धनु राशि --यह राशि पुरुष जाति ,कांचन वर्ण ,द्विस्वभाव ,क्रूर -संज्ञक ,पित्त प्रकृति ,दिनबली ,पूर्व दिशा की स्वामिनी , दृढ शरीर ,अग्नितत्व ,क्षत्रिय वर्ण ,अल्प संतति एवं अर्ध जल राशि है | इसका प्राकृतिक स्वभाव अधिकार प्रिय ,करुणामय और मर्यादा का इच्छुक है | इससे पैरों की संधि और जंघाओं का विचार किया जाता है |
----मूल ,पूर्वाषाढ़ा ,उत्तराषाढ़ा का एक चरण इसमें व्याप्त रहता है | आचार्यों का विस्वास है कि जो व्यक्ति धनु राशि का होकर मूल नक्षत्र में जन्म लेता है ,वो सुख से सम्पन्न ,धन से युक्त ,वाहन से युक्त ,हिंसा करने वाला ,बलशाली ,स्थिर -प्रज्ञा लेकर अबिचलता के साथ कार्य करने वाला होता है |
----अपने प्रताप से शत्रुओं का दमन करता है | पंडित और पवित्र होता है | पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का जातक यदि धनु राशि का हो तो देखने पर ही उपकार करने वाला ,भाग्यवान ,स्वजनों का प्रिय और अनेक विषयों का पंडित होता है | उत्तराषाढ़ा का जातक बहुत मित्र वाला ,दीर्घ कलेवर वाला ,अति विनयी ,सर्व सुखी ,शूरवीर और विजयी होता है | --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

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