प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं और उनमें से प्रत्येक चरण एकेक अक्षर होता है | किस अक्षर की कौन सी राशि बनती होती है ,इसे निम्न तालिका के अनुसार समझ लेनी चाहिए ----
----1 ---- मेष --चू चे चो ला ली लू ले लो आ
---2 ------ वृष ---ई ऊ ए ओ वा वी वू वे वो
---3 -------मिथुन --का की कू घ ड छ के को हा
----4 ------कर्क --ही हू हे हो डा डी डू डे डो
----5 ----सिंह --मा मी मू में मो टा टी टू टे
-----6 ---कन्या --टो पा पी पू ष ण ठ पे पो
-----7 --तुला ---रा री रु रे रो ता ती तू ते
-----8 ---वृश्चिक ---तो ना नी नू ने नो या यी यू
---9 -----धनु ----ये यो भा भी भू ध फा ढा में
----10 --मकर ---भो ज जी खी खू खे खो गा गी
---11 ---कुम्भ --गू गे गो सा सी सू से सो दा
----12 --मीन ----दी दू थ झ य दे दो च ची
---किस राशि के अंतर्गत किस -किस नक्षत्र के कितने -कितने चरण होते हैं --इसे नीचे लिखे अनुसार समझा जा सकता है -------
--1 ---मेष ---अश्विनी तथा भरणी के चारों चरण एवं कृतिका नक्षत्र का पहला चरण |
--2 --वृष --कृतिका नक्षत्र के अंतिम तीन चरण ,रोहिणी नक्षत्र के चारों चरण तथा मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण |
--3 --मिथुन -मृगशिरा नक्षत्र के अंतिम दो चरण ,आर्द्रा नक्षत्र के चारों चरण तथा पुनर्वसु नक्षत्र के पहले तीन चरण
--4 --कर्क --पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम एक चरण तथा पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण |
--5 --सिंह --मघा तथा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारों चरण एवं उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का पहला एक चरण |
--6 --कन्या -उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतिम तीन चरण ,हस्त नक्षत्र के चारों चरण तथा चित्रा नक्षत्र के अंतिम तीन चरण |
--7 --तुला --चित्रा नक्षत्र के अंतिम दो चरण ,स्वाति नक्षत्र के चारों चरण तथा विशाखा नक्षत्र के पहले दो चरण |
--8 --वृश्चिक --विशाखा नक्षत्र का अंतिम चरण ,अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र के चारों चरण |
--9 --धनु --मूल तथा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चारो चरण एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का पहला चरण |
--10 --मकर --उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम एक चरण ,श्रवण नक्षत्र के चारों चरण तथा धनिष्ठा नक्षत्र पहले दो चरण
--11 --कुम्भ --धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरण ,शतभिषा नक्षत्र के चारों चरण तथा पूर्वाभाद्रपद के पहले तीन चरण
--12 --मीन --पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का अंतिम एक चरण ,तथा उत्तराभाद्रपद एवं रेवती नक्षत्र के चारों चरण |
---नोट --अभिजीत नक्षत्र की गणना मकर राशि के अंतर्गत की जाती है ,अतः अभिजीत नक्षत्र के चारों चरणों के चार अक्षर जू जे जो खा की राशि भी मकर ही समझनी चाहिए | --अगले भाग में राशि मंडल पर विचार रखेंगें -----अगले भाग में अक्षरानुसार राशि ज्ञान पर परिचर्चा करेंगें ----भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

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