ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024

मेरी आत्मकथा पढ़ें भाग -101 - खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


 दोस्तों -हर व्यक्ति में बहुत गुण तो अपगुण भी बहुत होते हैं | केवल माता पिता या गुरुजन या सत्संग के द्वारा किसी भी व्यक्ति को सही दिशा मिल सकती है | जब व्यक्ति माता -पिता या गुरुजनों या सत्संग के ऊपर तर्क और कुतर्क करने लगता है --तो दिशाहीन हो जाता है --फिर उसे उठना या गिरना निरन्तर बना रहता है | --अस्तु --मेरी कुण्डली में जितने सशक्त -मजबूत ग्रहों के प्रभाव थे उससे कई गुणा हानिकारक ग्रहों के भी प्रभाव थे --इसलिए  माता -पिता एवं गुरुजनों तथा सत्संग से -जब -जब विमुख हुआ, तब -तब बहुत कुछ खोता गया | युवावस्था हो साथ ही राहु की विपरीत दशा हो व्यक्ति स्वतन्त्र हो तो --व्यक्ति अग्नि में घी डालने का काम निरन्तर करता रहता है --उस समय उसे तर्क और कुतर्क घेरे रहते हैं --फिर वो बहुत कुछ पाने की जगह खोता रहता है | खासकर मेरे साथ ऐसा ही हुआ | अनपढ़ समाज और परिवार में मैं शास्त्री हुआ, यह अभिमान था --पर यह समझ नहीं थी अनपढ़ को शास्त्रों से नहीं प्रेम से जीता जा सकता है | इसका परिणाम यह हुआ - धन कमाना है बड़ा व्यक्ति बनना है --यह सोच तो मूर्ख व्यक्ति की भी होती है --तो फिर मुझमें और  अनपढ़ में क्या अन्तर था ---कुछ भी नहीं ---इसका परिणाम यह हुआ --जो परिवार धन के अभाव में एक था ,एक सहमति थी ,एक थाली में सभी समाहित थे --सबने राजा का सपना देखा --परिवार के सभी सदस्य धन के राजा बनें ---जब धन के राजा बनें --तो फिर धर्म और अधर्म का ज्ञान कहाँ होता है | ऐसी स्थिति में युद्ध धर्म -अधर्म पर ही आधारित होता है --पर वास्तव में यह युद्ध अहंकार का होता है ---जो एकबार शुरू हो जाय तो अपने  चपेट में सबका नाश कर देता है | जीवन भर के लिए सबसे पहले अशांत सबका जीवन हो जाता है | धन तो होता है -भाई -भाई का प्रेम नहीं होता है | धन  तो होता है माता -पता दो भागों बंट जाते हैं | धन तो होता है --समाज दो गुटों से उसी परिवार में जुड़ा रहता है | अपने -अपने  दुःखों के तर्क तो होते  हैं किन्तु दवा शान्ति नहीं अशान्ति होती है --इस युद्ध में --भाई --भाई को खो देता है ,माता पिता सन्तानों को खो देते हैं ,समाज में  उदाहरण हो जाता है --फिर समाज का दूसरा घर भी इसी का शिकार होता है | जीते जी तो सहानुभूति नहीं होती है --पर मरने पर शान्ति  के लिए -पिंडदान ,यज्ञ ,ब्राहण भोजन --अनन्त प्रकार के दान होते हैं --यह कहकर  फलाने अपने थे,विद्वान थे ,दानी थे ,अच्छे थे  --जीते जी तो पराये से भी बदतर होते है | ---हमने  अपने  जीवन काल में यही अनुभव किया है | आगे की चर्चा आगे करेंगें ---भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी  झा मेरठ ---ज्योतिष और कर्मकाण्ड की अनन्त बातों को  इस पेज पर पढ़ें या सुनें ---https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut


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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...