ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

रविवार, 23 मार्च 2025

भावों में ग्रहों का फल -जानें -पढ़ें -भाग -70 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


  ---किसी  भाव का स्वामी पापग्रह "दुष्ट ग्रह " हो और वो लग्न से तृतीय भाव में बैठा हो तो उत्तम फल देता है ,किन्तु जिस भाव का स्वामी शुभ ग्रह हो ,वो यदि उस भाव से तृतीय स्थान में बैठे ,तो मध्यम फल देता है | 

--जिस भाव में शुभ ग्रह बैठा हो ,उसका फल उत्तम होता है तथा जिसमें पाप ग्रह रहता है ,उस भाव के फल की हानि होती है | 

--जिस भाव में उसका अधिपति ग्रह अथवा शुक्र ,बुध या गुरु बैठा हो अथवा इनकी दृष्टि पड़ रही हो अथवा वो अपने भाव के स्वामी के अलावा किसी अन्य ग्रह से युक्त अथवा दृष्ट न हो ,तो वो शुभ फल देता है | 

--जिस भाव का अधिपति शुभ ग्रह से युक्त अथवा दृष्ट हो ,अथवा जिस भाव में शुभ ग्रह बैठा हो अथवा जिस भाव को शुभ ग्रह देख रहा हो ,वो शुभ फल देता है | 

--जिस भाव में कोई पाप ग्रह बैठा हो अथवा उसके अधिपति के साथ कोई पाप ग्रह बैठा हो अथवा उसके अधिपति पर पापग्रह की दृष्टि पड़ रही हो अथवा उस भाव को ही कोई पापग्रह देख रहा हो ,तो फल अशुभ होता है | 

--जिस भाव का अधिपति उच्च राशि का स्वक्षेत्री ,मित्र क्षेत्री या मूल त्रिकोण स्थित हो ,उस भाव का फल शुभ होता है | 

--सूर्य ,मंगल ,शनि तथा राहु क्रम से एक दूसरे से अधिक पापी होते हैं अर्थात अधिक अशुभ फल प्रदान करते हैं | यही ग्रह यदि अपने मित्र की राशि अथवा अपनी उच्च राशि में बैठे हुए हों ,तो अल्प पापी होते हैं --अर्थात अशुभ फल न्यून मात्रा देते हैं | 

--चंद्र ,बुध ,शुक्र ,केतु तथा गुरु ये सब क्रम से एक दूसरे से अधिक शुभ ग्रह हैं | फल का विचार करने में केतु प्रायः पापग्रह माना गया है ,किन्तु वैसे केतु की गणना शुभ ग्रहों  में की जाती है | यह ग्रह यदि अपनी राशियों में बैठे हों तो अधिक शुभ फल प्रदान करते हैं और यदि पापग्रहों -सूर्य ,मंगल ,शनि और राहु -की राशि में बैठे हों तो अल्प सुख प्रदान करते हैं | -------भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


शुक्रवार, 14 मार्च 2025

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -15 /03 /29 से 29 /03 /25 -तक -ज्योतिषी झा मेरठ


 ॐ श्रीसंवत -2081 -शाके -1946 चैत्र कृष्ण पक्ष --तदनुसार दिनांक -15 /03 /2025 से 29 /03 /2025 तक -पाक्षिक भविष्यवाणी की बात करें तो एक राशि में पांच ग्रहों का फल का यह प्रमाण देखें ---एक राशौ यदा यान्ति चत्वारः पंच खेचराः ,प्लावयन्ति मही सर्वा रुधिरेण जलेन वा "--अर्थात --विश्व समुदाय में कहीं भी असम्भावी कुघटना चक्र घट सकती है | किन्हीं देशों में युद्धोत्पात की संभावना बन सकती है | विदेशी मेहमान का स्वदेश आना तथा अपने देश का दूसरे देश में जाना खतरनाक है | ---एक और प्रमाण देखें --शनिवारा यदा पंच पाताले कम्पते फणी ,ईशान देश भङ्गश्च वह्निदाहो महर्घता "----अभिप्राय ---अमेरिकादि देश तथा भारत के पूर्वोत्तर भाग में कहीं भूकम्प एवं ज्वालामुखी विस्फोट की त्रासदी झेलनी पड़ती है | किसी देश -प्रदेश में भारी क्षति संभव होती है | ---तेजी म,मंदी की बात करें तो --जहाँ प्राकृतिक परेशानी होती है ,वहां चल रहे साम्यक भाव किंचित बढ़ जाते हैं | चैत्र मास में मशीनरी ,अत्याधुनिक उपकरण ,कलपुर्जे ,स्टेशनरी ,साईंस के सामान ,दवाई -गोली ,दारू पेय पदार्थ ,फूल -पत्ते ,पूजा सामग्री ,सूती वस्त्र ,कागज ,स्याही इत्यादि में तेजी रहेगी | अन्यान्य वस्तुओं के भाव भी बढ़ सकते हैं | ---आकाश लक्षण की बात करें तो --इस पक्ष में बुध अस्त ,शुक्र उदयास्त तथा शनि पूर्वोदय के प्रभाव में मौसम खराब चलेगा | --मेघ गर्जना ,वायुवेग ,झंझाबात ,उपलवृष्टि बिजली गाज ,दिग्दाह ,तुषारपात के कारण खड़ी फसलों में क्षति होगी | तापमान बढ़ेगा | ------भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


शनिवार, 8 मार्च 2025

भावों में ग्रहों का फल -जानें -पढ़ें -भाग -69 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


-------केन्द्र -प्रथम ,चतुर्थ ,सप्तम तथा दशम भाव में बैठे हुए ग्रह अधिक शक्तिशाली होते हैं | अतः वो अपना फल प्रदान करते हैं | -

---त्रिकोण -पंच तथा नवम भाव में बैठे हुए ग्रह जातक के ऊपर अपनी शक्ति एवं सामर्थ का पूरा -पूरा प्रभाव डालते हैं | 

-----धन तथा लाभ स्थान -द्वितीय तथा एकादश भाव में बैठे हुए ग्रह जातक के धन की वृद्धि करते हैं | एकादश भाव में बैठा हुआ ग्रह विशेष लाभ देता है | 

-----इस प्रकार प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय ,चतुर्थ ,पंचम ,सप्तम ,नवम ,दशम और एकादश --ये नौ भाव -स्थान -और इनमें बैठे ग्रह उत्तम फल देने वाले बताये गये हैं | षष्ठ ,अष्टम तथा द्वादश भाव में बैठे हुए ग्रह जातक के लिए परेशानियां उत्पन्न करने वाले होते हैं --क्योंकि षष्ठ स्थान शत्रु का ,अष्टम स्थान मृत्यु का तथा द्वादश स्थान व्यय का होता है | 

---किन्तु सभी अच्छे स्थानों में बैठे हुए ग्रह शुभ फल ही देते हैं अथवा अष्टम तथा द्वादश भाव में बैठे हुए ग्रह अशुभ फल ही देते हों ,ऐसी बात नहीं है | राशि ,स्थिति ,अंश ,उच्च ,नीच ,स्वक्षेत्र ,मित्र-क्षेत्र ,शत्रु -क्षेत्र ,अन्य ग्रहों की दृष्टि ,युति आदि कारणों से अच्छे तथा बुरे स्थानों में बैठे हुए ग्रहों के प्रभाव में भी सहस्रों प्रकार के भले -बुरे परिवर्तन हो जाते हैं ,इस बात का सदैव स्मरण रखना चाहिए | 

---लग्न से तृतीय ,षष्ठ तथा एकादश भाव में क्रूर ग्रहों का बैठना जातक को शक्ति प्रदान करता है | एकादश भाव में सभी ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं | 

---स्वक्षेत्र ,उच्च -क्षेत्री ,मित्र -क्षेत्री अथवा स्वक्षेत्र या उच्च क्षेत्र पर दृष्टि डालने वाले ग्रह उस स्थान के गुणों की वृद्धि करते हैं | 

---जो ग्रह सूर्य के बराबर अथवा उसके समीप अंशों पर होता है ,उसे पूर्ण अस्त्र माना जाता है | जो ग्रह सूर्य से 8 अंश की दूरी पर होता है ,उसे आधा अस्त माना जाता है तथा जो ग्रह सूर्य से 15 अंश की दूरी पर होता है ,उसे पूर्ण उदय माना जाता है | पूर्ण उदय ग्रह अपना पूर्ण प्रभाव देता है ,आधा अस्त ग्रह अपना आधा प्रभाव देता है तथा पूर्ण अस्त ग्रह प्रभावहीन हो जाता है | 

--अगले भाग में फलादेश की कुछ और जानकारी लिखने की कोशिश करेंगें ---अगले भाग में भावों में ग्रहों का फल पर परिचर्चा करेंगें -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


गुरुवार, 6 मार्च 2025

स्थानाधिपतियों के नाम - जानें -पढ़ें -भाग -68 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


ज्योतिष कक्षा --पाठ -70 ---

स्थानाधिपतियों के नाम ---जन्म कुण्डली में जो द्वादश भाव होते हैं ,उनमें से प्रत्येक भाव के स्वामी को उसी भाव के अनुसार -नाम अथवा गुण के अनुरूप -सम्बोधित किया जाता है | इस सम्बन्ध में तालिका के अनुसार समझ लेना चाहिए ------

1 ----प्रथमभाव ---प्रथमेश। लग्नेश ,देहाधीश 

2 ----द्वितीयभाव ---द्वितीयेश ,धनेश 

3 ---तृतीयभाव ------ तृतीयेश ,पराक्रमेश 

4 ---चतुर्थभाव --------चतुर्थेश ,सुखेश 

5 --पंचमभाव -------पंचमेश 

6 ----षष्ठभाव -----षष्ठेश 

7 ---सप्तमभाव -----सप्तमेश 

8 ---अष्टमभाव -----अष्टमेश 

9 ---नवमभाव ---नवमेश ,भाग्येश ,धर्मेश 

10 --दशमभाव ----दशमेश ,राज्येश 

11 ---एकादशभाव ---एकादशेश ,लाभेश 

12 ---द्वादशभाव ----द्वादशेश ,व्ययेश 

----अगले भाग में भावों में ग्रहों का फल पर परिचर्चा करेंगें -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


बुधवार, 5 मार्च 2025

ग्रहों के स्थान सम्बन्ध ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -67-खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


जब कोई भी दो ग्रह अलग -अलग एक दूसरे के स्थान में बैठे हों ,तो उसे उन ग्रहों का स्थान सम्बन्ध कहा जाता है | आगे उदहारण से समझें ----किसी मेष लग्न की  कुण्डली में बुध के स्थान ,मिथुन  पर शुक्र बैठा है तथा शुक्र के स्थान ,तुला राशि पर बुध बैठा है | इस प्रकार दोनों ग्रह अपने -अपने स्थान छोड़कर एक दूसरे के स्थान पर बैठे हुए हैं ,--अतः इसे शुक्र तथा बुध का स्थान सम्बन्ध कहा जायेगा | इसी प्रकार अन्य ग्रहों के स्थान -सम्बन्ध के विषय में भी समझ लेना चाहिए | -----उपरोक्त पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध  तथा स्थान -सम्बन्ध का प्रभाव यह होता है कि ग्रहों का ऐसा पारस्परिक सम्बन्ध होने पर वो अपने -अपने गुण,कर्म तथा स्वभाव को एक दूसरे से मिलाकर जातक के जीवन पर प्रभाव डालते हैं ,अर्थात ---एक ग्रह में दूसरे ग्रह का स्वभाव सम्मिलित हो जाता है | किन्तु इन सम्बन्धों में मुख्य बात विचार करने की यह है कि पारस्परिक सम्बन्ध वाले दोनों ग्रह आपस में मित्र हैं ,शत्रु हैं अथवा सम भाव रखने वाले हैं | वो जातक के जीवन पर एक -दूसरे के विपरीत विशेष प्रभाव डालेंगें और यदि समभाव रखने वाले होंगें ,तो संयुक्त सामान्य प्रभाव डालेंगें | ---------नोट --ग्रहों के उक्त पारस्परिक सम्बन्धों पर विचार करते समय उनके उच्च राशिगत ,मूल त्रिकोण राशिगत ,नीच राशिगत ,स्वक्षेत्रगत अथवा शत्रु क्षेत्रगत होने आदि पर भी विचार कर लेना चाहिए ,क्योंकि इन सब बातों पर विचार करने के उपरांत सबके समन्वय एवं निष्कर्ष के रूप में जो फल निकलता है ,वो ही जातक के जीवन पर घटित होता है | ---अगले भाग में स्थानाधपति पर परिचर्चा करेंगें --- - -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -28 /02 /25 से 14 /03 /25 -तक -ज्योतिषी झा मेरठ


 श्रीसंवत -2081 -शाके -1946 फाल्गुन शुक्लपक्ष --तदनुसार  दिनांक -28 /02 /2025 से 14 /03 /2025 तक देश -विदेश की भविष्यवाणी की  बात करें --पहले एक प्रमाण देखें --शुक्रस्य पंच वाराः स्यु यत्र मासे निरन्तरम ,, प्रजावृद्धि सुभिक्षं च सुखं तत्र प्रवर्तते "--प्रस्तुत प्रमाण के अनुसार --प्रजा की वृद्धि होगी | देश -देशांतरों में सुख सुविधायें बढ़ेंगीं | समयोचित खान -पान  सभी का अच्छा चलता रहेगा | खेती में पैदावार की अच्छी उम्मीद मन खुश करेगी | कल -कारखाने ,उद्योगों का विस्तार होगी | इस वर्ष देश में आधुनिक हथियार बनना शुरू होंगें | --एक और प्रमाण देखें --आगे पीछे बहुत ग्रह ,सूर्य शनि आगार ,राजनीति सह द्वन्द से, होवे बहुत बिगार "--इस उक्ति के अनुसार राजनैतिक पार्टियों में अन्तर्द्वन्द कलह का कारण बनेगा | उठा -पटक में प्रादेशिक सरकार धराशायी हो सकती है | प्रभावी राजा काल कलवित हो सकता है | दो वर्ग विशेषों में उत्सव पर कहीं झगड़ा हो सकता है | भारत की राजनीति में भारी बदलाव के योग बन रहे हैं | तेजी मंदी की बात करें ---इस पक्ष में चालू मर्किट का रुख नरम रहेगा | पक्षारम्भ के बने भाव अंत में प्रतिकूल होंगें | अनाजों में कुछ तेजी संभव है | आकाश लक्षण की बात करें तो --पक्षारम्भ और अंत में न्यूनाधिक वर्षा होगी | --वायुवेग ,झंझावात ,हिमपात ,शीतलहर चलेगी | कहीं ओले पड़ने से खड़ी फसलों में क्षति होगी | वाहन टकराव ,भूकंप ,भूस्खलन ,कुसमय  बर्फबारी से क्षति संभव है | होलिका पूजन  ---गुरुवार -दिन में -10 35 से पूर्व करें | --होलिका दहन --भद्रा रात्रि -11 /21 के बाद शुभ रहेगा | --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -13 /02 /25 से 27 /02 /25 -तक -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ श्रीसंवत -२०८१ -शाके -१९४६ -फाल्गुन कृष्ण पक्ष -तदनुसार दिनांक -13 /02 /2025 से 27 /02 /2025 -तक पाक्षिक भविष्यवाणी की बात करें --पहले एक प्रमाण देखें -यत्र मासे पंचवाराः जायन्ते च बृहस्पतेः ,विग्रहः पश्चिमें देशे खड्ग युधंच जायते "--प्रस्तुत प्रमाण का भावार्थ है --पश्चिमी देश -प्रदेश  पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,रूस ,ईरान ,ईराक ,सीरिया ,अमेरिका ,पौलेण्ड ,लिथुआनिया। नाटो के कुछ अन्य देशों में वातावरण गरम होगा | कोई देश भारतीय सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां चलाने की कोशिश करेगा | --एक उक्ति पर ध्यान दें ---तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा --यह पुराणी उक्ति है | तीन का मिलना अच्छा भी होता  है तो नुकसान भी पहुँचाता है | "--क्रूर पाप के मध्य में रवि  राहु आगार ,अनहोने होवे तभी होय किसी से रार "    अर्थात ---विश्व युद्ध की ज्वाला भड़क सकती है | ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश का सामंजस्य होने पर संसार चक्र बहुत अच्छा चलता है | --तेजी मन्दी की बात करें - तिथियों की घटा -बढ़ी बाजार भावों में गिरावट का संकेत है --जेहि पखवारे तिथि बढे ,वाही में घट जाय ,सभी वस्तु मंदी बिकें ,महंगाई हट जाय "--चल रहे साम्यक भावों में गिरावट का संकेत है | व्यापारियों को चालू रुख देखकर ही व्यापार करना चाहिए | कुम्भ में सूर्य +शनि का योग तेल ,रसकश ,सोयाबीन ,सरसों ,मूंगफली ,पेट्रोल ,डीजल ,ऊनी वस्त्र ,मिर्च -मसाले ,सभी मेवा ,चीनी ,चावल ,दालों  में तेजी कर सकता है | आकाश लक्षण की बात करें ---कहीं आकाश स्वच्छ तो कहीं मेघाच्छादित रहेगा | वायुवेग के साथ यत्र -तत्र बूंदा -बांदी होगी | ओलावृष्टि ,हिमपात के कारण शीतलहर त्रस्त करेगी | जहाँ -तहाँ पाला पड़ने से खड़ी फसलों  में माहू नाम का कीड़ा लग सकता है | --  ---भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

पारस्परिक दृष्टि सम्बन्ध -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -66 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ




जन्म -कुण्डली का निर्माण करने से पहले ,अथवा किसी जातक की जन्म -कुण्डली का फलादेश निकालने से पहले पाठकों को ग्रहों का पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध के विषय में भी जानकारी प्राप्त कर लेनी चहिये | जब भी कोई दो ग्रह अलग -अलग स्थानों -भावों -में बैठे हुए एक -दूसरे के ऊपर अपनी दृष्टि डालते हैं ,तो उसे उन ग्रहों का पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध कहा जाता है | -----जैसे --किसी कुण्डली में लग्न में बैठा हुआ मंगल अपने स्थान से चौथे भाव में स्थित शनि के ऊपर अपनी दृष्टि डाल रहा है | साथ ही चौथे भाव में बैठा हुआ शनि भी अपने स्थान से दसवें भाव में स्थित मंगल के ऊपर अपनी पूर्ण दृष्टि डाल रहा है | इस प्रकार दोनों ग्रह परसपर एक -दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं ,अतः इसे ग्रहों का पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध कहा जायेगा | इसी प्रकार अन्य ग्रहों के पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध के विषय में भी समझ लेना चाहिए | 

---ग्रह दृष्टि सम्बन्ध ----जब कोई ग्रह अपने बैठे हुए  स्थान से किसी अन्य स्थान -भाव -को देखता है अथवा उस स्थान पर बैठे हुए किसी ग्रह को देखता है ,तो उसे उस ग्रह का दृष्टि -सम्बन्ध कहा जाता है | --एक और प्रमाण देखें --किसी कुण्डली में द्वादश भाव में बैठा गुरु सप्तम भाव में स्थित शनि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है --अतः इसे गुरु और शनि का दृष्टि -सम्बन्ध  कहा जायेगा | इसी प्रकार अन्य ग्रहों के दृष्टि -सम्बन्ध के बारे में भी समझ लेना चाहिए | 

----अगले भाग में स्थान -सम्बन्ध पर परिचर्चा करेंगें --- - -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


बुधवार, 5 फ़रवरी 2025

तृणमूल कांग्रेस -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 -पढ़ें -खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ तृणमूल कांग्रेस -की राशि तुला है | पार्टी की सर्वेसर्वा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सिंह राशि है | सिंह का स्वामी सूर्य वर्षारम्भ -2025 +26 की कुण्डली के अष्टम भाव में बैठा है | पार्टी को इस वर्ष -2025 +26 आने वाले चुनावों के लये कठिन परिश्रम करनी चाहिए | समय पर किये गये उचित निर्णय ही पार्टी की नैया डूबने से बचा पायेंगें | पार्टी  दलबदल करके गया हुआ नेता ही इनकी परेशानी का कारण बनेगा | किसी नये नेता के अभ्युदय के लिए समय उचित है | राज्य से बाहर विस्तार की नीति को पूरी सफल कर पायेंगें | जनता के आक्रोश का सामना भी पार्टी को करना पड़ेगा | कोई बड़ा नेता भष्टाचार की जद में आकर त्यागपत्र भी दे सकता है | --ध्यान दें --दीदी का अभी -2028 तक सर्वोत्तम राजयोग है | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

जनतादल यू -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 -पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ जनतादल यू --की मकर राशि है | दल के सर्वेसर्वा वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमारजी की राशि वृश्चिक का इस वर्ष -2025 +26 में प्रभाव बढ़ता जायेगा | पार्टी अपने विस्तार को करने में सफल रहेगी | देश की राजनीति में सिक्का चलने लगेगा | केन्द्र सरकार का वरदहस्त बना रहेगा | बिहार प्रगतिपथ पर रहेगा | विरोधी दलों के ऊपर वार करने में कोई भी मौका आप नहीं छोड़ेंगें | क़ानूनी विवादों का हल आपके पक्ष में हो जायेगा | जनता की सहानुभूति पाने में भी आप सफल होंगें | श्री नितीश कुमार जी --का राजयोग पूर्ण यौवन में है | इसकी अवधि -2028 तक रहेगी | -----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


सोमवार, 3 फ़रवरी 2025

राष्ट्रिय जनता दल -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 पढ़ें -खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ राष्ट्रिय जनता दल के प्रभावी राजनेता  श्री तेजस्वी यादवजी की तुला राशि है ,जिनका इस दल से सामंजस्य बना हुआ है | वर्ष प्रवेश -2025 +26 कुण्डली में शुक्र चार ग्रहों के साथ अष्टम भाव में स्थित है | जिसके फलस्वरूप पार्टी को दुश्मनों के कुचक्र से बाहर निकलने में समय लगेगा | पार्टी अपने प्रभाव का विस्तार करने में असफल सिद्ध होगी | आने वाले चुनावों में पार्टी अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने में असफल सिद्धि होगी | कोई बड़ा नेता दलबदल का शिकार हो सकता है | विरोधी दल इस वर्ष -2025 +26  भी आप पर भारी रहने की रणनीति में कामयाब रहेगी | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     



आम आदमी पार्टी -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 पढ़ें --खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ --पार्टी के सर्वे सर्वा -श्री अरविन्द केजरीवालजी  - -की जन्म कुण्डली बारहवें भाव में मंगल +शनि का योग आपके हित में नहीं है | गोचर ग्रहानुसार इस वर्ष पार्टी पर पकड़ कुछ कमजोर पड़ेगी | नये नेता का उभार इन्हें परेशान करेगा | भष्टाचार के छीटें से बचाव करना असंभव प्रतीत हो रहा है | न्याय पाने के लिए अदालतों का चक्कर इस वर्ष भी पीछा करेगा | पार्टी की स्थिति इस वर्ष कमजोर रहेगी | नये राज्यों में विस्तार की नीति को झटका लगेगा | पार्टी के नेता अपना अलग गुट बनाकर चुनाव लड़ने पर भी विचार करेंगें | -----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

समाजवादी पार्टी -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 - पढ़ें-खगोलशास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ --वर्तमान में पार्टी के सर्वेसर्वा श्री अखिलेश यादवजी की मेष राशि है | पार्टी की कुम्भ राशि --जिसका स्वामी शनि वर्ष -2025 +26 -प्रवेश कुण्डली में स्वराशि का होकर सप्तम स्थान में विराजमान है | पार्टी को मिलजुलकर आगे बढ़ने में ही समझदारी है | गठबंधन धर्म निभाना पार्टी के हितों के लिए अच्छा रहेगा | राज्य की राजनीति में इस वर्ष -2025 +26 में इस प्रभाव तथा बोट  बैंक दोनों बढ़ेंगें | अकेले चलने में अवनति होगी | पार्टी सत्तालोलुप नेता की छवि से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए | श्री अखिलेश यादव जी अपनी पार्टी को देश के अन्य राज्यों में भी फैलाने का असफल प्रयास करते नजर आयेंगें | भाग्य से इस वर्ष -2025 +26 कोई जैकपोट इनके नाम हो सकता है | भष्टाचारी तथा जातिवादी नेता इनकी छवि बिगाड़ने का पूरा प्रयास करेंगें | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


शुक्रवार, 31 जनवरी 2025

कांग्रेस आई का प्रभाव -ज्योतिष -विशेष -2025 +26 -पढ़ें -खगोलशास्त्री- ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ  भारतीय कांग्रेस आई -2025 +26 ---इस पार्टी का प्रमुख चेहरा श्रीमति सोनिया गाँधी जी का पार्टी में हस्तक्षेप इस वर्ष -2025 +26 में उत्तरोत्तर घटता जायेगा | श्री राहुल गांधीजी पार्टी के प्रमुख सर्वमान्य नेता के रूप में उभरेंगें | पार्टी के सर्वे सर्वा श्री राहुल गांधीजी की तुला राशि है | वर्ष प्रवेश कुण्डली के अनुसार तुला राशि का स्वामी शुक्र अष्टम स्थान में चार ग्रहों के साथ विकल है | अष्टम स्थान अचानक होने वाली घटनाओं को माना जाता है |  श्री राहुल गांधीजी को इस वर्ष -2025 +26 में बड़ी सफलता दिलाने में सक्षम होगा | इनके कुछ पुराने साथी पार्टी छोड़कर चले जायेंगें | पार्टी का केन्द्रीय राजनीति में जनाधार बढ़ेगा | श्री मल्लिका खड़गे जी के लिए इस वर्ष -2025 =26 की ग्रह स्थिति अनुकूल नहीं है | कुछ अवसरों पर इन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ेगा | पार्टी को दक्षिण भारत में कुछ स्थानों पर खड़गे जी के नेतृत्व में सफलता मिलेगी | ---ध्यान दें --श्री राहुल गांधीजी के लिए दिल्ली का सिंहासन अनुकूल नहीं रहेगा साथ ही सम्पूर्ण भारत में वर्चस्व बढ़ेगा --इसका भाव है --अभी चन्द्रमा की दशा चल रही है --चन्द्रमा नीच का है अतः --उचित बात भी अनुचित बन जाया करेगी | 2028 के बाद अनुकूल समय आयेगा --जब मंगल की दशा प्रारम्भ होगी | ---भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


गुरुवार, 30 जनवरी 2025

भारतीय जनता पार्टी -ज्योतिष विशेष -2025 -पढ़ें -खगोल शास्त्री -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ -तीसरी बार भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री पद की शपथ स्वीकार करने वाले --महाभाग- श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदीजी  दूसरे प्रधानमंत्री हैं | आपके शपथ ग्रहण के अवसर 09 /06 /2024 रविवार शाम 07 /23 पर वृश्चिक लग्न की जन्म कुण्डली बनी है | रविवार को राहुकाल शाम 4 /30 से 6 /00 तक था | इस समय  के उपरान्त समारोह सम्पन्न हुआ था  | लग्नेश -मंगल उच्च स्थति में होकर षष्ठ घर में विराजमान है | पापग्रह का छठे ,आठवें या बारहवें घर में बैठना शुभ माना जाता है | लग्नेश के ऊपर स्वराशि के बली शनि की पूर्ण दृष्टि भी पड़ रही है --जो लग्नेश को बल प्रदान कर रही है | --यह सही है कि पहले दिन से ही सरकार उधार की वैशाखी पर चल रही है ,किन्तु फिर भी अपना पक्ष मजबूती से रख रही है | सरकार गिरने का अभी कोई खतरा नहीं है | मंत्रिमण्डल के गठन में भी भारतीय जनता पार्टी को अधिक महत्व व विशेषाधिकार मिला है | अन्य दल मजबूरी में ही सही सरकार का समर्थन करने के लिए बाध्य है | वृश्चिक लग्न पर शुभ ग्रह सूर्य ,बुध ,गुरु तथा शुक्र सप्तम में विराजमान होकर पूर्ण दृष्टि डाल रहे हैं | ---अतः प्रधानमंत्री  पद ,विदेश ,गृह ,रक्षा ,कृषि और वित्त विभाग भारतीय जनता पार्टी अपने पास रखने में कामयाब रही | भारतीय जनता पार्टी अपने घोषणा पत्र के कुछ महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करने प्रारम्भ कर दी है | श्री मोदीजी की साख विदेशों में उत्तरोत्तर बढ़ती चली जा रही है | विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी को घेरने में पूर्णतया नाकाम साबित होगी | 

---जन्मकुण्डली --के पंचम भाव में बैठा राहु सरकार को विवेकपूर्ण फैसले लेने के लिए प्रेरित करता रहेगा | भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सरकार हिन्दू धर्म तथा उसके प्रतिष्ठित मन्दिरों के हितों की रक्षा करने में तत्पर रहेगी | भाग्येश अपने स्थान में विराजमान होकर सरकार को सबल प्रदान करेगा | एकादश भाव में बैठा केतु सरकार को धन एकट्ठा करने में बाधा डालेगा | देश का बैंक बैलेन्स अर्थात राजकोषीय घाटा बढ़ता जायेगा | 

--संवत -2082 में ग्रहपरिषद के चुनाव में राजा तथा मंत्री पद सूर्य को मिला है --जिसके प्रभाव से प्रधान मंत्री श्रीमोदीजी का प्रभाव इस वर्ष -2025 +26 में बढ़ता जायेगा | पार्टी से नाराज नेताओं से निपटने में श्रीमोदीजी सक्षम होंगें | अन्य दलों से आये नेता पार्टी छवि खराब करने का काम करेंगें ,जिनसे श्रीमोदीजी को सतर्क रहना चाहिए | राज्य के स्तर पर पार्टी विशेष सफलता प्राप्त करेगी | नए राज्यों के के चुनावों में पार्टी को अपेक्षित सफलता मिलेगी | पार्टी के संख्याबल में विस्तार होता जायेगा | दक्षिण के राज्यों में पार्टी को विशेष सफलता मिलती जायेगी | कुछ राज्य स्तरीय नेताओं को केन्द्र की राजनीति में लाने में श्रीमोदीजी कामयाब रहेंगें | पार्टी के प्रमुख नेता की विदाई भी इस वर्ष संभव होगी |            

---ध्यान दें --श्रीमोदीजी का विशेष राजयोग -2028 तक है | अनन्त बाधाओं का सामना करते हुए -महाभाग -अजय पथ पर आरूढ़ रहेंगें | देश प्रगति पथ पर रहेगा | -भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ -नूतन साल -2025 की सभी भविष्य वाणी के आलेख ब्लॉगपोस्ट पर उपलब्ध हैं --लिंक पर पधारें --khagolshastri.blogspot.com     


                                                                         

देश -विदेश की भविष्यवाणी पढ़ें -30 /01 /25 से 12 /02 /25 तक -ज्योतिषी झा मेरठ



ॐ श्रीसंवत -2081 -शाके -1946 -माघ शुक्ल पक्ष --तदनुसार दिनांक -30 /01 /2025 से 12 /02 /2025 तक भविष्यवाणी की बात करें --एक प्रमाण देखें --बुधस्य पंच वाराः स्यु यत्र मासे निरन्तरं ,प्रजाश्च सुख सम्पन्ना सुभिक्षं च प्रजायते | --प्रस्तुत प्रमाण के अनुसार इस मास प्रजाजन सुख शान्ति का अनुभव करेंगें | कृषिकार्यों में पर्याप्त उन्नति होगी | पैदावार वृद्धि मन खुश करेगी | उद्योग धंधे बढ़ेंगें | उत्पादन अधिक होने से देश समृद्ध होगा | --एक और प्रमाण देखें --कृष्ण पक्ष की तिथि बढे ,शुक्ल पक्ष घट जाय। एक वास्तु तो क्या घटे ,सभी वस्तु घट जाय "---भाव --कहीं उपयोगी वस्तुओं की कमी पड़ सकती है | व्यापारी वर्ग लाभ कमायेगा |--- तेजी का असर तो होगा ही --उथल -पुथल होती रहेगी | अस्थिरता में सोच विचार कर काम करें | ----तेजी मन्दी विचार --- कहीं दैनिक उपयोगी वस्तुओं की कमी पड़ने से महंगाई वृद्धि हो हल्ला का कारण बनेगी | पक्षारम्भ के बने भाव अंत में पलट सकते हैं | सस्ते में संग्रह करने वालों को आगे चलकर लाभ होगा | बुधवारी पूर्णिमा के समीप बाजार का रुख नरम रहेगा | ---अर्थात बाजार की स्थिर लाइन बन सकती है | गुड़ ,चीनी ,बूरा -बताशा ,पेठा ,गुलाब -जामुन ,लड्डू में नरमी चल सकती है | ---आकाश लक्षण की बात करें तो ---जहाँ -तहाँ बादलचाल ,न्यूनाधिक वर्षा गरज के साथ ओलावृष्टि तुषारपात ,शीतलहर में ठिठुरन बढ़ेगी | शिशिर ऋतु अपना प्रभाव दिखलायेगा | --      भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com        

सोमवार, 27 जनवरी 2025

ज्योतिष की दृष्टि में मुस्लिम जगत -2025 +26 -भविष्यवाणी पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ


ॐ हिजरी सन -1447 -का प्रारम्भ मुहर्रम मास के प्रथम दिन -27 /06 /2025 की शाम को धनु लग्न से हो रहा है ,---जिसके स्वामी गुरु सूर्य के साथ सप्तम भाव पर अस्त स्थिति में हैं | --अर्थात --सभी मुस्लिम देश एक होकर अन्य देशों से मुकाबला करने की रणनीति बनायेंगें ,किन्तु उनके कामयाब होने की संभावना न के बराबर रहेगी | हालाँकि उन्हें विकसित देशों के अत्यंत दबाब में झुकना पड़ेगा | मुस्लिम राष्ट्र अपने धर्म का विस्तार अन्य देशों में कर पायेंगें | मुस्लिम देश नये हथियारों का अविष्कार करने में सक्षम होंगें | मिडिल ईष्ट के देशों में उनका दबदबा बढ़ता जायेगा | यूरोप के देश भी उनके खिलाफ कार्यवाही में कतराएंगे | मुस्लिम समाज का रहनुमा शनि ग्रह सुख के स्थान में बैठा है --स्थान वृद्धि करौ शनि ---इस प्रमाण के अनुसार मुस्लिम समाज सुख का अनुभव करेगा | काम -धन्धे का विस्तार होगा | निर्माण एवं उद्योगों में मुस्लिम जनों की भागीदारी बढ़ती जायेगी | अनेक नई वस्तुओं का निर्माण इनके द्वारा किया जायेगा | समाज के प्रत्येक तबके की आर्थिक स्थिति में उन्नति होगी | सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठेगी | धर्म गुरुओं की गलत बातों का भी विरोध समय के साथ प्रारम्भ हो जायेगा | 

----मंगल +केतु एक राशि में विराजमान होकर अराजकता को बढ़ावा देंगें | लूटपाट ,चोरी ,डकैती से यह समाज भी प्रभावित होगा | महिलाओं की स्थिति में अनुकूल परिवर्तन होगा | अनेक कुरीतियों के खिलाफ महिलाओं की आवाज बुलन्द होगी | पंचम भाव में दैत्य  गुरु --शुक्र स्थित होकर अपने समाज की रक्षा करेंगें और आने वाले मुसीबतों से भी बचायेंगें | असफलता के मध्य सफलता दिलायेंगें | ---       भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com                                                                                                                                                                               


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          

गुरुवार, 23 जनवरी 2025

ज्योतिष की दृष्टि में विश्व -2025-26 -भविष्यवाणी -पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


ॐ दिनांक -13 /04 /2025 रविवार रात्रि -27 बजकर 21 मिनट पर भगवान सूर्यदेव अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेंगें | सौर संवत्सर का प्रारम्भ इस वर्ष -2025 में कुम्भ लग्न से हो रहा है --जिसके स्वामी शनि मीन राशि में चतुर्ग्रही योग में फंसे हुए हैं | --अर्थात -विश्व के प्रभावशाली देश अपनी रक्षा के नाम पर मारक अस्त्र -शस्त्रों का जखीरा जमा करने में लगे रहेंगें | छोटे देशों पर आक्रमण ,आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने ,अपनी सीमाओं का विस्तार करना अपना हक़ समझेंगें | आधुनिक शस्त्रों का निर्माण तथा प्रयोग भी इस वर्ष खुलकर होगा | युद्ध के देवता मंगल नीच राशि में छठे भाव में बैठे हैं ,जिससे मुस्लिम देश अन्य देशों पर आक्रमण भी कर सकते हैं | 

----रूस ,चीन ,कोरिया ,अमेरिकादि देशों की विस्तारवादी नीति का खुलकर विरोध होने लगेगा | शुक्र का सौर वर्ष के मालिक के साथ होना भी सभी मुस्लिम देशों को इस्लाम के नाम पर एकजुट करके अन्तर्राष्ट्रीय जगत के खिलाफ खड़ा कर सकता है | सन --2025 +26  में ईसा -मूसा की लड़ाई का सूत्रपात हो जाय तो आश्चर्य न समझें | पाकिस्तान ,बांग्लादेश ,अफगानिस्तान ,इराक आदि देशों में गृहयुद्ध की चिंगारी सुलग सकती है | भारत के पड़ौसी देशों में युद्ध की ज्वाला भड़क सकती है | विश्व के कुछ देशों में पीने के पानी की भारी किल्लत से प्रजा त्राहि -त्राहि करेगी | भूख प्यास से दुःखी प्रजा पलायन कर सकती है | 

-----चतुर्थ घर --में विराजमान गुरु के प्रभाव से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित होगा | भारत के वैज्ञानिक देश का नाम रोशन करेंगें | भारतीय शिक्षा का स्तर बढ़ेगा | नये विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थाओं का विकास होगा | किसी भारतीय वैज्ञानिक को नये अविष्कार के लिए अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा | देश के ओद्योगिक उत्पादन में बढ़ोत्तरी से अर्थ व्यवस्था का विकास होगा |    --


  भवदीय -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ-नये साल -2025 की समस्त जानकारी इस लिंक पर पढ़ें -khagolshastri.blogspot.com                                                                                                                                                                                

बुधवार, 22 जनवरी 2025

श्रीसंवत -2082 यानि -2025 -26 की भविष्यवाणी पढ़ें -खगोलशास्त्री झा - मेरठ


      ॐ श्रीसंवत -2082 का आरम्भ -29 /3 /2025 शनिवार शाम 04 /27 पर सिंह लग्न से हो रहा है | लग्न का मालिक सूर्य चार अन्य ग्रह -चंद्र ,बुध ,शुक्र ,राहु के साथ मीन राशि  अष्टम भाव में विराजमान है | लग्नेश का अष्टम भाव में बैठना देश तथा सम्पूर्ण संसार दोनों के हित में नहीं रहेगा | लग्न को पापग्रह शनि पूर्ण दृष्टि से देखकर दूषित कर रहा है | जिसके फलस्वरूप संसार में अराजकता का बोलबाला रहेगा | सूर्य अपने शुभ प्रभाव का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पायेगा | आसुरी शक्तियां  सात्विक शक्तियों पर भारी पड़ती दिखाई देंगीं | युद्ध ,भयान्तक ,प्राकृतिक प्रकोप से दुःखी जनता पलायन करने पर विवश होती जायेगी | मानव की सोच से बाहर  के नये -नये  हथियारों का अविष्कार और प्रयोग देखने को मिलेगा | विश्व युद्ध जैसे हालातों से संसार को गुजरना पड़ेगा | राजा प्रजा के पालन  तत्पर रहेंगें | भष्टाचारी नेताओं पर संकट के बादल मंडराते जायेंगें | पिछले वर्ष भी नेताओं को जेल से सरकार चलाते देखा  गया था कुछ इसी प्रकार इस वर्ष का हाल भी जनता जनार्दन के सामने आ जायेगा | शासनाध्यक्षों का कठोर व्यवहार शत्रुओं  पर भारी पड़ता जायेगा | इस वर्ष -2025 -26 में शनि  अन्तरराष्ट्रीय जगत में कहीं भी शान्ति का वातावरण बनने नहीं देगा | ------एक प्रमाण देखें ---सूर्य शुक्र एक राशि में ,बैठे राहु संग | 

                                                            सामाजिक समरसता में होवे रंग में भंग | | 

--सूर्य -शुक्र और राहु यदि किसी वर्ष एक साथ हों तो सामाजिक सदभाव को धक्का लगता है | देश में जातिवाद का आंदोलन बड़े पैमाने पर होता है | राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते | जातिगत जनगणना की मांग जोर से उठने लगती है | समाज में परस्पर वैर -विरोध बढ़ता है जिसकी आड़ में दंगे -फसाद ,मारपीट ,झगड़ा ,परस्पर झूठे लांछन लगाने का चक्र तेजी से चलता है | आंदोलन में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने की संभावना बनने लगती है | नेता अपने दल को छोड़कर विरोधियों से हाथ मिलाते हैं | 

--वर्ष प्रवेश कुण्डली को भारत के नक़्शे के ऊपर रखकर देखें --यहाँ लग्न की दिशा पूर्व माननी चाहिए | इस प्रकार देखने पर क्रूर अथवा पाप ग्रह जिस दिशा में स्थित हों अथवा जहाँ -जहाँ उनकी दृष्टि पड़ती हो अर्थात वेध लगता हो उन स्थानों पर सर्वाधिक नुकसान हुआ करता है | वर्ष प्रवेश कुण्डली के अनुसार पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल प्रदेश। मणिपुर ,मिजोरम आदि पश्चिमी सीमा -पंजाब ,कश्मीर ,राजस्थान आदि क्षेत्र तथा पश्चिम बंगाल इस वर्ष क्रूर ग्रहों के दुष्प्रभाव में रहेंगें | यहाँ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का उलंघन ,तस्करी ,युद्ध ,आतंकी वारदातों का भय बना रहेगा | बाहरी तत्व अपने देश के भोले -भाले लोगों को भड़काने का प्रयास करेंगें | इस वर्ष --बिहार ,उड़ीसा ,आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में बाढ़ ,आंधी -तूफान ,चक्रवात ,बिजली ,गाज तथा प्राकृतिक उत्पात का भयंकर रूप देखने को मिलेगा |      भवदीय -


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मंगलवार, 21 जनवरी 2025

संसार चक्र संवत -2082 सन -2025 -भविष्यवाणी पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


ॐ इस वर्ष आकाशीय कौंसिल के चुनाव में राजा तथा मंत्री दोनों पद सूर्यदेव को मिला है | राजा एवं मंत्री सृष्टि के नायक सूर्यदेव के होने से विश्व में एक देश तथा एक राजा का अधिकार होता दिखाई देगा | संसार के सभी कार्य सुचारु रूप से चलेंगें | सभी देश किसी एक देश की सलाह मानकर युद्ध रोकने की दिशा में कदम बढ़ायेंगें | सूर्यदेव न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनायेंगें | उदंड देशों को सभी देश मिलकर दण्ड देंगें | 

----मिडिल ईष्ट --के देशों में युद्ध की ज्वाला और भड़केगी | चल रहे युद्ध में ईरान ,इराक ,इजराइल के साथ अन्य देश भी शामिल होते जायेंगें | रूस तथा यूक्रेन युद्ध भी अपने अंत की ओर बढ़ता जायेगा | चीन ,जापान ,कोरिया ,ताइवान जैसे देश युद्ध का नया मोर्चा खुल सकता है | नये -नये हथियारों का प्रदर्शन मानव जाति पर बड़ा संकट बनकर आयेगा | 

--अफ्रीका --जैसे देश में प्राकृतिक मार असहनीय होगी | संसार के तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि होगी | कुछ जगह स्वच्छ पानी की कमी ,समुद्र का बढ़ता जलस्तर चिंता का कारण बनेगा | खाने -पीने की वस्तुओं का संकट गहरा सकता है | 

--इस वर्ष -2025 -सस्येश बुध तथा धनेश चंद्र तथा रसपति शुक्र के प्रभाव से अपने देश भारत में अनाज ,चावल ,गन्ना ,हरी सब्जियां ,संतरा जैसे रसीले फल तथा दलहन की खेती अच्छी रहने से कृषक वर्ग में ख़ुशी रहेगी | बाजार भाव नियंत्रण में रहना सरकार की कामयाबी माना जायेगा | 

--दुर्गेश --शनि का फल सीमाओं पर अस्थिरता कहा गया है | पड़ौसी देश अपनी कुटिलता चालों से बाज नहीं आयेगा | आतंकी वारदात ,अवैध घुसपैठ ,सीमातिक्रमण की वारदातों में वृद्धि होगी | सामाजिक स्तर पर किसी प्रदेश को अस्थिर  करने की विदेशी ताकतों की चाल कामयाब नहीं होगी | 

-----धनेश --मंगल होने से बाजार भाव में अधिक घटा -बढ़ी होगी | सोना ,चांदी ,लोहा ,मशीनरी ,भारी इंजीनियरिंग निर्माण सामग्री में अधिक तेजी से निर्माणकार्य प्रभावित होंगें | संग्रहकर्ता लाभ कमायेंगें | खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ  आपका -


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बुधवार, 15 जनवरी 2025

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -106 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 हमारी आत्मकथा के पाठकगण -प्रत्येक व्यक्ति का लेखा -जोखा जन्मपत्री होती है | यह ज्योतिष राज विद्या और राजपरिवार की धरोहर है | इस धरोहर को सच्ची निष्ठां से राजा -महराजाओं ने आगे बढ़ाया है | भूदेवों ने भी सच्ची निष्ठा से संस्कारयुक्त होकर सदियों से इस ज्योतिष शास्त्र को आगे प्रेरणादायी बनाने का सार्थक प्रयास किया है | यह ज्योतिष  देवभाषा और देववाणी पर आधारित है | सम्प्रति यह ज्योतिष हिन्दी करण और आधुनिक वेष  -भूशा  पर आधारित हो गयी है | ज्योतिष शास्त्र में -नक्षत्र ,लग्न ,राशि ,मुहूर्त  तो मायने रखते ही हैं किन्तु -सबसे बड़ी चीज योग हैं  --जिनका   बिरले ज्योतिषी के मुखारविन्द से ही सटिक प्रभाव संभव है | आज के समय अंग्रेजी भाषा और आधुनिकता के आगे - ज्योतिष ज्ञान सीमित हो रहा है या ये कहें --प्राचीनता विलुप्त होने के कगार पर है | --यहाँ मेरा एकहि आग्रह है --प्रत्येक स्कूल की वेष -भूषा हो सकती है --तो ज्योतिष की भी भेष -भूषा को ज्योतिषी होने के नाते अवश्य अमल करें | मुझे बाल्यकाल में अंग्रेजी की शिक्षा थोड़ -बहुत मिली थी | हमने उनीसवीं शदी में पंचांग से ही ज्योतिषी सीखी थीऔर की थी जिसमें समय बहुत लगता था  किन्तु बिशवी शदी   में अंग्रेजी यंत्र पर भले ही कार्य कर रहे हैं किन्तु --फलादेश हमारा व्यक्तिगत एवं शास्त्रसम्मत ही होता है | आज ज्योतिष के कई ऐसे ग्रन्थ हैं --जो बहुत ही उपयोगी हैं किन्तु संस्कृत में हैं --इन ग्रंथों को केवल ज्योतिष विषय के छात्र ही समझ सकते हैं -मुहूर्तचिन्तामणि ,ताजिक नीलकण्ठी ,वृहत्पराशत ,सांख्यकारिका ,जातकाभरणं ,जातकतत्वम -इत्यादि ----आज ज्योतिषी बहुत हैं किन्तु आधुनिक ग्रन्थों के सहारे ,आज मानने वाले भी बहुत हैं किन्तु अल्पज्ञानी हैं या फिर प्राचीनता को नहीं मानने वाले | यही हाल कर्मकाण्ड जगत में भी हो रहा है --जो वैदिक पद्धति है -वो अपना तो कल्याण करती ही है पड़ोसी का भी उतना ही कल्याण करती है | किन्तु --तंत्र और यंत्र ने अपना अस्तित्व इतना बढ़ा दिया है --जो खुद का विनाश करते हैं साथ ही पडोसी का भी --ध्यान दें --जब पड़ोसी नहीं होंगें तो हम कहाँ होंगें ,जब पड़ौसी सुखी नहीं होंगें तो हम कहाँ से सुखी होंगें | -यह यंत्र और तंत्र इसलिए आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि इनमें मेहनत कम करनी पड़ती है ,धन कम खर्च होता है साथ ही सफलता शीघ्र मिलती है --किन्तु भविष्य सुखद नहीं होता है --पर हर व्यक्ति भविष्य की कामना नहीं करता है --वो केवल वर्तमान पर आधारित हैं --इसलिए हर व्यक्ति तत्काल प्रभाव चाहता है --जो मिलता भी है | वैदिक पद्धति महंगी है ,समय लगता है एवं सबको लाभ देती है --जो कतई बर्दास्त नहीं है --हम केवल एकही बात कहना चाहते हैं -जो आज मेरा है -वो कल मेरे बालक का होगा --बालक कैसे सुखी रहे इस ओर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए --क्योंकि हर व्यक्ति अपने लिए नहीं बच्चों के लिए ही तो जीते हैं --बच्चों के सुख में ही हर अभिभावक सुखी होते हैं | अतः ज्योतिष शब्द गरिमामयी है --इसकी गरिमा का ध्यान रखना हम सबका के कर्तव्य हैं --उम्मीद करता हूँ -वैदिक पद्धति को आत्मसात अवश्य करेंगें | --आगे की चर्चा अगले भाग में पढ़ें --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com


मार्गी और वक्री ग्रह -ज्योतिष कक्षा - जानें -पढ़ें -भाग -65 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


कौन -सा ग्रह मार्गी और कौन -सा ग्रह वक्री है ,इसका ज्ञान भी पंचांग देखने पर ही हो जाता है | जातक के जन्म के समय जो ग्रह मार्गी होता है ,वो उसे जीवन भर मार्गी ग्रह के रूप में ही अपना फल देता है और जो ग्रह वक्री होता है ,वो जीवन भर वक्री ग्रह के रूप में ही अपना फल प्रदान करता है | 

---इसके अतिरिक्त पंचांग की दैनिक गोचर गति के अनुसार जो ग्रह मार्गी अथवा वक्री होते रहते हैं ,वो जातक के जीवन पर अपनी उसी गति के अनुसार अलग से प्रभाव डालते हैं | मार्गी ---अर्थात ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलता रहे | यानि यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे सिंह राशि पर अपने भोग का समय पूरा करने के बाद ,सिंह से आगे कन्या राशि पर ,तत्पश्चात क्रमशः तुला ,वृश्चिक ,धनु ,मकर ,कुंभ आदि राशियों पर सीधे चलते जाना चाहिए | ऐसी सीधी चाल को "मार्गी ग्रह " कहा जाता है | 

-----वक्री का अर्थ है ---वो ग्रह ,जो अपने मार्ग पर सीधा आगे की ओर चलने के बजाय पीछे की ओर लौट जाता है ,अर्थात --यदि कोई ग्रह सिंह राशि पर है ,तो उसे कन्या राशि पर जाना चाहिए ,किन्तु वो कन्या राशि पर न जाकर यदि पीछे कर्क राशि पर लौट जाए ,तो उसे "वक्री ग्रह " कहा जायेगा | 

-----अगले भाग में -पारस्परिक दृष्टि -सम्बन्ध पर चर्चा करेंगें | - -भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  



खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...