ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

रविवार, 25 मई 2025

28 /05 /2025 से 11 /06 /2025 तक की भविष्यवाणी पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


 श्रीसंवत -2082 -शाके-1947 ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष -दिनांक -28 /5 /2025 से 11 /06 /2025 -तक भविष्यवाणी की बात करें -एक प्रमाण देखें --बुधस्य पंच वाराः स्यु यत्र मासे निरन्तरम ,प्रजाश्च सुख सम्पन्ना सुभिक्षं च प्रजायते | -अर्थात -प्रजाजनों में शान्ति का संचार होगा | खाने -पीने की वस्तुएं समयोचित मिलेगी | अन्नादि का उत्पादन अधिक होने से भावों में गिरावट खुशहाली बढ़ायेगी | अन्तर्राष्ट्रीय विश्व में शान्ति परिचर्चा चलेगी | --इस पक्ष --कुछ वस्तुओं के दामों में घट-बढ़ चलेगी तो कुछ के स्थिर रहेंगें | अनाज ,गुड़ ,शक्कर ,रसकश ,धान्य ,सोना ,चांदी ,श्रृंगार उनी वस्त्र ,तिलहन ,पशुचारा ,खल -बिनौला ,छिलका ,चरी घास फूंस में गिरावट दर्ज हो सकती है | राहु क्रूर ग्रह संयोग कहीं भारी क्षति करा सकता है | ---इस राहु योग --के चलते कहीं अकाल जैसे हालात बन जाते हैं | ---आकाश लक्षण की बात करें तो --ज्येष्ठ तृतीया में द्वादशी तक वर्षा बूंदा बांदी नेष्ट होती है | मौसम शुष्क रहे ,प्रचण्ड गर्मी पड़े ,लू चले | तपन त्रस्त करे तो वर्षा रितु में जल की कमी नहीं रहती | ईख ,रसकश ,गुड़ ,शक्कर,चीनी ,खाण्ड ,चावल पटसन ,आलू ,गाजर ,मूली ,सिंघाड़े ,मेवाओं की फसल बहुत होती है | भावों में गिरावट रहती है | अनाज ,धातुएं तेज हो सकती है | ---भवदीय --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


शुक्रवार, 23 मई 2025

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -107 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 दोस्तों -आत्मकथा अबलोकन नहीं आत्ममंथन की चीज है --जिस और प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान नहीं जाता है | मेरा यह प्रयास है -मेरी आत्मकथा को पढ़ने वाले जितने भी पाठक हैं -इस आत्मकथा को दारुण कथा न समझकर अपने आप को ठीक करने का प्रयास करें | प्रत्येक व्यक्ति को कब क्या करना चाहिए --केवल शास्त्रों के पथ पर चलना चाहिए या लोकाचार की बातों को माननी चाहिए ,या माता पिता एवं परिजनों ने सिखाया है उसे अमल करना चाहिए | मेरा मत है -भूत से वर्तमान और वर्तमान से भविष्य का निर्माण होता है | जो व्यक्ति वर्तमान को ठीक नहीं करता है -उसे केवल भूत और भविष्य की चिंता तो हो सकती है --पर  ये दोनों काल केवल वर्तमान पर आधारित होते हैं -जिसे हर हाल में हर व्यक्ति को अपने जीवन को केन्द्रित करना चाहिए | भूल किसी से भी हो सकती है -पर जब यह व्यक्ति सोच ले अब भूल नहीं करनी है --तो गलती हो ही नहीं सकती है | ----अस्तु --हर व्यक्ति की अभिलाषा पहली धन की होती है | धन का का अभिमान पचाना अत्यन्त ही कठिन होता है | जिस व्यक्ति ने धन को पचा लिया -वो विजय पथ पर आरूढ़ हो सकता है | जो व्यक्ति अपने जीवन को जितना सरल बनाकर जियेगा वास्तव में वो सबसे सुखी होगा | धनातधर्मः ततः सुखं --किन्तु व्यक्ति धन से वो धर्म करता है जो उसे अच्छा लगता है -जो शास्त्र या गुरुजन कहते हैं उस धर्म को कदापि नहीं मानता है न ही करने का प्रयास करता है | --मेरा जन्म राजयोग में हुआ दस वर्ष में दरिद्र योग आया जिसको बीतने में 28 वर्ष लगे --इसी बीच -शिक्षा ,दीक्षा ,विवाह ,संतान ,जीवन -मरण सब कुछ देखने को मिला | जब 28 वर्ष के हुए तो फिर राजयोग आया किन्तु -जब युवावस्था रोटी बिना बीती तो --धन आने के बाद भोग में रूचि नहीं रही | धन होते हुए सदा जीवन जीते रहे | बेटी की शादी करनी थी --शकल से साधारण थे पर मन से धनाढ्य थे -जितना धन खर्च हो मंजूर था --पर मेरा स्वरुप किसी के समझ में नहीं आया | जब यात्रा करनी होती है --साधारण करना पसंद करते हैं --किन्तु सामने वाला धन के मद में चूर रहता है | जब अपने बेटे का दाखिला कराना होता है -मन के अनुकूल धन खर्च करते हैं किन्तु --उस आफिस में मुझे लोग गरीब ब्राह्मण पुजारी समझते हैं | मेरे पास माँ लक्ष्मी और सरस्वती दोनों का आशीर्वाद प्राप्त है -पर न कार की लालसा है ,न ही वैभवशाली जीवन की तमन्ना है ---केवल तमन्ना यह रहती है -इन  दोनों का सदुपयोग कैसे करें | पैदल चलने में बहुत मजा आता है ,सादा भोजन से प्रफुल्लित सदा रहता हूँ ,साधारण वस्त्र धारण करते हैं | मेरे विचार से देश ,काल और परिस्थिति के अनुसार तमाम निर्णय व्यक्ति को महान बनाते हैं --जिस पर हर व्यक्ति को विशेष ध्यान देना चाहिए | हमने शुक्ल महंगा रखा है --पर मेरा स्वभाव या प्रभाव बहुत ही सरल रहता है --जिसे अनुभव करने से ही समझ में आ सकता है | मेरी  जीवनी के अंतिम भाग चल रहे हैं कुछ आलेखों के बाद किताब पूर्ण हो जाएगी --उसके बाद अवकाश ले लेंगें | -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  


पंचधा मैत्री सम्बन्ध क्या है -पढ़ें -भाग -72 -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 i---यदि किसी ग्रह का कोई ग्रह नैसर्गिक तथा तात्कालिक दोनों प्रकार से मित्र हुआ तो वो अधिमित्र माना जाता है | 

-2 -यदि किसी ग्रह का कोई ग्रह नैसर्गिक तथा तात्कालिक दोनों प्रकार से शत्रु हुआ तो वो अधिशत्रु होता है | 

-3 -यदि किसी ग्रह का कोई ग्रह नैसर्गिक तथा तात्कालिक ,इन दोनों प्रकार में से एक में मित्र व् एक में शत्रु हुआ ,तो वो "सम "माना जाता है | 

--4 --यदि किसी ग्रह का कोई ग्रह नैसर्गिक मैत्री -चक्र में सम है और तात्कालिक चक्र में मित्र है ,तो वो परिणामतः मित्र हुआ | 

---5 --यदि किसी ग्रह का कोई ग्रह नैसर्गिक मित्र चक्र में सम है और तात्कालिक चक्र में शत्रु हुआ ,तो परिणामतः वो शत्रु हुआ | नैसर्गिक मित्रामित्रता -"मित्रता अमित्रता " तथा तात्कालिक मित्रामित्रता -मित्रता अमित्रता -वश उपर्युक्त पांच प्रकार के सम्बन्ध स्थापित हो सकते हैं | इस कारण दोनों प्रकार के मैत्री -चक्र का समन्वय करने से जो सम्बन्ध -चक्र बनता है --उसे पंचधा -पांच प्रकार का मैत्री सम्बन्ध कहते हैं | -----भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ -ज्योतिष की समस्त  जानकारी के लिए इस लिंक पर पधारें khagolshastri.blogspot.com  



खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...