ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वभाव और प्रभाव जानें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वभाव और प्रभाव जानें ?--खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-

ॐ ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ही जाना जा सकता है ,किन्तु समय के आभाव के कारण कुछ जातक - अपनी कुंडली की जानकारी से वंचित रह जाते हैं | उन जातकों के हित के लिए और जिन जातकों को अपनी कुंडली की जानकारी उपलब्ध रहती है उन सभी के लिए भी--अपनी -अपनी जन्म तिथियों की जानकारी के द्वारा -अपने -अपने कष्टको दूर कर सकते हैं |------वैदिक प्रक्रिया में सात्विक बलिदानों के विधान बताये गए हैं-|-----जन्म चाहे शुक्ल पक्ष में हो या कृष्ण पक्ष में तिथिओं का फलित यथावत होता है |{१}-प्रतिपदा तिथि में जन्म हुआ हो तो -- स्वामी अग्निदेव हैं -कष्ट तिथि आपकी द्वादशी होगी --शक्कर एवं घी की आहुति देने से {हवन में }लाभ होगा |-दान आप -घी एवं अन्न का करें |{२}-द्वितीया तिथि में जन्म हुआ हो तो --आपके स्वामी -ब्रह्मा हैं,कष्दायक तिथि पंचमी रहेगी ,पायस{खीर }की आहुति देने से लाभ होगा,---भोजन का दान करने से सुख समृद्धि आएगी |{३}-तृतीया तिथि में जन्म हुआ हो तो - इष्टदेव -देवी हैं ,सप्तमी तिथि आपके लिए हानिकारक रहेगी ,घी और अन्न की आहुति से लाभ होगा ,-दान आप रक्तवस्त्र का करें -अत्यधिक प्रसन्नता मिलेगी ||{४}-चतुर्थी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो --इष्टदेव आपके गणेशजी हैं ,पूर्णिमा तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,मिष्टान की आहुति देने से-प्रसन्नता मिलेगी ,रत्न मूंगा का दान से लक्ष्मी की प्राप्ति होगी ||{५}-पंचमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके नागदेव हैं ,षष्ठी तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,खीर की आहुति से लाभ होगा ,दूध का दान से प्रसन्नता मिलेगी ||{६}-षष्ठी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके कार्तिकजी हैं ,द्वादशी तिथि कष्दायक रहेगी आपके लिए ,मोदक की आहुति से लाभ होगा ,चित्रित वस्त्र का दान से उन्नति होगी आपकी ||{७}-सप्तमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके सूर्यदेव हैं ,अष्टमी तिथि में हानी होगी आपको ,खीर की आहुति से लाभ मिलेगा ,ताम्बे के पत्र का दान से लक्ष्मी की प्राप्ति होगी ||{८}-अष्टमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो - इष्टदेव आपके शिव हैं ,त्रयोदशी तिथि हानिकारक रहेगी ,सामग्री { शाकल्य }की आहुति से लाभ होगा ,पीतवस्त्र का दान से पद और गरिमा मिलेगी |{९}-नवमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपकी दुर्गा हैं ,तृतीया तिथि हानिकारक रहेगी ,मिष्ठान्न की आहुति से उन्नति होगी ,रक्तवस्त्र का दान से लाभ होगा |{१०}-दशमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके यमदेव हैं ,दशमी तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी,शाकल्य की आहुति से उन्नति होगी ,नीलवस्त्र का दान से रोग शोक नहीं होंगें ||{११}एकादशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो --आपके इष्टदेव विस्वेदेव हैं , सप्तमी तिथि हानिकारक रहेगी ,मोदक की आहुति से लाभ होगा ,पीतवस्त्र का दान से उन्नति होगी |]१२} द्वादशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके विष्णुदेव हैं ,सप्तमी तिथि हानिकारक रहेगी ,मिष्ठान की आहुति से लाभ होगा ,स्वेत्वस्त्र का दान से उन्नति होगी |{१३}त्रयोदशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो-इष्टदेव आपके कामदेव हैं ,दशमी तिथि हानिकारक रहेगी ,दही और शर्करा की आहुति से लाभ होगा ,स्वर्ण का दान से राजयोग बनेगा |{१४}-चतुर्दशी तिथि में जन्म हुआ हो तो -- इष्टदेव आपके शिव हैं ,अमावस तिथि हानिकारक रहेगी ,शाकल्य की आहुति से लाभ होगा,रजत का दान या अभिषेक से उन्नति होगी ||{१५}पूणिमा तिथि में जन्म हुआ हो तो -आपके इष्टदेव चन्द्रमा हैं ,दही का दान से लाभ होगा ,चंडी का दान से उन्नति होगी |{१६}-अमावस तिथि में जन्म हुआ हो तो --इष्टदेव आपके पितर हैं,तृतीया तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,पका अन्न की आहुति से लाभ मिलेगा {खीर },सुन्दर भूदेव को भोजन करने से लाभ होगा ||--------सभी मित्र बंधू अपनी -अपनी तिथि में जन्म के अनुसार प्रयोग करके देखें अति लाभ होगा |



--खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ--आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -khagolshastri.blogspot.com


बुधवार, 10 जनवरी 2024

संवत -2072 अर्थात सन 2015 की विशेषता -पढ़ें --कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ




 संवत -2072 अर्थात सन 2015 की विशेषता -पढ़ें --कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

---बृहस्पतिर्यदा कर्के स्वल्पं मेघः प्रवर्षति राजा भीविग्रहश्चैव दुर्भिक्षम तत्र जायते । । ---श्री संवत 2072 का प्रारम्भ 20 /03 /2015 शुक्रवार के दिन 15 /05 पर कर्क लग्न में होगा । तत्कालीन ग्रहों  स्थिति  के अनुसार  भारत की प्रभावित राशि कर्क लग्न +लग्नेश सभी तरह से बलवान होने से भारत माता का विस्व में ओहदा बढ़ेगा । ---संवत -2072 -अर्थात -2015 के ज्येष्ठ{मई } ,आषाढ़{जून } ,भाद्रपद{सितम्बर } और मार्गशीर्ष{नवम्बर } में विशेष उपद्रव होंगें । भारतीय वर्ष की कुण्डली के आकलन से विदित होता है कि भारत के पश्चिमी भूभाग -भुज ,कछ एवं राजस्थान के पश्चिमी भाग में अपद्रवी कोहराम मचा सकते हैं । शनि की दृस्टि से मई ,जून ,सितम्बर ,नवंबर ,दिसंबर -2015 एवं जनवरी 2016 में भारतीय क्षेत्रों में उपद्रवी से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी । राजतन्त्र के राजा सूर्य इस संवत -2072 में चतुर्ग्रही योग में केतु से पीड़ित हैं -अतः सरकार के विरोधी सक्रीय निरंतर रहेंगें । देश के प्रभावी नेता संकट के घेरेमें आ सकते है । दिनांक -14 /04 /2015 वैशाख कृष्ण पक्ष दशमी तिथि मंगलवार के दिन 13 /47 पर सूर्यदेव अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेंगें । इस वर्ष सौर वर्ष की शुरुआत भी कर्क लग्न से हो रही है ---इसके अनुसार सूर्यदेव पाप ग्रहों से पीड़ित हैं और विस्व कुण्डली में सुख का देवता शुक्र स्वग्रही आय भाव में विराजमान हैं  जो वर्ष के राजा शनि से दृष्ट सम्बन्ध बना लिया है ---अतः शुक्र तामसी वृति वाले राक्षसों का गुरु है -इस कारण  इस वर्ष असत्कर्मचारी हिंसक वृत्तिवालों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा । इस्लाम बाहुल्य देश आपस में उलझते रहेंगें -{इससे इनको बचना चाहिए } ---शनि के विषय में यह उक्ति है --"शनैश्चरै भूमिपतौ सकृज्जलं प्रसूत रोगैः परिपीडयते जनाः । शुद्धं नृपाणां गत तस्करादयैर भ्रमन्ति लोका छुधिताश्च देशान । । अर्थात शनि सौर जगत्कुण्डली के ज्ञान भाव में बैठा है । विस्व की सात्विक सोच को ग्रहण लगायेगा । सभी देश अपनी -अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित तो रहेंगें ही पर एक दूसरे पर हावी होने के लिए हथियारों की प्रमुखता भी देंगें । बारूद की ढेर पर खड़ा विस्व समुदाय विस्व युद्ध की पुकार करेंगें । --कर्क राशि में उच्च का गुरु 14 /07 /2015 तक भारत एवं भारतीय जनता पार्टी के लिए अनुकूल रहेगा । खेल जगत एवं विज्ञानके क्षेत्र में मान सम्मान देश का बढ़ेगा । गुरु ग्रह की कृपा से भारत एवं भारतीय उन्नति के पथ पर अग्रसर रहेंगें । --------आगे श्री हरि कृपा --भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


यूरोपीय देशों की ज्योतिषीय स्थिति 2018 -जानें -कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 यूरोपीय देशों की ज्योतिषीय स्थिति 2018 -जानें -कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

---1 /1 /2018 से दिसम्बर 2018 तक की ज्योतिषीय भविष्यवाणी की बात करें तो --यूरोपीय कुण्डली ग्रहस्थिति एवं गोचर ग्रहों के अनुसार -अमेरिका ,रूस ,ब्रिटेन ,फांस ,जर्मनी आदि देशों में परमाणु के साथ मारक अस्त्र -शस्त्रों के विपरीत आवाज उठेगी | मुस्लिम देशों -अफगानिस्तान ,पाक अधिकृत कश्मीर एवं पाकिस्तान में पनप रहे इस्लसामिक स्टेट के उग्रवाद के विरुद्ध देशों का एक संगठन खड़ा होगा , किन्तु आंतरिक तौर पर बड़े देश शस्त्र -अस्त्रों के निर्माण में उलझे रहेंगें | क्योंकि उत्तरी कोरिया आदि के तानाशाह बड़े राष्ट्रों के लिए एक चेतावनी के रूप में खड़े रहेंगें | शनि -सूर्य की चंद्र पर दृष्टि एवं मंगल की केतु पर दृष्टि समस्याओं के समाधान में बाधक रहेगी | -----13 /1 /2018 को शुक्र मकर में आयेगा और 14 /01 /18 को सूर्य भी मकर राशि में प्रवेश कर शनि +केतु के साथ मेल करेगा | इस समय सूर्य ,शुक्र ,केतु पर मंगल की दृष्टि भी है | अतः इस समय उग्रवाद से या किसी हादसे में किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति की हत्या या निधन हो सकता है | कहीं उग्रवाद द्वारा भयंकर काण्ड ,भूकम्प ,तूफान ,ज्वालामुखी विस्फोट ,समुद्री तूफान आदि से जनधन हानि होगी |---7 /03 /2018 को मंगल धनु राशि में प्रवेशकर शनि के साथ एकराशि सम्बन्ध बनायेगा --यह स्थिति 30 /04 /2018 तक प्रभावी रहेगी | ---अस्तु ---यह स्थिति विश्व में युद्धपरक वातावरण एवं अघटित घटनाओं ,प्राकृतिक उत्पात ,यान -दुर्घटनाओं एवं प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञों के लिए उत्तम नहीं है | प्रकृतिक के दोहन से तथा अन्य पर्यावरण सम्बंधित समस्यायें विश्व में संकटमय स्थिति पर विचार करने के लिए विवश करेंगीं | ------7 /03 /2018 के बाद 2 /05 /2018 तक यूरोपीय देशों में अघटित या अप्रत्याशित दुःखद घटनाएं एवं जनधन हानि के योग भी बन रहे हैं | कहीं सीमाप्रांतों पर सशस्त्र ,सैन्य संघर्ष ,कहीं प्राकृतिक उत्पात या कहीं आंतरिक क्रांति से अशान्ति उत्पन्न होगी | नेतृत्व चिंतित्व या किंकर्तव्य विमूढ़ रहेगा | किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को पद त्याग करने पर विवश होना पड़ेगा | ----2 /05 /2018 से मंगल मकर उच्च में आकर राहु के साथ समसप्तक योग बनाएगा | इसी बीच 14 /15 मई से 8 जून तक शुक्र -शनि का भी समसप्तक योग चलेगा एवं 6 /11 /2018 से 23 /12 /2018 तक लगभग शनि अपने शत्रु ग्रह मंगल पर विशेष दृष्टि रखेगा ----अभिप्राय यह है ----कथित समयावधियों में विश्व के प्रमुख देशों में भारी उलट -फेर एवं अघटित घटनाओं या प्राकृतिक प्रकोप या उग्रवादियों के जघन्य अपराधों से भारी अशान्ति बनेगी | इस समय जनता एवं शासकों को भी सुरक्षा की दृष्टि से सावधान रहना चाहिए | --भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut





मंगलवार, 9 जनवरी 2024

नवसंवत 2075 -2018 क्या कहता है --कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 ॐ श्रीगणेशायनमः,ॐ श्रीसरस्वत्यैनमः ,ॐ श्रीगुरुचरणकामलेभ्योनमः ---नव श्रीसंवत 2075 की शुरुआत 17 /03 /2018 शनिवार सायंकाल 6 /42 पर कन्या लग्न से हो रही है | लग्नेश बुध कर्मेश बनकर सातवें भाव में लाभेश चंद्र व्ययेश सूर्य एवं भावेश -धनेश शुक्र के साथ चतुर्ग्रही योग में मंगल +शनि से दृष्ट है | इससे यह निश्चित है कि देश में भौतिक विकास उत्तम होगा | ग्रह परिषद के वार्षिक चुनाव में राजा "सूर्यदेव "और मन्त्री शनि को बनाया गया है |पुत्र शनि है तो पिता सूर्यदेव किन्तु व्यवहार में एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं | मंत्री शनि का युद्ध के देवता मंगल से गठजोड़ 7 /03 /2018 तक चलेगा | मंगल युद्ध से सम्बंधित गोला -बारूद ,विशेष मारक अस्त्र -शस्त्र एकत्रित करने पर विशेष खर्च करायेगा | कहीं युद्धोत्पात में भारी गोला -बारूद भी चलवा सकता है | ---विशेष ध्यान दें ---इस साल शनिदेव की क्रूर दृष्टि पश्चिमी देश -प्रदेशों पर पड़ेगी -अतः भारी विनाशलीला को जन्म दे सकती है | प्रमाण ---"शनैचरः क्रमातपश्यन तद्देशान प्रपीड्येत ,दुर्भिक्षं देश भङ्गा दैविगृहो राजविडंवरैः "---आगे -पश्चिमोत्तर के देशों में कहीं भयंकर भूकम्प ,दिग्दाह ,तूफान ,शासन के विपरीत बगावत ,ज्वालामुखी विस्फोट ,आतंकित उग्रवादी जनांदोलन ,तोड़फोड़ ,अस्त्र -शस्त्र रूपी विनाश के कारण कोई देश -प्रदेश -महानगर या भूभाग तहस -नहस हो सकता है | दैहिक -दैविक -भौतिक आपदा से भारत भी अछूता नहीं रहेगा | कारन --भारत देश -की प्रभाव राशि कर्क -मकर में राहु -केतु का वर्चस्व बना है | 2 /5 /2018 से 6 /11 /2018 तक मंदातिचारी मंगल केतु के साथ उच्चस्थ प्रभाव डालेगा | मंगल का अपना स्वभाव है युद्ध कराना तो केतु भारी विनाश ,भूमि पर छिन्न -भिन्नता कराता है | एक और प्रमाण देखते हैं ---पूर्वाषाढ़ा काशि राजमुत्तरा हन्ति कैकतम"--अर्थात --भूभाग कहीं का नहीं विभाजित हो जाता है | या कोई छोटा -मोटा देश बड़े राष्ट्र में विलय हो जाता है | राष्ट्रनायक विनय रहित एक दूसरे की बातें नहीं सुनते -उल्टा दुःख देते हैं | --एक और प्रमाण --रविसेतु यदि मंत्रिणी पार्थिवा विनय संरहिता बहु दुःखदा "-नववर्ष की हार्दिक शुभकानायें -भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




ज्योतिष की दृष्टि में विश्व की स्थिति 2018 --कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 14 /04 /2018 को दिन में भगवान भास्कर अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में गमन करेंगें | उस समय वृष लग्न की कुण्डली में लग्नेश शुक्र सुखेश सूर्य के साथ खर्च भाव में है साथ ही आय भाव का स्वामी गुरु के साथ सम्बन्ध बना लिया है | नववर्ष ग्रहों के चयन में शुक्र मेघपति एवं दुर्गपति चुने गए हैं | कुण्डली में केंद्र से बाहर शक्तिविहीन दुर्गेश किला की क्या रक्षा करेगा बल्कि कोई दूसरा देश जमीन हड़पने का प्रयास करेगा तो यह शुक्र उसकी मदद करेगा | --शुक्र स्वभाव से स्त्रीकारक ग्रह है सो यह तामस प्रवृति वालों की भरपूर मदद करेगा | --विश्व लग्न वृष का फलादेश के बारे में एक प्रमाण देखें ---वृषे पिपश्चि मेकालः पूर्वस्यां राजविग्रहः ,उदगधनयार्ध निष्पत्तिर्द क्षिणस्यां विकालतः "---इस "वृषप्रबोध" नामक ग्रन्थ में फलादेश लिखा है ---कि पश्चिम दिशा में काल कलवित नरसंहार यानि भारी विनाश होगा | पूर्व दिशा में -राजविग्रह होगा | उत्तर दिशा में -तूफान ,बडंबर से हानि होगी तथा दक्षिण दिशा में -अकाल पड़ेगा साथ ही स्थिति उत्तम नहीं रहेगी --विश्व की | ----एक और प्रमाण देखें --"रविसुते यदि मंत्रिणी पार्थिवा विनय संरहिता बहु दुःखदा ,न जलदा जलदा जनतापदा जनपदेषु सुखं न धनं क्वचित "-----अर्थात विश्व कुण्डली में जब वर्ष के राजा सूर्य सुख के स्वामी होकर खर्च भाव में बैठा हो ,इस वर्ष सूर्य ,शुक्र ,गुरु ,मंगल और शनि पांचों प्रमुख ग्रह त्रिक स्थान में बैठे सही नहीं हों तो सम्पूर्ण संसार की सोच में कमी आयेगी | अन्तर्राष्ट्रीय विश्व समुदाय में उग्रवाद ,अपनतव परिपूर्ण संहारात्मक प्रवृत्ति को बल मिलेगा | जहाँ -तहाँ सभी जगह चोरी ,अग्निभय अन्य बाधाएं यानि नाना प्रकार के दुःख सताएंगें | विश्व के राष्ट्रनायक सही समझ को स्वीकार नहीं करेंगें | दूसरों को दुःख देने में सुख का अनुभव करेंगें | कोई प्रभावी नायक नष्ट हो सकता है |--भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




विरोधकृत" नवसंवत 2018 -२०७५ -कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 संवत -२०७५ यानि सन -2018 /19 का पूर्व भाग तक | को ज्योतिष ग्रंथों में "विरोधकृत "नामक संवत कहा गया है | इस संवत के बारे में जानने से पूर्व इस प्रमाण को देखें -"खण्ड वृष्टिर्भवेद्देवि सस्य -हानिश्च जायते ,कोंकणे मध्य देशेषु विरोधशचाहि -मण्डले "----अर्थात -जैसा नाम वैसा ही प्रभाव देखने को मिलेगा |अस्तु --देश में कहीं वर्षा ,कहीं सूखा या अकाल जैसी स्थिति होगी | कहीं खड़ी फसलों को नुकसान होगा तो कहीं बाढ़ से भयंकर जनधनहानि के भी संकेत मिल रहे हैं | बिहार ,मध्यप्रदेश तथा उत्तराखंड आदि प्रदेशों में प्राकृतिक प्रकोप ,भूकम्प या प्रलयंकारी दृश्य देखने को मिलेंगें | ---ज्योतिष ग्रन्थ "वर्षप्रबोध "के अनुसार विरोधिकृत संवत २०७५ में -राजनैतिक दलों में गठबंधन परस्पर विरोध या स्वसत्ता -प्राप्ति देश हित में नहीं रहेगा | राजनीतिज्ञों के लिए 2018 /19 के पूर्वभाग तक सत्ता -लोलुपता वाला सिद्ध होगा | शासक एवं शासित में मतभिन्नता रहेगी | राजनैतिक दृश्य अजीब करवट बदलेगा ,विपक्षीदल क्षुब्द रहेंगें | परिणाम आश्चर्जनक रहेंगें | ----संवत -2075 यानि -2018 /19 के पूर्वार्ध भाग तक का राजा सूर्य होने से समयानुसार वर्षा न होने से खेती एवं फलादि को हानि होगी | अनैतिक और आपराधिक कार्य विशेष होंगें | अनेक जगह भयंकर अग्निकांडों से पशुधन -पक्षी एवं जनधन की हानि होगी | इस वर्ष दो देशों के सीमाप्रांतों पर सैन्यसंघर्ष से भयंकर अशान्ति उत्पन्न होगी | समय का बदलाव से गर्मी अत्यधिक पड़ेगी | किसी विशेष राजनीतिज्ञ या प्रतिष्ठित व्यक्ति के निधन -या हत्या से इस साल भारी शोक व्याप्त होगा ,परिणाम उत्तम नहीं होंगें क्योंकि "निधनं नृपानां के योग भी बनते हैं | ----इस साल 2075 यानि 2018 /19 में मन्त्री का पद ---इस संवत के राजा सूर्य के शत्रु शनि को प्राप्त हुआ है | अतः यह साल राजनैतिक कठिन परिस्थितियों को लेकर उपस्थित हो रहा है | विपक्षी पार्टियों दवरा सत्ता प्राप्ति के कारण महागठबंधन का गठन अंततः एक असफल प्रयास सिद्ध होगा | अतः देश हित के लिए सकारात्मक कार्य करने में सत्तारूढ़ दल ने ढील की तो जनाधार एवं जनता का विस्वास क्षीण होगा ,साथ ही परिणाम उत्तम नहीं होंगें | अतः देशहित को सर्वोच्च रखकर कार्य करना होगा | ----इस साल का सस्येश चन्द्र के होने पर अनेक जगह उचित एवं सुखद वर्षा से किसानों को दालवाना ,तिलहन आदि के व्यापारियों के लिए यह साल उत्तम रहेगा | ----विशेष बात --इस साल सूर्य -शनि के सौर जगत में राजा -मन्त्री पद पर विराजमान होने से भारत को कश्मीर ,चीन ,उत्तर कोरिया ,नेपाल और बांग्लादेश के सीमाप्रांतों पर विशेष सुरक्षा रखनी होगी |---भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




सोमवार, 8 जनवरी 2024

ज्योतिषीय संसार चक्र सन -15 +16 -कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 ज्योतिषीय संसार चक्र सन -15 +16 -कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

-----संवत -2072 अर्थात सन 2015 +2016 के राजा शनि और मन्त्री मंगल हैं । इन दोनों के साम्राज्य में नित -नये उत्पात मचेंगें । विस्व के विशेषतर देशों में टकराव या इनके प्रभाव से जीव -जंतुओं को हानि पंहुचेगी । भारत,नेपाल जैसे शांतिप्रिय देश सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित रहेंगें । खाड़ी के देश अमेरिका एवं यूरोप के खिलाफ एकजूट होंगें । 

-------इस 2015 +16 अर्थात संवत =2072 में ऋतु विपरीत होंगें ,प्राकृतिक प्रकोप का कष्ट झेलेंगें ,वर्षा अल्प एवं विशेष होगी ,बाढ़ से नुकसान होगा ,भूकम्प एवं भूस्खलन से जान धन की हानि होगी ,प्रत्येक मास में वर्षा देखने को मिलेगी ,पहाड़ पर भारी हिमपात होगा ,मैदानी भाग ओलावृष्टि से पीड़ित होंगें । 

--------संवत =2072 यानि 2015 +16 में भी कश्मीर समस्या सिरदर्द बनी रहेगी किन्तु राहत की उम्मीद अवश्य होगी । भारतीय पश्चिमोत्तर सीमा से सटे राज्यों में आतंकी विष फैलायेंगें । सरकारी प्रभावी से आतंकियों को पीछा हटना होगा । ------संवत -2072 -में देश के कुछ प्रदेशों में बदलाव होंगें । भारतीय जनता पार्टी को अनेक संघर्षों का सामना करना होगा फिर सत्ता पर आसीन होती जाएगी । भारतीय जनता पार्टी एवं सरकार को आधिकारिक बल मिलेगा । सर्वहारा वर्ग के लिए अनेक योजनाओं की शुरुआत होगी । भारतियों को सुखद आसार 2015 +16 में दिखने लगेगा । ---भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




रविवार, 7 जनवरी 2024

मेरी आत्मकथा में दारुण कथा पढ़ें भाग -93 -ज्योतिषी झा मेरठ


दोस्तों -आजकल बड़े लोगों पर जब आक्षेप लगता है --तो पहला हर व्यक्ति का बिचार होता है --इतने बड़े होकर ऐसा  गलत कार्य कैसे किया | मेरे जीवन में ऐसा क्षण 2020  में आया जब पिता नहीं थे और हम नाना बन  चुके थे -दो भाईयों के बीच भवन का बटवारा होना था | अनुज को कोई दिक्क्त नहीं थी -जगह हमारी थी -उसके सभी परिजनों [लोगों }का आना -जाना वहीँ  से होता था  | हमारी जमीन होते हुए भी  दीवाल नहीं  बना सकते थे | शास्त्र कहते हैं -मातृदेवो भव --किन्तु  कुण्डली में चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल लग्न में सूर्य +केतु  साथ बिराजमान हैं | इन  मंगल +सूर्य की वजह से मुझे तीन भवन  प्राप्त हुए --किन्तु केतु की  वजह से माँ का स्वभाव मुझसे मेल नहीं खाता है --अतः माँ का एक निर्णय मुझे सुखी बना सकता था --किन्तु  पिता की सहमति होते हुए भी --माँ की वजह से घर टूट गया ,भाई -भाई युद्ध करते रहे --माँ देखती रही ,समाज हँसता  रहा ,रिस्तेदार तालियां बजाते रहे --केवल मरना मेरा होता था --क्योंकि मैं शिक्षाविद था | आज हमारे बच्चों को मेरे प्राण की जरुरत हो तो हँसते -हँसते दे देंगें --किन्तु किसी के हम भी बच्चे थे --मुझे भी  तो माता पिता ने ऐसे ही पाले होंगें --फिर यह दरार क्यों आयी ---मुझे लगता है --पूर्व की अपेक्षा आज के माता पिता बड़े ही दयालु होते हैं | मेरे घर में कोई कमी नहीं थी --दीदी ,अनुज और मैं सभी को ईस्वर ने जरुरत से ज्यादा धन और सुख दिए --किसी को कोई कमी नहीं किन्तु फिर भी मेरा घर --जिस घर में --एक ही माँ के उदर से जन्मे ,एक साथ पले -बढे --सभी को एक ही शिक्षा दी गयी --सच बोलना चाहिए ,किसी का नहीं लेना चाहिए ,परिश्रम से कमाना चाहिए | बाल्य्काल हमारा दरिद्र योग में बीता था --दीदी ,अनुज और मैं तीनों ने यथावत दुःख देखे तो यथावत सुख भी देखे --फिर जब धन आया तो प्रेम कहाँ चला गया | हम दुनिया के सामने झुक सकते हैं किन्तु --अपनों के सामने नहीं झुक सकते हैं | आजकल यह दशा मेरे घर की नहीं है --यह स्थिति घर -घर में है | मेरे बिचार से बड़ा भाई पिता की तरह धर्म निभाते -निभाते चले जाते हैं ,उसके भाग्य में शायद किसी का होना नहीं लिखा रहता है ,उसे -परिजन तो अपमान करते ही हैं --वो अपने बच्चों के भी नहीं होते हैं | खेर--- मेरी कुण्डली में शनि की दृष्टि तृतीय भाव पर थी साथ ही गुरु देव भी यही विराजमान थे --शनि की दशा में मुझे यही पुरस्कार मिलना था | जितने रूपये लगाकर हमने बटबारा किया --उतने में तो खुद आलीशान अपना भवन बना लेते | मेरे तो पैसे भी चले  गए ,समाज में अपमानित भी हुआ ,न बच्चों का हो सका न अपने परिजनों का | यह जीवनी भी एक लीला थी --जिसमें रंग- मंच पर सभी पात्र अपनी -अपनी भूमिका निभाते हैं -अभिनय पूरा होने पर राम +रावण  एक जगह बैठकर ठहाके लगाते रहते हैं --जिसे दर्शक अपनी -अपनी घटनाओं से जोड़कर देखते हैं ,रंगमच के कलाकार केवल अपनी -अपनी भूमिका निभाते हैं अतः इन तमाम बातों का उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है | नाटक बनाने वाले इस ताक में रहते हैं इस नाटक से कितना फायदा हुआ | मुझे लगता है अगर हर व्यक्ति अपनी जीवनी को तीनों रूप में देखे --तो न तो कष्ट होगा न ही मलाल जीवनी से रहेगा | ---अब मेरे जीवन की आत्मकथा में जो सार है --जिससे आपको जीने की राह मिलती है या आपको इसी प्रकार से जीना चाहिए  क्रम से पढ़ते रहें --भवदीय ज्योतिषी झा मेरठ -जीवनी के सभी भागों को  पढ़ने के लिए लिंक का उपयोग करें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut



बुधवार, 3 जनवरी 2024

आज मैं अपनी दारुण कथा का प्रसंग सुनाना चाहता हूँ -पढ़ें भाग -92 ज्योतिषी झा मेरठ


 दोस्तों -पिता दिवंगत हुए 2018 में --भाई -भाई तो वास्तव में 1998  में ही अलग हो गए थे | हमारी दो बेटियों का बोझ -माता पिता ,परिजनों के साथ -साथ अनुज पर भारी पड़ रहा था | मेरा अनुज गरीब न हो जाय इसलिए मेरे घर में गृह युद्ध शुरू हुआ --फिर भी हम साथ -साथ रहना चाहते थे किन्तु -एक दिन अनुज ने घर से अपमान  के साथ स परिवार को निकाल  दिया --मुझे कुछ कहता तो मैं सहन कर लेता किन्तु बच्चों का अपमान आज तक मस्तिष्क में जगह बना रखा है | यह जानकारी माता पिता को होने के बाद भी कुछ निर्णय नहीं ले सके जबकि मेरे माता पिता धार्मिक थे | यही अलग होने का कारण था | मेरा भी समय बदला ,मेरा भी राजयोग शुरू हुआ -तो फिर पिता मुझे अलग  नहीं होने दिए -- यह गांठ ऐसी थी हम अपने धन को समझने लगे जोड़ने लगे | मैं भी धन की दुनिया में आगे बढ़ता रहा ,अनुज भी बढ़ता रहा --पर विवाद यथावत था --इसका लाभ चाची ने उठाया --24 मुकदमें हुए मुझे छोड़कर | यह कथा मैं सुना चूका हूँ --2018 में पिता दिवंगत हुए -उसके बाद माँ भाई के साथ पहले से ही रहती थी आगे भी रहने लगी  | मेरी शर्त थी खाओं पीओ भजन करो --किसी के पास बिना काम मत जाओ --यह माँ को मंजूर नहीं था --जब माँ घर्म पथ पर नहीं चल सकती है तो फिर -ठीक से अलग रहना ही हम उचित समझे | हम दोनों भाई के बटबारे में सबसे बड़ी बाधा --भवन का मुख्य दरवाजा था --बिना दीवाल हुए हम दोनों अलग नहीं  हो सकते थे --क्योंकि मार्ग शंकरा था --आने- जाने का रास्ता मेरे हिस्से में था ,सीढ़ी अनुज के हिस्से  में थी | एक निर्णय से यह काम हो सकता था -माँ यह कह दे -दोनों भाई अपने -अपने हिस्से बराबर ले लों --इसके बदले -मामा ,दीदी ,जीजा सबने माँ को गलत सलाह दी --हिस्सा मत होने दो तुम कहीं की नहीं रहोगी --माँ ने यही किया ,जबकि सारा समाज कहता था दोनों को बराबर बाँट लेने दो | लड़ाई बहुत बढ़ गयी --अनुज ने हमारी पतनी को गाली -गलौज तो बहुत छोटी बात थी मेरे सामने बहुत अपमान किया --मेरा चुप रहने का एक कारण यह था --मैं शास्त्री था ,शिक्षाविद था ,पिता के बाद बड़े पुत्र को भी पिता का धर्म निभाना चाहिए --इसका परिणाम यह हुआ न तो पतनी का हो सका न ही अनुज का हो सका | मेरी पतनी का कुछ योगदान था --जो मैं दर्शाना चाहता हूँ --जब माता पिता ,अनुज ,अनुज वधु को जेल हुयी थी साथ ही मुकदमें 24 चल रहे थे तो --मेरी पतनी ने ही मुक्ति दिलाई थी --चाची के पैर पकड़कर | आज जिस भवन के शान से अनुज रह रहा है, माता पिता रहे --वो योगदान भी मेरी पतनी का ही था --बदले में --यह पुरस्कार अनुज ने दिया | कर्य में डूबा था परिवार  तो मंगलसूत्र बेचकर गरीबी से  पतनी ने ही मुक्त करायी थी --इसका ईनाम भी यही मिला | जब भवन बन रहा था तो सिर पर ईंट उठायी थी -मेरी पतनी ने ,जबकि -अनुज ने एक भी ईंट नहीं उठायी | हम दोनों भाई तो अलग थे ही किन्तु --अनुज वधु एवं उसकी पुत्री  को स्वर्ण के गहने परिवार में किसी ने नहीं दिए --मेरी पतनी ने ही दिए थे --इन तमाम कार्यों के  पुरस्कार अनुज  ने अपशब्दों से दिए  | --अब मेरे जीवन की आत्मकथा में जो सार है --जिससे आपको जीने की राह मिलती है या आपको इसी प्रकार से जीना चाहिए  क्रम से पढ़ते रहें --भवदीय ज्योतिषी झा मेरठ -जीवनी के सभी भागों को  पढ़ने के लिए लिंक का उपयोग करें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut



शनिवार, 30 दिसंबर 2023

महिलाओं को लाभ तो गरीबों को खुशहाली मिलेगी =2016 पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था


 महिलाओं को लाभ तो गरीबों को खुशहाली मिलेगी =2016 पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

नववर्ष=2016 यानि संवत =2073 का आगमन होने वाला है तो जिज्ञासा भी उठ रही होगी मन में तो जानिए नववर्ष यानि श्रीसम्वत् में ज्योतिष की दृष्टि में --"कन्यायां सुस्थिरा प्राच्यांघृतेमहर्घतामता ,मरिर्दक्षिण देशस्यात्तथा बंगेप्युद्रवाः,चतुष्पदसुखं प्राच्या मुदीच्यां राजविग्रहः ,मध्यदेशे प्रजाभंगः समर्घत्वं घृतेपुनः | | --अर्थात नववर्ष की शुरुआत कन्या लग्न से हो रही है जिसके प्रभाव से प्रारम्भ में स्थिरता देखने को मिलेगी । दक्षिण भारत एवं बंगाल में उपद्रव होंगें ,साथ ही प्राकृतिक प्रकोप से जनता को दुःख रहना होगा । मध्य भारत -भोपाल ,नागपुर ,हैदराबाद के समीप कहीं भी राजविग्रह से क्षति होगी । घी ,तेल ,अन्न आदि खाद्य पदार्थ के दाम बढ़ेंगें । नववर्ष में भारतीय तीन राज्यों में सत्ता परिवर्तन होगा । भारतीय उत्तरी भाग कश्मीर को लेकर भारी झगड़े -झमेले होंगें । सीमाओं पर युध की परिस्थिति आ सकती है । -वैसे -श्रीसंवत=2073 का प्रारम्भ 07 /04 /2016 शाम 4 /54 पर हो रहा है । लग्न का मालिक त्रिक स्थान में निर्बल है साथ ही बुध ही नववर्ष का मन्त्री भी है इसका मतलब है मन्त्रीजी की बात नहीं सुनी जाएगी । नववर्ष का राजा शुक्र है और वर्ष कुण्डली में भाग्य का और धन का स्वामी होकर सूर्य एवं चन्द्र के साथ केंद्र में विराजमान है इससे यह बात पक्की है कि पूरे साल राजतन्त्र पर शुक्र का अधिकार रहेगा ----शुक्र के कारण अत्यंत गरीब तबका ,अल्पसंख्यक ,तामसवृति वाले लोग एवं महिलाओं का रहनुमा रहेगा नववर्ष =2016 -ऐसे लोगों को हर संभव सहायता अवश्य मिलेगी । आगे श्री हरि कृपा ।- भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut




शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

मेरी आत्मकथा -पढ़ें भाग -91 ज्योतिषी झा मेरठ


 मेरे प्रिय आत्मकथा के पाठकगण -अब हम क्रम से जिन -जिन बातों को बताना चाहता हूँ --वास्तव में इस एटीएम कथा का सार है या यह समझें निचोर है | अब तमाम बातों इस तरह समझें -जैसे कोई फ़िल्म बनाता है तो वो तमाम बातों का रसा स्वादन  धन के लिए करता है --वास्तविक रूप में हर व्यक्ति को अपने जीवन की बातों को समझने के लिए -अगर नायक  नायिका बनकर देखेगा --तो अनन्त विषमताओं का स्वाद चखना होगा --जिसमें केवल उलझनें होतीं हैं --अगर ईस्वर की नियति समझकर देखेंगें --तो चाहे  सुख हो या दुःख कोई फर्क नहीं पड़ेगा | --खासकर हमने तो यही अनुभव किया है --पहले मैं एक वैदिक था , फिर साहित्य विषय से शास्त्री की --फिर ज्योतिषी हुआ --अन्त में आध्यात्मिक हुआ | इसी प्रकार से भले ही मध्यम परिवार में जन्म हुआ -राजयोग था उत्तम खान -पीन के साथ उत्तम  शिक्षा अंग्रेजी में मिलनी शुरू हुई  पर --ग्रहों के खेल निराले होते हैं सो -केवल 10 वर्ष में राहु की दशा आयी | अति दरिद्र हो गया ,अंग्रेजी की शिक्षा से संस्कृत की शिक्षा में आ गया | भले ही दरिद्र हो गया किन्तु -राजा भले ही गरीब हो जाय स्वभाव से राजा ही थे --इसी कल खण्ड में शिक्षा ,विवाह ,संतान ,नौकरी मिलनी थी --किन्तु ग्रहों के प्रभाव के कारण कुछ सही मार्गदर्शन नहीं होने के कारण --इन तमाम क्षेत्रों में भटकाव रहा --पर फिर गुरु की दशा आयी तो स्वभाव से तो राजा थे ही धन से भी राजा हो गए | --ऐसी स्थिति  में लगा दोषी -माता पिता या परिजन थे --तो आग उगलनी हमने शुरू की --पर जब हम खुद पिता से नाना बनें -तो लगा ये ग्रहों के खेल थे --किसी भी बंजर भूमि को उपयोगी बनायीं सकती है --तो मानव तो उसकी अपेक्षा सरल और सुकोमल है --इसे ज्ञानी ,वैरागी ,संस्कारी  बनाया जा सकता है | हर व्यक्ति के जीवन में यह सुधारने का काम पहले माता पिता करते हैं --वो भले ही निरक्षर हों किन्तु --संतान को साक्षर बनाने के लिए अनन्त प्रयास करते हैं | यही काम गुरु करते हैं | ज्योतिष का पूरक कर्मकाण्ड है और कर्मकाण्ड का पूरक ज्योतिष --ज्योतिष का लाभ कर्मकाण्ड के द्वारा  लिया जाता है | कर्मकाण्ड का लाभ ज्योतिष के बिना असंभव है -| -आजकल ज्योतिष में भी  रूचि है और कर्मकाण्ड में भी --खूब कुण्डली दिखाते हैं ,खूब पूजा +पाठ करते हैं किन्तु एक दूसरे पर श्रद्धा नहीं है ,आपस में तोल +मोल करते हैं --यद्पि कोई ज्योतिषी भगवान नहीं होते ,यद्पि कोई वैदिक भगवान नहीं होते किन्तु --वास्तव ये भगवान से  कम भी नहीं होते --अगर यह विस्वास हो जाय तो अवश्य लाभ मिलेगा | अब मेरे जीवन की आत्मकथा में जो सार है --जिससे आपको जीने की राह मिलती है या आपको इसी प्रकार से जीना चाहिए  क्रम से पढ़ते रहें --भवदीय ज्योतिषी झा मेरठ -जीवनी के सभी भागों को  पढ़ने के लिए लिंक का उपयोग करें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

2012 -देश -विदेशों - में क्या- होगा - पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


  १३अप्रैल २०१२ वैशाख कृष्ण अष्टमी शुक्रवार सायं ७बज्कर १९मिनत पर सूर्य भगवान् -अश्विनी नक्षत्र -मेष

राशि में प्रवेश करेंगें ||
{१}-अंतर्राष्ट्रीय जगत में नई तकनीक के माध्यम से होने वाले लाभ के मालिक सूर्य तथा चंद्रमा केन्द्रगत गुरु के साथ बैठे हैं | जो विज्ञानं के क्षेत्र में पर्याप्त उन्नति कर्वएंगें ||
{२}-भौतिक संसाधन उतरोत्तर बढ़ते जायेंगें | विश्व लग्न में -उच्च का शनि बैठा है,एवं लग्नेश शुक्र आठवे स्थान {मृत्यु }पर केतु के साथ हैं ,साथ ही विश्व कुंडली में गुरु ,सूर्य तथा शनि का प्रतियोग भी है | इस कुयोग के कारण-संवत -२०६९ में २२मार्च -२०१२ से १०अप्रैल २०१३ तक की समयावधि में बढ़ते ईसा -मूसा के विरोध में अत्यधिक मारक हथियार ,गोला- बारूद,बहुविनाशकारी बम आदि खूब बनाये जायेंगें | हथियार संग्रह सैन्य बल वृद्धि में कोई भी देश पीछे नहीं रहेगा |दूसरों को शांति का पाथ पढ़ाएंगे -स्वयं अपनी अपनी ही राह पर चलेंगें |{३}-विश्व की सोच अपने -अपने बचाब पर रहेगी | अमेरिका -आदि समृद्ध देश छोटे देशों पर अपना दबाब बनाने का पर्यास करेंगें | आतंकवाद से भयभीत भी रहेंगें |
संसार की घटना के लिए शास्त्रों का मत =
तुला लग्ने मध्य देशे,छत्र भंगश्च विग्रहः |
धान्यस्य विक्रयः प्राच्यां छत्र भंग्मुपद्रवः ||--के अनुसार पश्चिम के देश पाकिस्तान आदि में भारी विग्रह होगा |खाड़ी के देशों में युद्ध की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है | पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति के रुख में बदलाव हुआ तो टकराव का रास्ता साफ हो जायेगा |शनि का वेध पृथ्वी के किसी भाग को तहस -नहस कर सकता है ||
--सूर्यपुत्रो तुलायाति,ह्य्ग्नुपद्र्वमादिशेत |
सप्त धान्य महर्घनी मेदिनी नष्ट कारिका ||
संवत २०६९ में तेजी का चक्र चलेगा | यदि मंदी की शुरुआत हो गयी तो थमने का नाम नहीं लेगी | किसी देश की मुद्रा फेल हो सकती है |
भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


बुधवार, 27 दिसंबर 2023

"विस्वावसु" संवत २०६९{२०१२}का संसार के ऊपर प्रभाव - पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 "विस्वावसु" संवत २०६९{२०१२}का संसार के ऊपर प्रभाव - पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

श्रीसंवत २०६९ का शुभारम्भ २२ मार्च २०१२ गुरूवार रात्रि ८.०६ बजे पर उदित कन्या लग्न से हो रहा है | साथ ही कुंडली में भाग्येश धनेश शुक्र आठवे स्थान में विरोधी ग्रह के साथ बैठा है | वर्ष का आरम्भ लग्न पापकर्तरी योग में नेष्ट है |जिस वर्ष की लग्न पापकर्तरी योग में होती है ,उस वर्ष दैहिक ,दैविक एवं भौतिक संताप विशेष होते है | झगडे -झमेले खूब होते हैं | वर्ष का सञ्चालन शुक्र के हाथ में होगा ,जो स्वभावतः -मलेछ प्रवृत्ति एवं स्त्री करक ग्रह है | अतः -स्त्रियों के साथ -साथ नपुंशक ,अल्पसंख्यक ,निम्न्स्रेनी ,नीच प्रकृति के लोगों का वर्चस्व बढेगा |सरकार की सोच भी अयोग्यता की तरफ वोट बैंक की खातिर सिमटती जाएगी |
---अपूज्या यत्र पूज्यन्ते ,पूज्यानाम च व्यतिक्रमः |
त्रोन त्रीनी भविष्यन्ति ,दुर्भिक्षं मरणं भयम ||
-जब अपूज्य लोगों की पूजा होने लगे ,एवं पूज्य लोग अपूज्य हो जाय तो -विनाश के योग बनने लगते हैं |
वर्ष प्रवेश कुंडली में विरोधी ग्रह गुरु शुक्र अष्टम भाव में { गृहयुद्ध लड़ाई -झगडे वाले स्थान पर बैठे हैं } हैं ,इससे स्पष्ट है कि देश में राजा -प्रजाजनों में तथा सम्प्रदायक दंगे -फसाद खूब होंगें | धर्मांध मठाधीश लोलुप्चारि नेता भोली भली जनता को लड्वाएंगें-- गुरु शुक्रो यदैकस्थो नर युध्हम तदा भवेत् |
अकाले वा भवेद वृष्टिरजगत्यां नात्र संशयः ||
भाव -कहीं अकाल पड़ेगा ,कहीं भारी वर्षा होगी ,बर्फबारी होगी ,कहीं सूखा पड़ेगी तो कहीं आंधी -तूफान जानलेवा सीधी होंगें |--पूवी उत्तर प्रदेश ,गुजरात ,झारखण्ड ,छतीसगढ़ ,पंजाब ,जम्मू -कश्मीर तथा हिमाचल में सर्वाधिक उत्पात मचेंगें | सुश्री मायावती तथा मोदीजी की सरकार के लिए समय कुछ अनुकूल नहीं रहेंगें |इस वर्ष चार महानगर ,चार प्रसिद्द देवस्थान ,चार बड़े होटल -ग्रहवेध के कारण त्रस्त होंगें |-- भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

मेरी आत्मकथा -पढ़ें भाग -90 ज्योतिषी झा मेरठ


 प्रिय पाठक जनों -मेरे एक यजमान मेरठ के ही रहने वाले हैं ,जिनसे मेरा सम्पर्क मोबाइल की वजह से हुआ | यह यजमान ब्राहण परिवार से हैं | साधारण किराये की  दुकान से अपनी दुकान तक आये | दिनों दिन धन की दुनिया में बहुत आगे बढ़ते गए | धन तो मिल गया किन्तु शराबी हो गए | कहावत है पानी कुछ देर के लिए बर्फ बन सकता है किन्तु  फिर  पानी का ही रूप धारण कर लेती है बर्फ क्योंकि मूल रूप पानी था | अनायास  मेरा इनसे संपर्क पूजा के लिए हुआ --फिर क्या था -पूजा होते ही शराब तो छूट गयी साथ ही परम सात्विक भी हो गए किन्तु सब कुछ खो  दिया | --पूजा शुरू होते ही घर में अनन्त दरारें थीं जो शराब के नशे के कारण अहसास नहीं थी | जन्म लेते ही माँ छोड़कर चल बसी थी ,दूसरी माँ आयी -उनकी दो कन्या थी --पहली माँ से दो भाई थे --गरीबी की अन्तिम छोड़ से जीवन की शुरुआत हुई थी --इसलिए शिक्षा अधूरी रही तो सत्संग भी उत्तम नहीं रहा | जीवन में सही मार्गदर्शन नहीं मिला --किन्तु धर्म की अपनी परिभाषा होती है ---विवाह हुआ ,संतानें हुई ,धन वैभव सभी हुए -पर आत्मीयता नहीं हुई ,दुकान ,मकान ,धन पर सभी राज किये --शराबी बने रहे यही सभी परिजनों के प्रयास रहते थे --जब मुझसे सम्पर्क यज्ञ के लिए हुआ तो यह तमाम बातें मुझे नहीं पत्ता थी | किसी तरह छुपके से पहला यज्ञ हुआ --2013 में --इस यज्ञ के प्रभाव से परत दर परत खुलने लगी -अब यह यजमान परम  सात्विक हो चुके थे --तब उन्हें ज्ञात होने लगा सच क्या है -जब यह ज्ञात होने लगा --तो सभी लुटेरे समझ में आने लगे | मुझे यह अनुभव हुआ --जब यह शराबी थे तो सभी के प्यारे थे ,नशा हटते ही सबके शत्रु बन गए --किसी तरह हमने कोशिश की दुकान जो अपनी मेहनत से ली थी वो इनके नाम हो जाय -हो गयी ,मकान जो इन्हौनें बनाया था वो इनके नाम हो जाय -वो भी हो गया | एक बहिन का विवाह नहीं हुआ था -उसका उत्तम घर में विवाह हो जाय हो गया --अब हम चाहते थे -जो धन है वो भविष्य के लिए सुरक्षित रहे --किन्तु --होनी हो के रहती है | मेरे प्रति यजमान का अति विस्वास बढ़ता गया --हमने भी धर्म को साक्षी मानकर कोशिश करते रहे किन्तु --एक भूचाल आया -- सभी शत्रु बन गए --दुकान में जितने भी सेवक थे सभी लूटते थे ,घर में सभी परम शत्रु थे -जब यजमान सजग हुए और तमाम बातों का भान हुआ -इस बात का ऐसा असर हुआ --कि आत्महत्या करने की सोचने लगे ,विक्षिप्त सा रहने लगे --छे महीने के अन्दर दुकान तो बची रही पचास  लाख के माल समाप्त हो गए --दुकान की देन- दारी लाखों की हो गयी | सभी परिजन महाशत्रु हो गए --मकान- दुकान तो बच गए पर --धन शून्य हो गया --अब विरक्त भाव से रहने लगे --यह यजमान सभी बातों को सह सकते थे --किन्तु गृहणी उत्तम नहीं थी इसलिए यह स्थिति आयी | जीवन में मुझे लगा है या अनुभव हुआ है --गृहणी सजग हो तो व्यक्ति गिर कर भी उठ जाता है --अन्यथा वो कभी भी मजबूत नहीं हो सकता है --हमने कई यज्ञ किये --उन्हें इंसान भी बनाया ,धार्मिक बनाया किन्तु भाग्य को नहीं बदल सके | यह इसलिए क्योंकि मेरे भाग्य के क्षेत्र में नीच का शनिदेव हैं अतः धन नीचता से ही प्राप्त हो सकता है ,नीच कर्म करने वाले ही वास्तव में धन मुझे दे सकते हैं --सात्विक व्यक्ति से मुझे भाग्योदय नहीं हो सकता है | -भवदीय निवेदक ---खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut



2012 -की प्रमुख घटित होने वाली "घटनाएँ"? पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ


 2012 -की प्रमुख घटित होने वाली "घटनाएँ"? पढ़ें - कभी यह आलेख लिखा था -ज्योतिषी झा मेरठ

राजा एवं मंत्री स्वयं शुक्र हैं २०१२ के |-जो झगडे -झमेले खूब दिखाएंगें | कहीं सत्ता का परिवर्तन होगा तो कहीं आरक्षण के कारण क्लेश होंगें | भ्रष्टाचार की बढ़ोत्तरी होगी | भारत ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान आदि एशिया के देशों में युद्ध के संकेत बनेंगें किन्तु शांति की जीत होगी | आतंकवादी अधिक ही पड़ेशान करेगी | अमेरिका आदि देश छोटे देशों पर दबाब बनाने का विशेष कोशिश करेंगें ||
{१}-पश्चिमी देशों में हिंसा होगी ,जो थमने का नाम नहीं लेगी |स्वदेश में राजतन्त्र की कमजोड़ी के कारण -चोरी डकैती ,लूटपाट ,आगजनी ,बालहत्या ,विदूषी महिलाओं का अपमान , तोड़ -फोड़ ,हड़ताल ,तालाबंदी ,श्रमिक आक्रोश,हिंसक उपद्रव के कारण देश में भयभीत की स्थिति रहेगी ||
{2}-कश्मीर समस्या यथावत रहेगी | चीन से खटपट हो सकती है | बदलते राजतन्त्र का वर्चस्व कायम नहीं हो पयेगा | जनतंत्र पर भ्रष्टतंत्र हावी होता जायेगा | इस वर्ष आरक्षण तथा भ्रष्टतंत्र का मुद्दा केंद्र में रहेगा | भारत के दो प्रदेशों में अलग राज्य बनाने की आवाजें बहुत उठेंगी |
{३}-प्राकृतिक प्रकोप होगा | अतिवृष्टि -अनावृष्टि होगी | आंधी -तूफान आयेंगें | भूकंप -भूस्खलन होंगें | अग्निदाह ,ज्वालामुखीविस्फोट तो कहीं सुनामी लहरों के कारण जन - धन की हानी होंगीं | २०१२ में असाध्य बीमारी फैल सकती है ||
{४}=अंतर्राष्ट्रीय जगत में तेजी -मंदी का संतुलन बिगड़ सकता है |उपयोगी वस्तुएं ,तेल -पानी के आभाव में चारो तरफ हो -हल्ला मचेगा | युध्ह के संकेत मिलने लगेंगें | पश्चीमोत्तर सीमाओं पर चौकसी विशेष बरतनी चाहिए |-- {५}=कलियुगी करतूत ,छल -कपट,दंभ ,पाखंड ,.सूरा -सुन्दरी ,घोटालेबाजी तथा सत्तारूढ़ दल उठा पटक के चलते किंचित बदलाव नेताओं की होगी ||
भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...