ज्योतिष के अनुसार कितने लोक हैं - -पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
--अंतरिक्ष और पृथ्वी जगत के 3 भाग माने गये हैं । वेदों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि मेघ ,विदयुत और नक्षत्रों का आक्रमण -प्रदेश पृथ्वी से बहुत दूर है । इसी प्रमाण पर पौराणिक ग्रंथों में जगत {संसार }को लोक की संज्ञा दी गई है । तथा उनमें प्रमाणित वर्णित लोक इस प्रकार से हैं । --1 -भूलोक ,2 -भुवर्लोक ,3 -महलोक ,4 जनलोक ,5 -सत्यलोक ,6 -तपोलोक ,7 -स्वर्गलोक । ------स्वर्ग ,मृत्य अर्थात पृथ्वी और पतालात्मक विभाग वेदों में नहीं मिलते । पुरातन ऋषि -मिनियों ने ये लोक इन लोकों से ऊपर माने हैं । उनकी की दृष्टि में नीचे के सात लोक ---1 -तल ,2 -अतल, 3-सुतल ,4 -वितल ,5 -तलातल ,6 -रसातल ,और 7 पाताल हैं । नोट --ज्योतिष को नेत्र की उपाधि मिली है ये केवल जीव के लिए है इसलिए जब तक चराचर जगत के बाह्य एवं आभ्यन्तर को नहीं जानेंगें तब तक एक सच्चा ज्योतिषी नहीं बन सकते हैं --क्योंकि जीव के आने से लेकर जाने तक की बातों को ज्योतिष बताता है । ---प्रेषकः खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --- - परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 +09358885616--- आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं पखकर देखें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut-

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