सिंह राशि में जन्म लेने वाला व्यक्ति साधारण क्षवज्ञ ,धैर्यवान ,चिंतातुर ,उदार ,अभिमानी ,मातृभक्त ,कृषक ,शत्रु -विजयी ,प्रख्यात ,शिक्षक और श्यामवर्ण वाला होता है | साथ ही साहसी ,शीघ्र क्रोधित हो जाने वाला | दन्त रोगी ,श्रृंगार से अलिप्त रहने वाला ,साधु -संत प्रिय और आत्म-विश्वासी होता है |
---सिंह राशि का चिन्ह "शेर " शौर्य का प्रतीक है | यह स्वतंत्र प्रेमी और बिहारी होता है | दासता को यह कभी पसंद नहीं करता | यह मूल संज्ञक राशि है | पूर्व दिशा में इसका स्थान है | यह राशि राजसत्ता की स्वामिनी भी होती हैं | इसका जातक क्रूर कर्मा ,शांत लक्षणों से युक्त ,स्थिर स्वभाव का है | पाण्डु गौरवर्ण और तमोगुणी तत्व यह अपने अंदर निहित रखता है |
---इसका तत्व अग्नि है | जाति इसकी क्षत्रिय है | दिन में यह बलवान रहती है ,काननचारी है ,विषम है | उत्तर विषुवत रेखा की ओर 20 डिग्री से 12 डिग्री तक इस राशि का स्थान है | मघा ,पूर्वाफाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी का एक चरण इसमें व्याप्त है | इस कारण ज्योतिष तत्वज्ञों का मत है कि इस राशि में जन्म लेने वाला व्यक्ति ----बहुभृत्यो धनीभोगी पितृ भक्तो महोदयमी ,चमुनाथो राजसेवी मघायां जायते नरः "---इस युक्ति में विपुल तथ्य है | वास्तव में सिंह राशि वाले अधिक सेवक रखने वाले ,धनाढ्य ,भोगी ,माता और पिता के भक्त ,महान उद्योगी ,सेनापति और राजा की सेवा करने वाले होते हैं | ---अगले भाग में कन्या राशि पर चर्चा करेंगें | ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

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