यद्पि ज्योतिष अथाह सागर की भांति है जिसे मंथन के द्वारा ही समझा जा सकता है | छे शास्त्रों में ज्योतिष भी एक शास्त्र है जिसे -नेत्र या दर्पण के नाम से जाना जाता है | प्राचीन समय में जब जन्मकुण्डली का जब भूदेव निर्माण हाथों से करते थे तब आयु का निर्णय भी अपने -अपने क्षेत्रों के आधार पर करते थे ,समय बदला कंप्यूटर की कुण्डली बनने लगी ,कंप्यूटर में जन्मकुण्डली कितने पेज की चाहिए यह लोग जानने लगे, जबकि अंग्रेजी विज्ञान जगत में सभी चीजों को एकसाथ समाहित कर दिया गया --इसका प्रभाव यह हुआ कि हमें सच का पत्ता ही नहीं है असत्य की ओर बढ़ने लगे -जो मर्मज्ञ ज्योतिषी हैं वो आज भी अपने -अपने पंचांगों का ही सहारा लेते हैं | -----अस्तु ----भारतीय भूभागों में -उत्तरीय क्षेत्र में विंशोत्तरी महादशा चलती हैं -यहाँ के आचार्यों ने प्रत्येक व्यक्ति की उम्र 120 वर्ष मानी है --इसका अभिप्राय है किसी भी व्यक्ति के जीवन में जैसे बाल्यकाल ,युवा और बुढ़ापा के बाद जीवन का इतिश्री हो जाता है उसकी सीमा 120 वर्ष ही इस समय है --इसलिए यहाँ के लोगों को विंशोत्तरी महादशा से आयु निर्धारित होती है | ---पूर्वी भारत -में योगिनी दशा चलती है ---जिसका अर्थ है 64 वर्ष यानि प्रत्येक व्यक्ति की सही उम्र 64 वर्ष ही है इसके बाद दुबारा इस दशा की शुरुआत हो सकती है -जिसकी संख्या बहुत ही कम होती है | दक्षिणी भारत में --अष्टोत्तरी दशा की मान्यता आचर्यों ने दी है --जिसका अभिप्राय है --प्रत्येक व्यक्ति की उम्र --108 वर्ष ही संभव है अर्थात जीवन में इन्हौने भी माना किसी भी व्यक्ति के जीवन में कोई चीज दुबारा नहीं आती है | ---कंप्यूटर जगत ने इन तमाम बातों को प्रत्येक जन्मपत्री में एकसाथ प्रसारित कर दिया ,जिसकी वजह से पेज तो बहुत हो गए पर अभिप्राय नहीं बताया --इसकी वजह से ज्योतिषी अल्पज्ञानी हो गए ,अपना ज्ञान विस्मृत हो गया दूसरे का ज्ञान स्मरण रह गया |नोट ----हमने तमाम ज्योतिष के अनेक ग्रंथों का अवलोकन किया ,मेरा भी अनुभव रहा जितने ग्रन्थ उतने विचार नूतन ज्योतिष के ग्रंथों में केवल है प्राचीन जितने भी ग्रन्थ हैं उनके मत में कोई भिन्नता नहीं है --अतः 120 वर्ष की महादशा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में तो नहीं आती है पर अभी भी एक आध व्यक्ति की उम्र इतनी हो सकती है और यह दशा प्रत्येक व्यक्ति की आयु का निर्णय सटिक देती भी है | ज्योतिष जगत में यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की कितनी आयु है किन्तु इसके लिए गणित और फलित दोनों ज्ञान की जरुरत होती है साथ उत्तम गुरु की कृपा की भी जरुरत होती हैं |---आपका - -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ---आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलती है कि नहीं परखकर देखें -
khagolshastri.blogspot.com

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