"कर्कोटक "नामक कालसर्प योग का प्रभाव -पढ़ें -ज्योतिषी झा "मेरठ "
किसी भी जन्मकुण्डली में "कर्कोटक "नामक योग तब बनता है -जबकि अष्टम में राहु और द्वितीय भाव में केतु हो साथ ही सभी सूर्यादि सातों ग्रह इनके मध्य स्थिति हों । कर्कोटक नामक कालसर्प योग में जन्म लेने वाले जातक की धन की स्थिति उत्तम नहीं रहती है । ऐसे जातक की जिंदगी में रहस्य्मय ,रोमांचक और आकस्मिक घटनाएँ घटित होतीं रहतीं हैं । जो कुछ होता है वह अकस्मात् ही होता है । चाहे शुभ हो या अशुभ कार्य । ऐसे जातक "प्राण जाय पर वचन न जाय " वाली बात पर अटल रहते हैं । ऐसे जातक के जब भी किसी से अनायास मधुर सम्बन्ध बनता है वह स्थिर नहीं होता है । रोजी -रोटी का उत्तम से उत्तम साधन मिलने पर भी ऐसे जातक असंतुष्ट रहते हैं । ----निदान -वैसे अपने -अपने आचार्य की बात का पालन करें -किन्तु धनाभाव या कुछ करने की कामना हो तो -शिव की उपासना से आयु की प्राप्ति प्राप्त करें और माँ लक्ष्मी की उपासना से धन से सदा युक्त रहें । अष्टमी ,नवमी एवं चतुर्दशी तिथियों में श्री फल और लाल फल माँ लक्ष्मी को अर्पण करने से लाभ अवश्य होगा । ----------दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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