१३अप्रैल २०१२ वैशाख कृष्ण अष्टमी शुक्रवार सायं ७बज्कर १९मिनत पर सूर्य भगवान् -अश्विनी नक्षत्र -मेष
राशि में प्रवेश करेंगें ||
{२}-भौतिक संसाधन उतरोत्तर बढ़ते जायेंगें | विश्व लग्न में -उच्च का शनि बैठा है,एवं लग्नेश शुक्र आठवे स्थान {मृत्यु }पर केतु के साथ हैं ,साथ ही विश्व कुंडली में गुरु ,सूर्य तथा शनि का प्रतियोग भी है | इस कुयोग के कारण-संवत -२०६९ में २२मार्च -२०१२ से १०अप्रैल २०१३ तक की समयावधि में बढ़ते ईसा -मूसा के विरोध में अत्यधिक मारक हथियार ,गोला- बारूद,बहुविनाशकारी बम आदि खूब बनाये जायेंगें | हथियार संग्रह सैन्य बल वृद्धि में कोई भी देश पीछे नहीं रहेगा |दूसरों को शांति का पाथ पढ़ाएंगे -स्वयं अपनी अपनी ही राह पर चलेंगें |{३}-विश्व की सोच अपने -अपने बचाब पर रहेगी | अमेरिका -आदि समृद्ध देश छोटे देशों पर अपना दबाब बनाने का पर्यास करेंगें | आतंकवाद से भयभीत भी रहेंगें |
संसार की घटना के लिए शास्त्रों का मत =
तुला लग्ने मध्य देशे,छत्र भंगश्च विग्रहः |
धान्यस्य विक्रयः प्राच्यां छत्र भंग्मुपद्रवः ||--के अनुसार पश्चिम के देश पाकिस्तान आदि में भारी विग्रह होगा |खाड़ी के देशों में युद्ध की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है | पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति के रुख में बदलाव हुआ तो टकराव का रास्ता साफ हो जायेगा |शनि का वेध पृथ्वी के किसी भाग को तहस -नहस कर सकता है ||
--सूर्यपुत्रो तुलायाति,ह्य्ग्नुपद्र्वमादिशेत |
सप्त धान्य महर्घनी मेदिनी नष्ट कारिका ||
संवत २०६९ में तेजी का चक्र चलेगा | यदि मंदी की शुरुआत हो गयी तो थमने का नाम नहीं लेगी | किसी देश की मुद्रा फेल हो सकती है |
भवदीय ----खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ ----ॐ --ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को जानने हेतु इस लिंक पर पधारें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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