ज्योतिष कक्षा --पाठ -70 ---
स्थानाधिपतियों के नाम ---जन्म कुण्डली में जो द्वादश भाव होते हैं ,उनमें से प्रत्येक भाव के स्वामी को उसी भाव के अनुसार -नाम अथवा गुण के अनुरूप -सम्बोधित किया जाता है | इस सम्बन्ध में तालिका के अनुसार समझ लेना चाहिए ------
1 ----प्रथमभाव ---प्रथमेश। लग्नेश ,देहाधीश
2 ----द्वितीयभाव ---द्वितीयेश ,धनेश
3 ---तृतीयभाव ------ तृतीयेश ,पराक्रमेश
4 ---चतुर्थभाव --------चतुर्थेश ,सुखेश
5 --पंचमभाव -------पंचमेश
6 ----षष्ठभाव -----षष्ठेश
7 ---सप्तमभाव -----सप्तमेश
8 ---अष्टमभाव -----अष्टमेश
9 ---नवमभाव ---नवमेश ,भाग्येश ,धर्मेश
10 --दशमभाव ----दशमेश ,राज्येश
11 ---एकादशभाव ---एकादशेश ,लाभेश
12 ---द्वादशभाव ----द्वादशेश ,व्ययेश
----अगले भाग में भावों में ग्रहों का फल पर परिचर्चा करेंगें -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com

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