ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

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ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

ज्योतिष कक्षा पाठ -48 -सूर्य ग्रह का स्वभाव और प्रभाव पढ़ें -खगोलशास्त्री झा मेरठ


किस ग्रह का स्वभाव और प्रभाव कैसा है और इसके द्वारा किन -किन बातों का विचार किया जाता है --इसे निम्न रूप से समझना चाहिए --

--सूर्य -विश्व का सम्राट है ,तेजस्विता और ओज का द्योतक है | यह सर्व जीवन पर अधिपत्य करता है | यह रक्त और रक्त -प्रवाह पर अनुशासन रखता है | सूर्य की राजसी प्रकृति  है | यह द्रुत और मांसल है | यह अपमान सहन नहीं करता ,उदासीनता पसंद नहीं करता | प्रतिष्ठा में यह अपना पूर्ण अंश चाहता है | यह तड़क -भड़क का प्रेमी है और चाहता है कि छोटी -छोटी बातें बड़े शिष्टाचार से ,व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हों | धन -दौलत एवं आदर -सत्कार में अपनी सर्वाधिक प्रतिष्ठा चाहते हैं | वो राजसी भोजन तथा भव्य परिवेश को अधिक पसंद करते हैं | अपने साथ अनुयायी वर्ग रखना उन्हें अच्छा लगता है | वो चापलूसी पसंद करते हैं और अपने अधिपत्य चाटुकारों को बड़े -बड़े उपहार देने में भी संकोच नहीं करते | 

--सूर्य ग्रह वाले शीघ्र कुपित हो जाते हैं और उतनी ही शीघ्रता से उनका सम्मान अथवा उनकी चापलूसी भी की जा सकती है |   किन्तु आसानी से वो किसी को भी माफ नहीं करते ! यह ग्रह पुरुष जाति ,रक्त वर्ण ,पित्त -प्रकृति तथा पूर्व दिशा का स्वामी है | यह आत्मा ,आरोग्य ,स्वभाव ,राज्य ,देवालय का सूचक एवं पितृकारक है | इसके द्वारा शारीरिक रोग ,मंदाग्नि ,अतिसार ,सिरदर्द ,क्षय ,मानसिक रोग ,नेत्र -विकार ,उदासी ,शक ,कलह ,अपमान आदि का विचार किया जाता है | मेरुदंड ,स्नायु ,कलेजा ,नेत्रादि अवयवों पर इसका विशेष प्रभाव होता है | इससे पिता के सम्बन्ध में भी विचार किया जाता है | सूर्य लग्न से सप्तम स्थान में बली तथा मकर राशि से छह राशियों तक चेष्टाबली  होता है | --इसे पापग्रह माना गया है | 

नोट --जातक की कुण्डली में जैसी  स्थिति में सूर्य ग्रह होगा --उसी अनुपात जातक को लाभ या हानि होगी | अगले भाग में चंद्र ग्रह पर विवेचन करेंगें ---------भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com


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