कनकधारा स्तोत्र {लक्ष्मी स्तुति } सुनें --खगोलशास्त्री झा मेरठ
कनकधारा वह स्तुति है --जिसे श्री आदिशंकराचार्य ने रचना भी की और तत्काल आवला स्वर्ण रूप में परिवर्तित हो गए थे | यह संस्कृत भाषा हैं --सुनने से भी लाभ होता है एवं पाठ करने से भी लाभ होता है | अपने शिष्य को तमाम कसौटी पर परखने का प्रयास करता रहता हूँ | --जिसे देखकर और सुनकर विस्वास संभव है | ----भवदीय निवेदक --ज्योतिषी झा मेरठ --आपके अनन्त ज्योतिष+कर्मकाण्ड जिज्ञासा का केंद्र --यह पेज है ,पधारें अपना लाभ अपने अनुसार उठायें --https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut
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