनके माता पिता पालने में असमर्थ थे ---ऐसी स्थिति में मैं  -दारिद्र तो था ही मूर्ख परिवार से था | हमने किसी ऐसे परिवार के बच्चों को आते नहीं देखा जो उत्तम हों --पर आश्रम में जो संरक्षक  थे  वो भी ऐसे ही थे | जिनके द्वारा आश्रम की व्यवस्था चलती थी --वो भी वज्र मूर्ख थे --पर सरकार के प्रभाव से वो संस्कारी थे किन्तु उनकी जीवनी उत्तम नहीं थी -पतनी + बेटियों को छोड़कर सरकार के पास रहते थे निःस्वार्थ --उनका नाम कला था --वास्तव में तत्काल के सभी मूर्ख छात्रों को नया जीवन देने में शाम ,दाम ,भेद की ऐसी कला थी कालानन्द जी में जिनकी  बदौलत कई छात्र उच्च पद पर आसीन हुए तो कई छात्र भागवतकार हुए | मेरे हिसाब से सभी उदण्ड छात्रों के द्वारा कई छात्र महान हुए | उस आश्रम में ऐसा लग रहा था मानों चारों ओर धर्मध्वज फहरा रहा था | आश्रम के चारों ओर सरकार की कीर्ति व्याप्त थी --बहुत दूर देश से लोग  अपने -अपने असहाय स्थिति के कारण या बच्चों से दुःखी होने के कारण अभिभावक सरकार के पास बच्चों को लेकर आते थे बदले में एक निपुण व्यक्ति बनकर वही छात्र सरकार का धर्मध्वज देश -विदेशों में फहराते थे | आदर्श भारतीय संस्कृति और संस्कारों को बढ़ाते थे | उसमें एक मैं भी ऐसा ही छात्र था -पर आज जहाँ भी हूँ वो केवल उस आश्रम की देन  है ,आज जो मुझमें कुछ खूबियां हैं वो सरकार की ही वास्तव में देन हैं | हमारे सरकार उस आश्रम में निर्भय और निर्विकार होकर तप में लगे रहते थे | भारतीय जो सनातन संस्कृति है --उसकी व्यापकता समझना बड़ा ही कठिन है | भारतीय सनातन संस्कृति में --भले ही वो चोर रहा हो ,उदण्ड रहा हो ,संस्कार हीन रहा हो किन्तु --धर्मध्वज पताका का मान बढ़ाने में बहुत बड़ा ह्रदय से योगदान दिया है | मुझे लगता है --विश्व का कोई भी कोना हो --सनातन संस्कृति ह्रदय से सभी को अपना मानती है और  बढ़ाती  हैं | सनातन संस्कृति पर आंख बंद करके भी भरोसा किया जा सकता है | अतः अपने ज्योतिष और कर्मकाण्ड के पाठक गणों ने निवेदन करता हूँ --किसी सनातनी व्यक्ति से भले ही भूल हो जाय -पर एक न एक दिन अपने आपको वो अवश्य सुधारता है | -आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com



खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...